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सोशल क्लब ने ग्रेटर नोएडा इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में नशा मुक्ति अभियान का किया आयोजन।

सोशल क्लब ने ग्रेटर नोएडा इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में नशा मुक्ति अभियान का किया आयोजन।

शफी मौहम्मद सैफी

ग्रेटर नोएडा ।सोशल क्लब ने ग्रेटर नोएडा इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में नशा मुक्ति अभियान का आयोजन किया l ये योजना सुबह 9:30 बजे शुरू हुआl अभियान में सभी ने नशा ना करने के लिए प्रतिज्ञा लीlजीएनआईओटी के अध्यक्ष डॉ. राजेश गुप्ता ने बताया कि नशा एक गंभीर समाजिक बुराई है। नशा एक ऐसी बुराई है, जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है । नशे के लिये समाज में शराब, गांजा, भांग, अफीम, जर्दा, गुटखा, तम्बाकू और ध्रूमपान (बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, चिलम) सहित चरस, स्मैक, कोकिन, ब्राउन शुगर जैसे घातक मादक दवाओं और पदार्थो का उपयोग किया जा रहा है । इन जहरीले और नशीले पदार्थो के सेवन से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक हानि पहुंचानें के साथ ही इससे सामाजिक वातावरण भी प्रदूषित होता है।वाइस प्रेसिडेंट जीएनआईओटी डॉ. गौरव गुप्ता ने इस प्रोग्राम में अपने विचार प्रस्तुत किये और कहा की बीड़ी, सिगरेट, गांजा, भांग, अफ़ीम या चरस पीने वालों को जब भरपूर नशा प्राप्त नहीं होता है, तब वे शराब और हेरोइन जैसे मादक पदार्थो की ओर अग्रसर होते हैं । नशा किसी प्रकार का भी हो व्यक्तित्व के विनाश, निर्धनता की वृद्धि और मृत्यु के द्धार खोलता है। इस के कारण परिवार तक टूट रहे हैं। आज का युवा शराब और हेरोइन जैसे मादक पदार्थो का नशा ही नहीं बल्कि कुछ दवाओं का भी इस्तेमाल नशे के रूप में कर रहा है। इस आसुरी प्रवृत्ति को समाप्त करना परमावश्यक है।निदेशक जीएनआईओटी डॉ. धीरज गुप्ता ने बताया कि
धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इससे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी होती है और यह चेतावनी सभी तम्बाकू उत्पादों पर अनिवार्य रूप से लिखी होती है, लगभग सभी को यह पता भी है। परन्तु लोग फिर भी इसका सेवन बड़े ही चाव से करते हैं। यह मनुष्य की दुर्बलता ही है कि वह उसके सेवन का आरंभ धीरे-धीरे करता है पर कुछ ही दिनों में इसका आदी हो जाता है, एक बार आदी हो जाने के बाद हम इसका सेवन करें न करें, तलब ही सब कुछ कराती है ।

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