एनपीसीएल की ओर से सरकारी स्कूलों में लगा मुफ्त चिकित्सा शिविर,6 सरकारी स्कूलों में 1263 छात्रों का हुआ फ्री हेल्थ चेकअप।
एनपीसीएल की ओर से सरकारी स्कूलों में लगा मुफ्त चिकित्सा शिविर,6 सरकारी स्कूलों में 1263 छात्रों का हुआ फ्री हेल्थ चेकअप।
शफी मौहम्मद सैफी
ग्रेटर नोएडा।नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड ने पिछले साल की तरह इस बार भी सीएसआर के तहत ग्रेटर नोएडा के सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं के लिए मुफ्त चिकित्सा जांच का अभियान चलाया है। शारदा वेलफेयर फाउंडेशन के साथ मिलकर चलाई जा रही इस योजना के तहत एनपीसीएल ने दूसरे चरण में ग्रेटर नोएडा के 6 सरकारी स्कूलों का चयन किया है।ग्रेटर नोएडा के ग्रामीण इलाकों में सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले छात्र-छात्राओं के लिए शुरू की गई इस मुहिम के लिए तैयार विशेष मेडिकल वैन को एनपीसीएल की सीएसआर टीम ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया।इस मौके पर एनपीसीएल के अधिकारियों के अलावा शारदा वेलफेयर फाउंडेशन टीम के अधिकारी भी मौजूद दिखे।मेगा हेल्थ ड्राइव के तहत चलाए जा रहे इस अभियान में सरकारी स्कूलों में बाल रोग, नेत्र चिकित्सा और दांतों से संबंधित विभाग के विशेषज्ञों की मौजूदगी होगी। ये टीम अलग-अलग स्कूलों में जाकर मुफ्त जांच शिविर लगाकर मौके पर ही छात्रों के स्वास्थ्य की जांच करेगी। डॉक्टरों की विशेष टीम स्वास्थ्य संबंधी जांच के अलावा छात्रों के पोषण और दूसरे स्वास्थ्य संबंधी समस्यायों की भी जांच कर उनका उपचार करेगी जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो। मुफ्त चिकित्सा शिविर के दौरान अगर किसी बच्चे को चिकित्सकों की ओर से आगे की मेडिकल जांच के लिए कहा जाता है तो एनपीसीएल की ओर से ऐसे सभी बच्चों को शारदा हॉस्पिटल में मुफ्त ओपीडी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।एनपीसीएल की ओर से मेगा हेल्थ ड्राइव के इस चरण में जिन 6 सरकारी स्कूलों का चुनाव किया गया है उनके नाम हैं प्राइमरी स्कूल, बल्ला की मड़ैया, प्राइमरी स्कूल, नाटो की मड़ैया, प्राइमरी स्कूल, ऐच्छर, प्राइमरी स्कूल, कासना, प्राइमरी स्कूल, चुहारपुर खादर और अपर प्राइमरी स्कूल, गुलिस्तांपुर। एनपीसीएल की इस मुहिम के तहत कुल 1263 छात्रों का मुफ्त चिकित्सा जांच किया जाएगा।एनपीसीएल ने सीएसआर के तहत पिछले साल ग्रेटर नोएडा के 12 सरकारी स्कूलों में मुफ्त चिकित्सा जांच शिविर लगाया था जिसमें 2600 छात्रों का मुफ्त मेडिकल जांच किया गया था। बच्चों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं सीधे तौर पर उनके सीखने, ध्यान केंद्रित करने और स्कूल की गतिविधियों में भाग लने की क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं और एनपीसीएल ने इसी को ध्यान में रखते हुए ये अभियान चलाया है।