जी एन आई ओ टी इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज में एम्स हॉस्पिटल, नई दिल्ली एवं जिम्स हॉस्पिटल, ग्रेटर नॉएडा के सहयोग से रक्तदान एवं अंगदान जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन।
जी एन आई ओ टी इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज में एम्स हॉस्पिटल, नई दिल्ली एवं जिम्स हॉस्पिटल, ग्रेटर नॉएडा के सहयोग से रक्तदान एवं अंगदान जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन।
शफी मौहम्मद सैफी
ग्रेटर नोएडा। जी एन आई ओ टी इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज में सोशल क्लब द्वारा आज दिनांक 30 नवंबर, 2023 को एम्स हॉस्पिटल , नई दिल्ली एवं जिम्स हॉस्पिटल, ग्रेटर नॉएडा के सहयोग से रक्तदान एवं अंगदान जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया जिनमें लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान किया, जिम्स, ग्रेटर नॉएडा से आये डायरेक्टर ब्रिग. डॉ राकेश गुप्ता ने रक्तदाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि रक्तदान महादान है। इससे बड़ा कोई पुण्य नहीं है। एक स्वस्थ व्यक्ति अपने शरीर को बिना किसी नुकसान के हर तीन महीने में रक्तदान कर सकता है। यह बहुत ही नेक काम है।इस अवसर पर चेयरमैन डॉ राजेश कुमार गुप्ता ने एम्स, नई दिल्ली से आये ऑर्गन ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर, बलराम , एवं जिम्स, ग्रेटर नॉएडा से आये सभी कार्यकर्ताओ के कार्यों की प्रशंसा करते हुए रक्तदान को अनमोल बताते हुए युवाओं से अधिक से अधिक संख्या में रक्तदान एवं अंगदान के लिए आगे आने की पहल करने की अपील की। साथ ही सभी कार्यकर्ताओ को उसके नेक कार्यों के लिए धन्यवाद दिया।
प्रिंसिपल, जी एन आई ओ टी इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज डॉ सविता मोहन ने कहा कि 18 से 60 वर्ष आयु का कोई भी स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। रक्तदान करने से किसी भी तरह की कोई कमजोरी नहीं आती है। रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं है, क्योंकि रक्तदान दूसरों को जीवनदान देता है। उन्होंने बताया कि रक्तदान के दौरान दिया गया खून 24 घंटे में बन जाता है। रक्तदान के समय रक्तदाता के खून की कई प्रमुख जांचे की जाती है, इससे अगर उसे कोई बीमारी है तो उसका भी पता चल जाता है। उन्होंने कहा कि भारत महिर्षि दधीचि जैसे ऋषियों का देश है, जिन्होंने एक कबूतर के प्राणों व असुरों से जन सामान्य की रक्षा के लिये अपना देहदान कर दिया था। भारत में प्रति वर्ष लाखों लोग अंग प्रत्यारोपण का इंतजार करते-करते मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं। इसका कारण मांग और दान किये गए अंगों की संख्या के बीच बड़ा अंतराल है। अंगदान की मांग और आपूर्ति में बड़ा अंतर सांस्कृतिक मान्यताओं, पारंपरिक सोच और कर्मकाण्डों की वजह से है। ऐसे में डॉक्टरों, गैर-सरकारी संगठनों और समाज सेवियों को अंगदान के महत्त्व के प्रति लोगो को जागरूक करना चाहिये। सुबह 8 बजे से दोपहर 3 बजे तक ग्रुप क़े सभी मैनेजमेंट मेंबर्स ,डायरेक्टर , शिक्षक एवं छात्रों ने अधिकतम संख्या मे रक्तदान किया । प्रत्येक रक्तदाता को जलपान और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए ,इसे सफल बनाने के लिए, सभी शिक्षक एवं छात्रों द्वारा सुबह से ही जागरूकता अभियान चलाया गया और कृतज्ञता के भाव के रूप में लगभग 150 यूनिट बहुमूल्य रक्त प्राप्त किया गयI