विद्यार्थी, शिक्षक के खुली आँखों की उड़ान होते हैं: प्रो. बंदना पाण्डेय गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग में शिक्षक दिवस का हुआ आयोजन
विद्यार्थी, शिक्षक के खुली आँखों की उड़ान होते हैं: प्रो. बंदना पाण्डेय
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग में शिक्षक दिवस का हुआ आयोजन
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं मीडिया अध्ययन विभाग और शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वाधान में 5 सितंबर को स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेस के सभागार में शिक्षक दिवस का आयोजन किया गया । इस अवसर पर स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेस बिल्डिंग के प्रांगण में मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय की अधिष्ठाता और जन संचार विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर बंदना पांडेय ने ‘वृक्षारोपण’ कर प्रकृति के प्रति अपना उदगार व्यक्त किया।
वृक्षारोपण से पहले सभागार में उपस्थित समस्त विद्यार्थियों को एक खास पंक्ति समर्पित करते हुए अधिष्ठाता एवं विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर बंदना पांडेय ने कहा कि “आप, अपने माता-पिता की बंद आँखों के सपने होते हैं, पर हमारी खुली आँखों की उड़ान हो आप।” आम लोग वैसे तो बंद आँखों से सपना देखते हैं लेकिन एक विद्यार्थी, किसी शिक्षक की खुली आँखों का सपना होता है। एक शिक्षक अपने हर विद्यार्थी को उस काबिल बनाने के लिए बहुत मेहनत करते हैं जिसके दम पर कोई विद्यार्थी सफलता के शिखर को छू लेता है ।
मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय की अधिष्ठाता प्रोफ़ेसर बंदना पांडेय ने समस्त शिक्षकों और विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए आगे कहा कि शिक्षक और गुरु में भी अंतर होता है, शिक्षक वह है जो सिर्फ शिक्षण देते हैं और किसी खास विषय में प्रशिक्षण देते हैं, लेकिन गुरु वह होता है जिसमें ज्ञान प्राप्त करने की अप्रतिम अभिलाषा होती है और साथ ही साथ उनमें किसी विद्यार्थी को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाकर उसका समस्त जीवन प्रकाशमय कर देने की क्षमता भी होती है । हम ऐसे ही एक महान शिक्षाविद व गुरु डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर आज शिक्षक दिवस मना रहे हैं। उन्होंने अपनी बात का अंत करते हुए कहा कि “अर्क-ए-खुसबू हो, बिखरने से न रोके कोई और जब बिखरो तो, न तुमको समेटे कोई।”
इस अवसर पर जनसंचार विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विनीत कुमार, डॉ. विमलेश कुमार, डॉ. कुमार प्रियतम, डॉ. आशुतोष कुमार, डॉ. प्रतिमा, मिस करुणा सिंह एवं शिक्षा विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. श्रुति कंवर ने भी अपने-अपने शिक्षकों को नमन करते हुए अपने अनुभव उपस्थित विद्यार्थियों संग साझा कर उन्हें प्रोत्साहित किया। इस कार्यक्रम में शिक्षा और जनसंचार विभाग के बीए और एमए के छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की मनमोहक प्रस्तुति देकर अपनी कला के माध्यम से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इन विद्यार्थियों में सिमरन, छवि, आयुष, कुणाल, मानसी, खुशी, दिव्या, उत्कर्ष प्रमुख थे। इस अवसर पर मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय के कई विभागों के शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थियों ने अपनी सक्रिय उपस्थिति दर्ज की।