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जीबीयू के डॉ. अरविंद कुमार सिंह लुंबिनी बौद्ध विश्वविद्यालय में आईसीसीआर की डॉ. आंबेडकर पीठ पर विज़िटिंग प्रोफेसर के रूप में संभाला कार्यभार।

जीबीयू के डॉ. अरविंद कुमार सिंह लुंबिनी बौद्ध विश्वविद्यालय में आईसीसीआर की डॉ. आंबेडकर पीठ पर विज़िटिंग प्रोफेसर के रूप में संभाला कार्यभार।

शफी मौहम्मद सैफी

ग्रेटर नोएडा। प्रतिष्ठित डॉ. आंबेडकर चेयर फॉर बौद्ध स्टडीज़, जो भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR), विदेश मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्थापित की गई है, पर डॉ. अरविंद कुमार सिंह को लुंबिनी बौद्ध विश्वविद्यालय, नेपाल में एक शैक्षणिक वर्ष के लिए विज़िटिंग प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया है। इस प्रतिष्ठित पद को ग्रहण करने हेतु विश्वविद्यालय ने उन्हें अवकाश प्रदान किया है।यह पीठ वर्ष 2022 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लुंबिनी, भगवान बुद्ध की जन्मस्थली, की यात्रा के दौरान नेपाल के प्रधानमंत्री की उपस्थिति में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर फॉर बौद्ध कल्चर एंड हेरिटेज की आधारशिला रखे जाने के अवसर पर स्थापित की गई थी।डॉ. सिंह इस प्रतिष्ठित पद को संभालने वाले दूसरे विद्वान हैं। उनकी नियुक्ति बौद्ध अध्ययन के क्षेत्र में उनकी गहन विशेषज्ञता और वैश्विक बौद्ध अकादमिक जगत के साथ उनके सशक्त संवाद का प्रमाण है।डॉ. अरविंद कुमार सिंह को दिल्ली विश्वविद्यालय और गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में लगभग 24 वर्षों का शिक्षण अनुभव है। उन्होंने अपने शैक्षणिक यात्रा में अबतक 6 पुस्तकें लिखी हैं। उनके दिशानिर्देश में १० शोधार्थियों ने अपने शोधकार्य को भी प्रकाशित किया है जो उनके विद्वत्तापूर्ण योगदान को और दृढ़ करती है।

 

उन्होंने बौद्ध धर्म और संबंधित विषयों पर 100 से अधिक शोध लेख राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं, सम्मेलन कार्यवाहियों और पुस्तक अध्यायों में प्रकाशित किए हैं। उनके विशेष अध्ययन क्षेत्र हैं: बौद्ध इतिहास (भारत और विदेशों में), अनुप्रयुक्त बौद्ध धर्म, बौद्ध नैतिकता, एंगेज्ड बौद्धिज़्म, बौद्ध व्यक्तित्व, और बौद्ध तीर्थस्थल।

शोध निर्देशन के क्षेत्र में भी उनका योगदान उल्लेखनीय है। उन्होंने अब तक 5 पीएचडी शोध सफलतापूर्वक पूर्ण करवाई हैं (वर्तमान में ४ शोधार्थियों ने अपने शोधकर्ता जमा कर दिए हैं और 4 शोध प्रगति पर हैं), साथ ही 24 एमफिल और 31 एमए शोध प्रबंध पूरे करवा चुके हैं।वर्ष 2025 में उन्हें अमेरिका-आधारित इंटरनेशनल जर्नल ऑफ आर्किटेक्चर, आर्ट एंड एप्लिकेशन का सह-संपादक नियुक्त किया गया।शांति और सामाजिक समरसता के लिए उनके प्रयासों को भी व्यापक रूप से सराहा गया है। उन्हें ग्लोबल पीस एम्बेसडर अवार्ड (2017), पत्रकार बिमलेंदु बरुआ पीस अवार्ड (2016) (विश्व बौद्ध नेता संघ और निर्वाण पीस फाउंडेशन, बांग्लादेश द्वारा), और आउटस्टैंडिंग पीस एक्टिविस्ट अवार्ड (2016) (IBEI और YSSRF द्वारा) प्रदान किए गए।उन्हें वर्ष 2018 में न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया स्थित धम्मचाय इंटरनेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट (DIRI) के शैक्षणिक सलाहकार बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया गया। उन्हें महात्मा बुद्ध शांति पुरस्कार (2020) (एनआरआई वेलफेयर सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा) और डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार (2021) (नैतिकता एवं सतत शिक्षा केंद्र, नीति आयोग से पंजीकृत एनजीओ द्वारा) भी प्रदान किया गया।डॉ. सिंह की यह नियुक्ति भारत और नेपाल के बीच गहरे बौद्ध सांस्कृतिक संबंधों को और सशक्त करेगी और वैश्विक बौद्ध अध्ययन में भारत की भूमिका को आगे बढ़ाएगी। साथ ही जीबीयू के पढ़ाई जा रही शिक्षा पद्धति एवं विषयों को भी वैश्विक स्तर पर प्रचार एवं प्रसार में सहायक होगा।

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