एनपीसीएल का बिजली चोरों पर शिकंजा, डेटा विश्लेषण के जरिए पकड़ी 96 लाख की बिजली चोरी, 150 से ज्यादा संदिग्ध उपभोक्ताओं के यहां छापेमारी, 58 लोगों के खिलाफ दर्ज हुए मामले
एनपीसीएल का बिजली चोरों पर शिकंजा, डेटा विश्लेषण के जरिए पकड़ी 96 लाख की बिजली चोरी, 150 से ज्यादा संदिग्ध उपभोक्ताओं के यहां छापेमारी, 58 लोगों के खिलाफ दर्ज हुए
मामले
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा में बिजली चोरों के खिलाफ जारी अभियान में नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड को बड़ी कामयाबी मिली है। एनपीसीएल ने एडवांस मीटर डेटा एनालिसिस के जरिए कुल 96 लाख की बिजली चोरी पकड़ी और एक ही दिन में 58 लोगों के खिलाफ बिजली चोरी का मामला दर्ज कराया। हैरानी की बात ये है कि इस बार ग्रामीण क्षेत्रों के साथ शहरी इलाके में भी बड़े पैमाने पर बिजली चोरी पकड़ी गई। डेटा एनालिसिस के जरिए संदिग्ध उपभोक्ताओं की पहचान कर उनके खिलाफ चलाए गए अभियान के तहत एनपीसीएल की विजिलेंस टीम ने सुथ्याना गांव में बड़ी मात्रा में बिजली चोरी पकड़ी। यहां महाराज सिंह नागर के परिसर में बिजली कनेक्शन होते हुए भी 65 किलोवाट लोड जोड़कर 200 कमरे और 20 दुकानें चोरी की बिजली से रोशन हो रहे थे। बिजली चोरों के खिलाफ चलाए जा रहे इस अभियान में मायचा गांव में चेतराम को 28 किलोवाट लोड जोड़कर चोरी की बिजली से 6 एसी, ट्यूबवेल और चारा मशीन चलाते पकड़ा गया। इस अभियान के तहत इन दोनों गांवों के अलावा सूरजपुर, कासना, मुबारकपुर, शिवराजपुर, देवला, रामपुर फतेहपुर, बिरोडा और स्वर्ण नगरी में स्थित 150 से ज्यादा संदिग्ध उपभोक्ताओं की पहचान कर उनके परिसरों की जांच की गई। बिजली चोरों के खिलाफ अभियान में इन सभी जगहों पर कुल 246 किलोवाट की बिजली चोरी पकड़ी गई और 86 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया। इस कार्रवाई के दौरान 54 लोगों के खिलाफ बिजली चोरी के मामले भी दर्ज कराए गए। एडवांस मीटर डेटा एनालिसिस से हासिल जानकारी अब बहुमंजिला इमारतों में भी बिजली की चोरी पकड़ने में मददगार साबित हो रही है। डेटा एनालिसिस के जरिए एनपीसीएल की निगरानी टीम ने ओमिक्रॉन 1 एचआईजी अपार्टमेंट में 4 उपभोक्ताओं की पहचान कर उन्हें चोरी करते पकड़ा। जांच में पता चला कि ये सभी मीटर में शंट बिजली की चोरी कर रहे थे, इन लोगों के खिलाफ बिजली चोरी मामला दर्ज कर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। चोरों को पकड़ने के लिए एनपीसीएल की ओर से क्षेत्र में सभी पर डेटा स्टोर करनेवाले यंत्र लगे हुए हैं जिसके अध्य्यन से ये चल जाता है कि किन इलाकों में कितने लोग बिजली चोरी कर रहे।
डेटा एनालिसिस से संदिग्ध बिजली चोरों की पहचान इस तरह 1. उपभोक्ताओं के बिजली उपयोग करने का पैटर्न 2. मीटर से अलग-अलग तरीकों से छेड़छाड़ का विश्लेषण 3. मांग और बिजली के उपयोग का विश्लेषण 4. उपभोक्ता की कनेक्शन श्रेणी और उपयोग का विश्लेषण मीटर में शंट लगाना बिजली चोरी के लिए मीटर के इनपुट और आउटपुट टर्मिनलों के बीच एक अतिरिक्त तांबे के तार को जोड़कर मीटर के करंट को बायपास कर मीटर की गति को धीमा कर दिया जाता है। बिजली चोरों को ये समझ लेना चाहिए कि कि वो चोरी करने का कोई भी तरीका अपना लें, डेटा एनालिसिस के जरिए उनकी पहचान कर ली जाएगी। बिजली चोरी करना जहां एक संगीन अपराध है, वहीं जिस तरह अवैध तारों को जोड़कर बिजली की चोरी की जाती है उससे आम लोगों कला जीवन भी खतरे में पड़ जाता है। एनपीसीएल प्रबंधन सभी
क्षेत्रवासियों से अपील करता है कि वो वैध तरीके से लगाए मीटर के जरिए ही बिजली का उपयोग करें और बिजली चोरी से तौबा करें।