GautambudhnagarGreater noida news

भट्टा पारसौल और क्षेत्र के किसानों का फूटा गुस्सा, जेवर विधायक को तलब करते हुए शीघ्र समस्याओं का निस्तारण कराए जाने को कहा।

भट्टा पारसौल और क्षेत्र के किसानों का फूटा गुस्सा, जेवर विधायक को तलब करते हुए शीघ्र समस्याओं का निस्तारण कराए जाने को कहा।

ग्रेटर नोएडा। अचानक भट्टा पारसौल में आयोजित किसानों की पंचायत में उपस्थित क्षेत्र के अनेकों ग्रामों के किसानों ने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान किया। किसानों की इस पंचायत में क्षेत्र के किसानों ने जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह को भी बुलाया और कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृव वाली प्रदेश सरकार में 08 वर्ष बाद भी क्षेत्र के किसानों की समस्याएं जस की तस बनी हुई है।”जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह ने किसानों की समस्याओं को सुनते हुए उन्हें पूर्ण आश्वस्त किया कि “आपकी समस्याएं मेरी समस्याएं हैं।

“जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने किसानों की पंचायत में उपस्थित यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को आगामी 15 दिवस में किसानों की समस्याओं को लेकर प्राधिकरण की स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए और कहा कि “यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण को ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं करनी चाहिए, जिससे किसान यहां हो रहे विकास में असहयोग करने के लिए आगे आ जाएं।” किसानों की इस पंचायत में क्षेत्र के किसानों ने चार मांगों से संबंधित एक मांग भी जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह को सौंपा, जो सन 2009 में अधिगृहित की गई जमीनों, 07 प्रतिशत आबादी के भूखंड, 64.70 अतिरिक्त प्रतिकार, बैकलीज और पुरानी आबादियों से संबंधित है।भट्टा पारसौल में आयोजित किसानों की पंचायत में उपस्थित किसान अनूप सिंह ने कहा कि “हम उसी भट्टा पारसौल के किसान हैं, जिन्होंने पूरे जनपद के भूमि अधिग्रहण पर ब्रेक लगाया था। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अधिकारी, यह कतई न समझे कि दोबारा भूमि अधिग्रहण पर ब्रेक नहीं लगाया जा सकता। अगर आगामी 15 दिवस में किसानों की समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ तो, प्राधिकरण की विकास की योजनाएं बाधित होंगी, जिसकी जिम्मेदारी प्राधिकरण की होगी।” इस मौके पर करौली बांगर के किसान अमरपाल सिंह ने कहा कि “यहां के किसानों ने आगे बढ़कर नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और क्षेत्र में विभिन्न परियोजनाओं के विकास के लिए अपनी जमीन दीं, लेकिन प्राधिकरण में बैठे अधिकारी, किसानों से झूठे वायदे करते हैं और विकास के नाम पर हमें ठगते हैं और फिर हमें विकास की दौड़ से बाहर करते हैं, जो अब नहीं चलेगा।”

Related Articles

Back to top button