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दक्षिण एशिया के सबसे बड़े फार्मा एक्सपो सीपीएचआई और पीमेक इंडिया में भारत और विदेश के 1500 से अधिक प्रदर्शक लेंगे हिस्सा

दक्षिण एशिया के सबसे बड़े फार्मा एक्सपो सीपीएचआई और पीमेक इंडिया में भारत और विदेश के 1500 से अधिक प्रदर्शक लेंगे हिस्सा।

शफी मौहम्मद सैफी

ग्रेटर नोएडा। अपनी अभूतपूर्व सफलता के 16वें वर्ष में, भारत के प्रमुख प्रदर्शनी आयोजक इंफॉर्मा मार्केट्स इन इंडिया द्वारा आयोजित सीपीएचआई और पीमेक इंडिया एक्सपो विजयी वापसी के लिए तैयार है। दक्षिण एशिया में फार्मास्युटिकल उद्योग के सबसे बड़े एक्सपो का आयोजन 28 से 30 नवम्बर 2023 के बीच ग्रेटर नोएडा इंडिया एक्सपो सेंटर में होगा। एक्सपो में 45,000 से अधिक आगंतुक पहुंचेंगे, 1500 से अधिक प्रदर्शक 10,000 से अधिक उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे। यह शो उद्योग जगत के विशेषज्ञों को कारोबार के अवसरों पर चर्चा करने और अपने विचार प्रस्तुत करने का मौका देगा।एक्सपो का लक्ष्य एक ऐसे बाज़ार के रूप में काम करना है जो ज्ञान, प्रौद्योगिकियों और बाज़ार के अवसरों सहित उद्योग के विभिन्न तत्वों को जोड़ता है। उम्मीद है कि तीन दिनों के दौरान प्रदर्शनी में 1500 से अधिक प्रदर्शक 10,000 से अधिक उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे और 150 से अधिक देशों से 45000 से अधिक आगंतुक पहुंचेंगे। प्रदर्शनी फार्मास्युटिकल अधिकारियों, खरीदारों, खरीद प्रबंधकों, अनुबंध निर्माताओं, अस्पताल प्रशासकों तथा राज्य एवं राष्ट्रीय विनियामक बोर्ड के प्रतिनिधियों और नीति निर्माताओं को एक ही मंच पर लेकर आएगी।आधुनिकीकरण को अपनाते हुए सीपीएचआई और पीमेक इंडिया, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को एक ही छत के नीचे लेकर आएगा। इस दौरान आयोजित प्रोग्राम भारत की फार्मास्युटिकल मशीनरी, प्रौद्योगिकी और सामग्री क्षेत्रों पर रोशनी डालेंगे। भारत का फार्मास्युटिकल उद्योग तेज़ी से बढ़ रहा है, उम्मीद है कि यह 13 फीसदी की दर से बढ़कर 2028 तक 102.7 बिलियन डॉलर (8.5 लाख करोड़) के आंकड़े तक पहुंच जाएगा।इस साल के सीपीएचआई और पीमेक इंडिया एक्सपो के बारे में बात करते हुए श्री योगेश मुद्रास, प्रबंध निदेशक, इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया ने कहा, ‘‘2023 में भारतीय फार्मा उद्योग ‘राईस एण्ड राईस ऑफ इंडिया’ के दौर से गुज़र रहा है जिसे इनोवेशन्स के साथ सरकार का मजबूत सहयोग भी मिल रहा है। जी20 अध्यक्षता के दौरान तय किए गए उद्देश्यों के अनुरूप फार्मास्युटिकल इनोवेशन्स, तकनीकी प्रगति के चलते भारतीय उद्योग 2025 तक 65 बिलियन डॉलर और 2023 तक 130 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। वैक्सीन निर्माण का पावरहाउस, भारत दुनिया में वैक्सीन की मांग की 60 फीसदी से भी अधिक आपूर्ति देता है। भविष्य में उत्पादन क्षमता, निजी प्लेयर्स के साथ साझेदारियों को बढ़ावा दिया जाएगा और 2026 तक 30 मिलियन प्रोफेशनल्स को डिजिटल कौशल में प्रशिक्षण दिया जाएगा।‘पिछले 15 सालों के दौरान सीपीएचआई और पीमेक इंडिया एक्सपो ने फार्मा उद्योग के फोकस के अनुसार अपने आप को संरेखित किया है। दुनिया की सबसे बड़ी ग्लोबल फार्मास्युटिकल कम्युनिटी के रूप में यह शो कारोबार के अवसरों एवं फार्मास्युटिकल विकास के लिए मंच उपलब्ध कराता है।’ उन्होंने कहा।

अनेक अवसरों की खोज
सीपीएचआई और पीमेक इंडिया कारोबार संबंधों के लिए ढेरों अवसर उपलब्ध कराएगी, क्योंकि उद्योग जगत के दिग्गज और असंख्य कंपनियां इसमें हिस्सा लेंगी। प्रदर्शनी में हिस्सा लेने वाले मुख्य प्रदर्शक हैं- डॉ रेड्डी लैबोरेटीज़ लिमिटेड, बायोकोन लिमिटेड, ग्लेनमार्क लाईफसाइन्सेज़ लिमिटेड, हेटेरो लैब्स लिमिटेड आदि। यह मंच एआई-एन्हान्स्ड क्वालिटी कंट्रोल, आधुनिक तकनीकों, आधुनिक ड्रग डिलीवरी सिस्टम, स्थायी प्रयासों, फार्मास्युटिकल पैकेजिंग के इनोवेशन्स, साझेदारियों को बढ़ावा देगा।

उद्योग जगत से मिला सहयोग
इस साल इस प्रदर्शनी को उद्योग जगत के अग्रणी संगठनों जैसे बीडीएमए (बल्क ड्रग मैनुफैक्चरिंग एसोसिएशन), एफओपीई (फेडरेशन ऑफ फार्मा एंटरेप्रेन्योर्स), केडीपीएमए (कर्नाटका ड्रग्स एण्ड फार्मास्युटिकल्स मैनुफैक्चरर्स एसोसिएशन), ओपीपीआई (ओर्गेनाइज़ेशन ऑफ फॉर्मास्युटिकल प्रोड्युसर्स ऑफ इंडिया) और फार्मेक्सिल (फार्मास्युटिकल एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउन्सिल) का समर्थन प्राप्त है। जो उद्योग जगत के सबसे प्रतिष्ठित शो के रूप में इसे मजबूती से स्थापित करेंगे।

कुल मिलाकर सीपीएचआई और पीमेक एक्सपो, भारतीय फार्मा सप्ताह के मद्देनज़र नेटवर्किंग के अवसर प्रदान करेगा तथा इस क्षेत्र से जुड़े विषयों पर चर्चा के लिए मंच उपलब्ध कराएगा। ये प्रयास उद्योग जगत के पेशेवरों को भारत के फार्मास्युटिकल क्षेत्र के नए रूझानों पर रोशनी डालने का मौका देगा।

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