कंपनी में काम करते घायल हुए राजेन्द्र को दस साल बाद जगी न्याय की उम्मीद, एडवोकेट प्रियंका अत्री के प्रयास से मुलजिमों को किया गया तलब
कंपनी में काम करते घायल हुए राजेन्द्र को दस साल बाद जगी न्याय की उम्मीद, एडवोकेट प्रियंका अत्री के प्रयास से मुलजिमों को किया गया तलब
शफी मौहम्मद सैफी
ग्रेटर नोएडा। लगभग दस वर्ष पहले राजेन्द्र राम नामक मजदूर जो कंपनी में काम करता था।कंपनी में काम करते समय गाड़ी के पेपर के बंडल उतारते समय बंडल उसके ऊपर गिर गए जिससे वह पूरी तरह घायल हो गया उस समय उसकी किसी ने मदद नहीं की जिसे उसे समय सफदरजंग अस्पताल दिल्ली पहुंचाया गया जहाँ उसे उसकी इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उसकी टाँग काट दी उसके बाद उसका आई कार्ड भी कंपनी वालों ने ज़ब्त कर लिया जिसकी वजह से वह अपना मुक़दमा लेबर कोर्ट में डाल सकता था लेकिन कंपनी के ख़िलाफ़ कोर्ट में मुक़दमा दायर किया गया जो परिवादी के रूप में दर्ज हुआ। जिला न्यायालय में वकील एडवोकेट प्रियंका अत्री उपरोक्त मुक़दमे को लड़ती रही कई बार मजिस्ट्रेटों से उक्त मुक़दमे के बारे में जिरह भी हुई किसी ने भी इस ग़रीब की फाइल पर कभी ध्यान नहीं दिया लेकिन 10 वर्ष बाद मुलजिमों को धारा 504,506 भारतीय दंड संहिता मैं तलब किया है जिससे राजेंद्र राम को तसल्ली मिली है और न्याय की उम्मीद जगी है।