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गलगोटिया विश्वविद्यालय ने मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम, एम्स के साथ मिलकर नेवर अलोन प्रोजेक्ट का हुआ शुभारंभ

गलगोटिया विश्वविद्यालय ने मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम, एम्स के साथ मिलकर नेवर अलोन प्रोजेक्ट का हुआ शुभारंभ

ग्रेटर नोएडा। गलगोटिया विश्वविद्यालय में 4 जून को नेवर अलोन नाम के एक अत्याधुनिक मानसिक स्वास्थ्य सहायता परियोजना का भव्य शुभारंभ किया गया। इस प्रोजेक्ट के जरिए जरूरतमंद व्यक्ति को एआई पावर्ड हेल्थ असिस्टेंट के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी सहायता तुरंत उपलब्ध कराना है।कार्यक्रम का उद्घाटन गलगोटिया विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सुनील गलगोटिया ने किया। उनके साथ विशिष्ट अतिथि डॉ. निशात अहमद तथा विश्वविद्यालय के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे।स्वागत भाषण में बोलते हुये कुलाधिपति सुनील गलगोटिया ने बताया कि विश्वविद्यालय हमेशा छात्रों की समग्र भलाई को प्राथमिकता देता है। नेवर अलोन प्रोजेक्ट मानसिक स्वास्थ्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। टेक्नोलॉजी का उपयोग कर हम चाहते हैं कि हर छात्र, शिक्षक और कर्मचारी यह महसूस करे कि वह कभी अकेला नहीं है।विशिष्ट अतिथि डॉ. निशात अहमद ने भी इस पहल की सराहना की और कहा कि मानसिक स्वास्थ्य आज की शिक्षा प्रणाली का अनिवार्य अंग बन चुका है। नेवर अलोन प्रोजेक्ट भारत में एआई का उपयोग करते हुए मेंटल हेल्थ सेवाओं को आमजन तक पहुंचाने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है। गलगोटिया विश्वविद्यालय इस दृष्टिकोण से देश में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

नेवर अलोन प्रोजेक्ट के उद्घाटन समारोह मे विश्वविद्यालय की परिचालन निदेशक आराधना गलगोटिया ने विश्वविद्यालय में प्रशिक्षित 11 छात्रों और 10 शिक्षकों की सेेवा की प्रशंसा करते हुये कहा कि विश्वविद्यालय केवल शिक्षा प्राप्त करने का स्थान नही अपितु समाज के लिये अपने अपने योगदान की आधारशिला है। नेवर अलोन जैसे प्लेटफॉर्म के ज़रिए 24 घंटे सहायता उपलब्ध कराया जाएगा। यह प्रोजेक्ट विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एवं संचालित किया जाएगा। इसके तहत विश्वविद्यालय के 21 शिक्षकों और छात्रों को एआई टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए एक वर्चुअल असिस्टेंट के लिए प्रशिक्षित किया गया। व्हाटसप के माध्यम से यूज़र्स को मेंटल हेल्थ सलाह व सपोर्ट प्रदान करेगा। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना और इसे हर किसी के लिए सुलभ बनाना है। प्रोजेक्ट की हेड डॉ. दीपिका दहीमा, कुलपति डॉ. के.एम. बाबू, डॉ. मोनिका अग्रवाल और सैकड़ों छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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