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गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने आईसीटी स्कूल में कंप्यूटर विज्ञान के छात्रों के लिए “बेहतर एआई के लिए भारतीय ज्ञान प्रणाली और सतत विकास के लिए भविष्य” पर एक विशेषज्ञ व्याख्यान का हुआ आयोजन।

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने आईसीटी स्कूल में कंप्यूटर विज्ञान के छात्रों के लिए “बेहतर एआई के लिए भारतीय ज्ञान प्रणाली और सतत विकास के लिए भविष्य” पर एक विशेषज्ञ व्याख्यान का हुआ आयोजन।

शफी मौहम्मद सैफी

ग्रेटर नोएडा। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने आईसीटी स्कूल में कंप्यूटर विज्ञान के छात्रों के लिए “बेहतर एआई के लिए भारतीय ज्ञान प्रणाली और सतत विकास के लिए भविष्य” पर एक विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया।प्रोफेसर संजय शर्मा ने छात्रों को संबोधित किया और विशेषज्ञ का परिचय दिया।मुख्य वक्ता “डॉ. वृजेश कुमार खम्बोजिया, गणित में पीएचडी और ब्रीमर कोलाज, टोरंटो ओन कनाडा से भारतीय ज्ञान प्रणाली विशेषज्ञ हैं।विशेषज्ञ बताते हैं कि भारतीय प्राचीन इतिहास और ज्ञान आधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास और अनुसंधानों से कैसे संबंधित है। उन्होंने अवधारणा या तर्क की उत्पत्ति से संबंधित प्राचीन वेदों, उपवेदों, पुराणों, “न्याय शास्त्र, तर्कशास्त्र” आदि छह दर्शन विद्यालयों से उदाहरण दिए जहां से कई विचार मौजूद हैं। उन्होंने छात्रों को एआई के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के लिए प्रेरित किया और छात्रों को इस ज्ञान के नैतिक उपयोग के बारे में बताया।उन्होंने एआई के सतत विकास के लिए “सर्वे भवन्तु सुखिनः” पर जोर दिया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) और भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) कुछ ऐसे कदम हैं जो भारतीय प्राचीन इतिहास के अध्ययन के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए थे। इस व्याख्यान में आईसीटी के कई संकाय सदस्यों और छात्रों ने भाग लिया और एआई से संबंधित कई शंकाओं का समाधान किया।अंत में डॉ. अरुण सोलंकी द्वारा विशेषज्ञ को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

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