राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ग्रेटर नोएडा द्वारा नियमित स्टॉफ नर्स की भर्ती हेतु प्रकाशित विज्ञापन निरस्त, नर्सिंग स्टाफ ने की सोमवार को हड़ताल।
राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ग्रेटर नोएडा द्वारा नियमित स्टॉफ नर्स की भर्ती हेतु प्रकाशित विज्ञापन निरस्त, नर्सिंग स्टाफ ने की सोमवार को हड़ताल।
शफी मौहम्मद सैफी
ग्रेटर नोएडा। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ग्रेटर नोएडा द्वारा नियमित स्टॉफ
नर्स की भर्ती हेतु दिनांक 08.10.2023 को प्रकाशित विज्ञापन निरस्त कर दिया गया है। यह जानकारी हमें अस्पताल के डायरेक्टर ब्रिगेडियर डॉक्टर राकेश गुप्ता ने दी गौरतलब है कि विज्ञापन प्रकाशन के बाद संस्थान में कार्यरत स्टॉफ नर्सों में भर्ती को लेकर रोष था एवं उनके द्वारा नियमित पदों पर अपनी भर्ती की मॉग की गयी और दिनांक 16.10.2023 को अस्पताल प्रांगणमें धरना प्रदर्शन किया गया एवं अस्पताल की सभी उपचार सेवाएं बाधित कर दी गयी। जिसकी वजह से मरीजों को काफी परेशानी हो रही है।उक्त समस्या को देखते हुए संस्थान में कार्यरत नर्सिंग स्टॉफ के हितार्थ एवं उनको नियमित भर्ती में वरियता प्रदान किये जाने के उददेश्य से निदेशक ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ नर्सिंग (अराजपत्रित) सेवा (चतुर्थ संशोधन) नियमावली 2016 विन्दु 15 (ख) के अंतर्गत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य वाएं विभाग उत्तर प्रदेश में संविदा के आधार पर कार्यरत कर्मचारियों को प्रति वर्ष कार्य अवधि के सापेक्ष 03 वरियता अंक (अधिकतम 15 अंक) प्रदान किये जाते हैं। उसी तर्ज पर संस्थान द्वारा अपने यहाँ कार्यरत स्टॉफ को वरियता अंक प्रदान किये जाने हेतु प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया जा रहा है। जिसके अनुमोदन के उपरान्त भर्ती प्रक्रिया पूर्ण की जायेगी। गौरतलब है कि कासना स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान में सैकड़ों
की संख्या में नर्सिंग स्टाफ धरने पर बैठ गए।
नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि उन्होंने कोरोना
महामारी में अपनी जान को जोखिम में
डालकर काम किया है। उसके बावजूद भी
उनको परमानेंट नहीं किया जा रहा है। नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि उनको परमानेंट नहीं किया जा रहा। जबकि परमानेंट करने के लिए नए लोगों की भर्ती की जा रही है, जो सरासर गलत है। हमने अपनी जान की बाजी लगाकर कोरोना महामारी के दौरान काम
किया है। उसके बावजूद भी हमारे काम को
नजअंदाज किया जा रहा है। इसको कतई
बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसी वजह से
नर्सिंग स्टाफ सोमवार की सुबह 8:00 बजे से
धरने पर बैठ गया था उसके बाद जिम्स प्रशासन हरकत में आया और अस्पताल के डायरेक्टर ब्रिगेडियर राकेश गुप्ता ने निर्णय लिया है कि जिन लोगों ने कोरोना में मेहनत की है और अच्छे कार्य किए हैं उसके आधार पर उन्हें वरीयता दी जाएगी।