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गौतमबुद्धनगर की “मानस अवलोकन संस्था (कलुपुरा)” ने मनायी गोस्वामी तुलसीदास की जयंती

गौतमबुद्धनगर की “मानस अवलोकन संस्था (कलुपुरा)” ने मनायी गोस्वामी तुलसीदास की जयंती

शफी मौहम्मद सैफी

ग्रेटर नोएडा।श्रावण मास शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि के दिन रविवार को संत गोस्वामी तुलसीदास की जयंती का बौद्ध मिशन कन्या उ. मा. विद्यालय कलूपुरा में भव्य आयोजन किया गया। आयोजन में संत महात्माओं और विद्वानों ने सभी ने एक ही बात कही कि हम सब के लिये “अपना राष्ट्र सर्वोपरि है” हम सदैव शांति के पक्षधर रहे हैं। “ वसुधैव कुटुम्बकम्” की हमारी संस्कृति रही है। परन्तु समय आने हम अपने प्यारे राष्ट्र भारत की रक्षा के लिये उसकी आन बान और शान के लिये। अपनी महान संस्कृति की रक्षा के लिये हम सब कुछ करने को तैयार हैं। अपने राष्ट्र की रक्षा के लिये यदि हमें जीवन भी बलिदान करना पड़ेगा तो हम अवश्य करेंगे। हम कभी भी उस से पीछे नहीं हटेंगे। यही हमारा वचन है। गोस्वामी तुलसीदास ने भी जीवन भर अनेक प्रकार की मुसीबतों का सामना करते हुए सदैव धर्म की रक्षा के लिये अनेकों कष्ट सहे। परन्तु अपने राष्ट्र की महान संस्कृति की रक्षा और उसके गौरव को बढ़ाने के लिये सदैव तत्पर रहे। और “श्रीरामचरितमानस” जैसे महान सदग्रंथ की रचना करके समस्त मानव जाति के ऊपर महान परोपकार किया।
मानस अवलोकन संस्था के महासचिव हरिओम शास्त्री ने बताया कि मानस अवलोकन संस्था पिछले २५ वर्षों से राष्ट्र हित में अपनी भारतीय संस्कृति की महान विधाओं का अवलंबन करते हुए देश की महान विरासत को अनेक धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन द्वारा जन जन तक पहुँचाने का नेक कार्य कर रही है। संस्था के संयोजक संजय विमल देव ने कहा कि यह संस्था सदैव से ही देश की युवा पीढ़ी को विशेष रूप से विद्यार्थियों जो कि देश का भविष्य हैं। उनके चहुँमुखी विकास की पक्षधर और हिमायती रही है। संस्था का सदउद्देश है कि आज की युवा पीढ़ी अपने महापुरुषों के जीवन से सीख लेकर अपने राष्ट्र की महान संस्कृति का अवलंबन करते हुए देश के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करे। मानस अवलोकन संस्था के कार्यालय में नियमित रूप से विद्यार्थियों द्वारा रामचरितमानस का पाठ किया जाता है। प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को सुन्दर काण्ड का पाठ किया जाता है। देश की युवा पीढ़ी को सत्संग के माध्यम से महापुरुषों की कथाएँ सुनाई जाती हैं। ग़रीब परिवारों के बच्चों को उनकी शिक्षा के लिये सहायता राशि भी प्रदान की जाती है।

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