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उद्यमिता की ओर एक नई सोच – मयंक झा ने जी.एल. बजाज संस्थान में साझा किए स्टार्टअप्स के सफलता के मंत्र

उद्यमिता की ओर एक नई सोच – मयंक झा ने जी.एल. बजाज संस्थान में साझा किए स्टार्टअप्स के सफलता के मंत्र

शफी मौहम्मद सैफी

ग्रेटर नोएडा। जी.एल. बजाज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, मथुरा में एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें प्रसिद्ध स्टार्टअप मेंटर और ग्लोबल बिजनेस आइकन पुरस्कार विजेता मयंक झा को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। इस सत्र का मुख्य उद्देश्य छात्रों को स्टार्टअप की दुनिया में अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करना और उन्हें कानूनी एवं नैतिक रूप से स्टार्टअप स्थापित करने की प्रक्रिया से अवगत कराना था। यह आयोजन संस्थान के इनोवेशन एवं एन्त्रेप्रेन्योरशिप विकास कार्यक्रम के तहत आयोजित किया गया था।कार्यक्रम के दौरान, मयंक झा ने दो महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी बात रखी – “एक सफल स्टार्टअप फाउंडर द्वारा प्रेरणादायक सत्र” और “स्टार्टअप की योजना कैसे बनाएं एवं कानूनी और नैतिक कदम”। उन्होंने छात्रों को अपने विचारों को व्यावसायिक रूप देने और एक सफल उद्यमी बनने के लिए आवश्यक रणनीतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आज के दौर में स्टार्टअप संस्कृति तेजी से विकसित हो रही है और इसमें अपार संभावनाएँ हैं।

श्री मयंक ने इस बात पर जोर दिया कि स्टार्टअप केवल एक व्यवसाय नहीं, बल्कि एक सोच है, जो समस्याओं को हल करने और समाज में मूल्य जोड़ने का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि उद्यमिता एक चुनौतीपूर्ण लेकिन संतोषजनक यात्रा है, जिसमें आत्मनिर्भरता, नवाचार और सतत सीखने की आवश्यकता होती है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि स्टार्टअप केवल एक आइडिया तक सीमित नहीं होता, बल्कि उसे सही दिशा में ले जाने के लिए एक मजबूत योजना, सही टीम और निरंतर मेहनत की आवश्यकता होती है।उन्होंने स्टार्टअप शुरू करने के विभिन्न चरणों पर चर्चा की, जिसमें विचारधारा निर्माण, मार्केट रिसर्च, उत्पाद विकास, टीम निर्माण, कानूनी औपचारिकताएँ और फंडिंग के विकल्प शामिल थे। उन्होंने कानूनी एवं नैतिक कदमों पर विशेष जोर दिया और बताया कि किस प्रकार एक स्टार्टअप को सही दिशा में ले जाने के लिए उचित नियमों का पालन करना अनिवार्य है। उन्होंने यह भी बताया कि कई स्टार्टअप उचित कानूनी मार्गदर्शन की कमी के कारण विफल हो जाते हैं, इसलिए शुरुआती दौर में ही उचित परामर्श लेना आवश्यक होता है।इस सत्र के दौरान, छात्रों ने स्टार्टअप्स से संबंधित अपनी जिज्ञासाओं को व्यक्त किया और मयंक झा ने उनके सभी सवालों का व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत किया। सत्र अत्यधिक संवादात्मक रहा, जिसमें 100+ छात्रों ने भाग लिया और उत्साहपूर्वक चर्चा की। उन्होंने कई वास्तविक जीवन के उदाहरणों के माध्यम से छात्रों को स्टार्टअप की यात्रा के विभिन्न पहलुओं को समझाया, जिससे उन्हें एक स्पष्ट दृष्टिकोण प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया कि कैसे किसी भी विचार को बाजार में सफल उत्पाद के रूप में बदला जा सकता है और इसके लिए किन व्यावहारिक कदमों की आवश्यकता होती है।कार्यक्रम के अंत में, मयंक झा को जी.एल. बजाज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस द्वारा प्रशंसा चिन्ह भेंट किया गया। उपस्थित छात्रों और संकाय सदस्यों ने उनकी गहन अंतर्दृष्टि और प्रेरणादायक शब्दों के लिए आभार व्यक्त किया। संस्थान के निदेशक ने भी इस अवसर पर उद्यमिता के महत्व को रेखांकित किया और छात्रों को इस क्षेत्र में अपनी यात्रा शुरू करने के लिए प्रेरित किया।इस आयोजन ने छात्रों को न केवल स्टार्टअप के प्रति जागरूक किया, बल्कि उन्हें अपने विचारों को वास्तविकता में बदलने की दिशा में प्रेरित भी किया। यह सत्र निश्चित रूप से भावी उद्यमियों के लिए एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक साबित होगा और उन्हें आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित करेगा।

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