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मिलिए एक राम भक्त राजकुमार गुप्ता से: जिन्होंने पिछले 22 वर्षों में भगवान राम का नाम 3.5 करोड़ बार लिखा 

मिलिए एक राम भक्त राजकुमार गुप्ता से: जिन्होंने पिछले 22 वर्षों में भगवान राम का नाम 3.5 करोड़ बार लिखा

शफी मौहम्मद सैफी

ग्रेटर नोएडा। मिलिए एक राम भक्त से: राज कुमार गुप्ता की असाधारण भक्ति की कहानी अयोध्या: भक्ति के पथ पर अद्वितीय यात्रा कर रहे हैं 70 वर्षीय राज कुमार गुप्ता, जिन्होंने पिछले 22 वर्षों में भगवान राम का नाम 3.5 करोड़ बार लिखा है। उनकी इस यात्रा का आरंभ उनकी पत्नी, स्वर्गीय सुनीता गुप्ता के साथ हुआ था।25 वर्ष पहले, एक गंभीर बीमारी और स्ट्रोक के बाद, गुप्ता को उनकी पत्नी ने इस अद्वितीय भक्ति की राह पर प्रेरित किया था। गुप्ता बताते हैं, “मेरी पत्नी का मानना था कि भगवान राम का नाम लेने से मुझे नई ऊर्जा और शक्ति मिलेगी।” उनकी पत्नी के निधन के बाद, उन्होंने इस परंपरा को और भी गहराई से अपनाया। उनकी इस अनूठी भक्ति के पीछे उनके पुत्र, डॉ. अमित गुप्ता (डायबिटोलॉजिस्ट), बहू स्वाति गोयल, और पोती मान्या गुप्ता का पूर्ण समर्थन है। डॉ. अमित गुप्ता कहते हैं, “मेरे पिताजी की भक्ति और समर्पण ने हम सभी को प्रेरित किया है। उनका जीवन हमें दिखाता है कि आस्था और समर्पण किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं।” गुप्ता की अब एक इच्छा है, वह है अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर की यात्रा करना। वे कहते हैं, “मेरा सपना है कि मैं भगवान राम के इस दिव्य मंदिर में जाकर अपनी भक्ति की अर्पणा करूं।” उनका मानना है कि यह यात्रा उनकी आध्यात्मिक यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगी।इस भक्ति यात्रा की सबसे विशेष बात यह है कि गुप्ता ने हर रोज नियमित रूप से भगवान राम का नाम लिखा, चाहे कोई भी परिस्थिति हो। उनकी इस निरंतरता और लगन ने उन्हें एक अलग पहचान दी है। गुप्ता की कहानी न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक मिसाल है। उनकी भक्ति और दृढ़ संकल्प से प्रेरणा लेकर कई लोगों ने अपने जीवन में आध्यात्मिकता को महत्व देना शुरू किया है।आज, जब अयोध्या में भगवान राम के नए मंदिर का उद्घाटन हो रहा है, गुप्ता की यह भक्ति यात्रा और भी महत्वपूर्ण हो गई है। उनका मानना है कि यह मंदिर न सिर्फ एक पवित्र स्थल है, बल्कि उनकी आस्था और समर्पण का भी प्रतीक है। उनके लिए यह मंदिर उनकी भक्ति के प्रति एक आदर्श समर्पण स्थल है। राज कुमार गुप्ता की यह अद्वितीय भक्ति और समर्पण आज के समय में एक प्रेरणा का स्रोत है, जो हमें बताती है कि आस्था में कितनी शक्ति होती है।

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