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नेशनल माडर्न पब्लिक स्कूल, लड़पुरा मे कोतवाल धनसिह गुर्जर को किया नमन।
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नेशनल माडर्न पब्लिक स्कूल, लड़पुरा मे कोतवाल धनसिह गुर्जर को किया नमन।![](data:image/svg+xml,%3Csvg%20xmlns='http://www.w3.org/2000/svg'%20viewBox='0%200%20300%20169'%3E%3C/svg%3E)
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शफी मौहम्मद सैफी
ग्रेटर नोएडा। नेशनल माडर्न पब्लिक स्कूल, लड़पुरा मे कोतवाल धनसिह गुर्जर को नमन किया गया और उनके फोटो पर बच्चो और स्टाफ द्वारा फूल माला चढाकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई और उनको याद किया गया |इस मौक़े पर स्कूल के डायरेक्टर विजयपाल भाटी ने कहा कि जब भी 1857 की क्रांति की बात होती है तो धन सिंह गुर्जर को हमेशा याद किया जाता है. कहा जाता है कि उन्होंने ही ऐतिहासिक विद्रोह को जन्म देने वाली घटनाओं को जन्म दिया था और उनकी ओर से उठाए गए एक कदम ने क्रांति की आग में चिंगारी का काम किया. इंडियन कल्चर जीओवी डॉट इन के अनुसार, धनसिंह का जन्म मेरठ के पांचाली गांव में हुआ था. दरअसल, 09 मई 1857 को कारतूस में जानवरों की चर्बी लगी होने के मामले में कई सिपाहियों को जेल भेज दिया गया था. इस घटना की खबर जंगल की आग की तरह फैल गई और 10 मई को जिले भर के ग्रामीण मेरठ पुलिस स्टेशन में सिपाहियों की रिहाई की मांग करने के लिए एकत्र हुए। उस वक्त धन सिंह कोतवाली (थाना) के मुखिया थे शहर की रक्षा करना क्षेत्र के कोतवाल के रूप में उनका कर्तव्य था. लेकिन, उन्होंने प्रदर्शनकारियों से हाथ मिलाते हुए 800 से अधिक कैदियों को मुक्त करवाया गया. इसे “दिल्ली की घेराबंदी” के रूप में जाना जाता है. इसे आजादी की पहली जंग का सबसे अहम हिस्सा माना जाता है. उस दौरान धन सिंह गुर्जर ने 10 मई 1857 के दिन इतिहास प्रसिद्ध ब्रिटिश विरोधी जनक्रांति के विस्फोट में अहम भूमिका निभाई थी. एक पूर्व योजना के तहत विद्रोही सैनिकों और धन सिंह कोतवाल सहित पुलिस फोर्स ने अंग्रेजों के विरुद्ध साझा मोर्चा गठित कर क्रांतिकारी घटनाओं को अंजाम दिया था.