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लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड किया जाना औद्योगिक विकास को गति देने के लिए नितान्त आवश्यक। राकेश बंसल 

लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड किया जाना औद्योगिक विकास को गति देने के लिए नितान्त आवश्यक। राकेश बंसल

शफी मौहम्मद सैफी

ग्रेटर नोएडा। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के ग्रेटर नोएडा चैप्टर कार्यालय में शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई इस मौके पर ग्रेटर नोएडा चैप्टर के चेयरमैन राकेश बंसल ने कहा कि गौतम बुद्ध नगर एनसीआर का प्रमुख औद्योगिक केंद्र है इस क्षेत्र में भी उद्योग हेतु फ्री होल्ड भूखंड दिए जाने हेतु शासन के समक्ष एक आवेदन आईआई द्वारा केंद्रीय स्तर पर दिया गया है उन्होंने कहा कि देश के कुछ राज्यों द्वारा लीज होल्ड भूमि से उद्योगों को होने वाली कठिनाइयां को ध्यान में रखते हुए इसे फ्री होल्ड करने का निर्णय लिया गया है जिसमें हरियाणा, दिल्ली, वेस्ट बंगाल एवं कर्नाटक मुख्य रूप से शामिल है। यह भी उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश उद्योग निदेशालय के औद्योगिक क्षेत्रों में फ्री होल्ड पालिसी लागु तो है परन्तु यह केवेल 1 हेक्टेयर या उससे बड़े भूखंडों पर ही लागू है। अतः इस सुबिधा से प्रदेश के सूक्ष्म एवं लघु उद्योग पूर्णतः बंचित हैं। अतः आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज सिंघल द्वारा 30 नवंबर 2023 को लखनऊ में आयोजित उद्यमी महासम्मेलन में मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश से आग्रह किया गया है कि प्रदेश में उद्योग की लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड कर दिया जाए। सिंघल ने अपने प्रतिवेदन में यह भी स्पष्ट किया है कि लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड केवल इस शर्त के साथ ही परिवर्तित किया जाए कि इस भूमि का उपयोग किसी भी परिस्थिति में न बदला जा सके। इससे औद्योगिक क्षेत्र का स्वरूप भी नहीं बदलेगा और अतिरिक्त भूमि पर नए उद्योग भी स्थापित होंगे जिससे सरकार का राजस्व बढ़ने से साथ-साथ नए रोजगार भी सृजित होंगे।इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) जो उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा औद्योगिक संगठन है विगत अनेक वर्षो से प्रदेश में लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड करने की मांग सरकार से उठाता आ रहा है। इसका कारण यह है कि यूपीसीडा अथवा उद्योग निदेशालय द्वारा उद्यमियों को दी गयी लीज होल्ड भूमि पर यदि उद्यमी को अपने उद्योग में कोई नया उत्पाद बनाना है, बैंक लिमिट में बदलाव करना है, उम्र ढलने के बाद अपने खूनी रिश्ते में ही उद्योग को हस्तगत करना है, उद्योग की भूमि एवं भवन किराये पर देने हों अथवा भूमि का अमलगमेशन या सपरेशन करना है तो इन सभी कार्यों को करने के लिए उद्यमी को यूपीसीडा उद्योग निदेशालय की अनुमति लेना अनिवार्य होता है। इस कार्य को कराने के लिए उद्यमियों को इन सरकारी दफ्तरों के बार-बार चक्कर लगाने पड़ते है और कुछ मामलो में उद्यमी भ्रष्टाचार का भी शिकार हो जाते है।यह स्थिति सरकार की ईज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस की निति के भी विपरीत है। उल्लेखनीय है कि लीज होल्ड पर भूमि देने का कानून अंग्रेजो के समय से चला आ रहा है जब अंग्रेजी शासन द्वारा देशवासियों को गुलाम बनाकर रखा गया था। उल्लेखनीय है कि लीज होल्ड पर भूमि देने का कानून अंग्रेजो के समय से चला आ रहा है जब अंग्रेजी शासन द्वारा देशवासियों को गुलाम बनाकर रखा गया था। वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश में आजादी के इस अमृत काल में गुलामी के प्रत्येक अंश से मुक्ति पाने का प्रण लिया है। इन सभी कारणों से लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड किया जाना औद्योगिक विकास को गति देने के लिए नितान्त आवश्यक है। ऐसा करने से प्रदेश को अनेक लाभ होंगे प्रशासनिक परेशानियाँ कम होने से उद्यमियों के समय की बचत होगी जिससे प्रदेश में औद्योगिक विकास तीव्र होगा ।प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद और राजस्व में ब्रिधि होगी जिससे सरकार का 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का क्षय भी शीघ्र पूरा होगा । फ्री होल्ड भूमि पर नए औद्योगिक निवेश के अवसर पैदा होंगे जो सरकार की भी प्राथमिकता है ।नए रोजगार सृजित होंगे जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार ढूँढने बाहर नहीं जाना पड़ेगा।इस मौक़े पर सचिव सरबजीत सिंह, कोषाध्यक्ष विपिन माहना, अमित शर्मा, जे एस राणा, अशोक जैन एवम प्रमोद गुप्ता ने प्रतिभाग किया ।

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