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शारदा विश्वविद्यालय में क्वांटम टेक्नोलॉजी को लेकर हुआ सेमिनार,क्वांटम टेक्नोलॉजी, जो सुपर कंप्यूटर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को भी छोड़ देगा पीछे

शारदा विश्वविद्यालय में क्वांटम टेक्नोलॉजी को लेकर हुआ सेमिनार,क्वांटम टेक्नोलॉजी, जो सुपर कंप्यूटर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को भी छोड़ देगा पीछे

शफी मौहम्मद सैफी

ग्रेटर नोएडा। जल्द ही एक ऐसा तकनीक आ रहा है जो सुपर कंप्यूटर व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को भी पीछे छोड़ देगा। इस तकनीक का नाम है क्वांटम टेक्नोलॉजी। जिस गणितीय गणना को पूरा करने में सुपर कंप्यूटर हजार साल लगा देता है उसे यह मिनटों में पूरा कर देता है। इसको लेकर ग्रेनो के नॉलेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय में क्वांटम टेक्नोलॉजी को लेकर सेमिनार का आयोजन किया गया । जिसमें 100 से करीब छात्रों और शिक्षकों ने हिस्सा लिया ।सेमिनार में शारदा विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस इन मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ अशोक कुमार ने बताया कि क्वांटम टेक्नोलॉजी एक ऐसी तकनीक है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से भी तेज काम करती है। फिजिक्स के सिद्धांत पर काम करने वाली इस कंप्यूटिंग में असीम संभावनाएं हैं। क्वांटम कंप्यूटर वर्तमान समय के सुपर कंप्यूटर से भी ज्यादा ताकतवर और तेज होगा। इसे जल्द ही बाजार में उतारने की तैयारी भी चल रही है। क्वांटम तकनीक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसकी मदद से ज्यादा से ज्यादा डाटा व इंफॉर्मेशन को बहुत ही कम समय में प्रोसेस किया जा सकेगा। अभी सुपर कंप्यूटर से जो गणितीय गणना करने में हजारों साल लगते हैं, उसे क्वांटम तकनीक कुछ ही मिनटों में हल कर देगा।वाइस चांसलर डॉ सिबाराम खारा ने कहा कि क्वांटम कंप्यूटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का संयोजन है। यह जटिल मशीन लर्निंग एल्गोरिदम को चलाने के लिए क्वांटम कंप्यूटिंग की शक्ति का लाभ उठाता है जो बड़ी मात्रा में डेटा को संसाधित कर सकता है। क्वांटम एआई में उन समस्याओं को हल करने की क्षमता है जो शास्त्रीय कंप्यूटरों के लिए असंभव हैं, जैसे जटिल प्रणालियों को अनुकूलित करना और जटिल वातावरण में परिणामों की भविष्यवाणी करना।क्वांटम एआई क्वांटम कंप्यूटिंग की शक्ति को मशीन लर्निंग एल्गोरिदम के लचीलेपन के साथ जोड़ती है। यह संयोजन नए प्रकार के एल्गोरिदम के निर्माण की अनुमति देता है जो क्वांटम कंप्यूटिंग के अद्वितीय गुणों का लाभ उठा सकते हैं। क्वांटम एआई में नई प्रकार की डेटा प्रोसेसिंग तकनीक बनाने की भी क्षमता है जिसका उपयोग अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला में किया जा सकता है।विश्वविद्यालय के डायरेक्टर पीआर डॉ अजीत कुमार ने कहा कि आप यह पहले ही जान चुके हैं कि क्वांटम तकनीक की मदद से डेटा व सूचना बहुत ही कम समय में प्रोसेस किया जा सकेगा। गूगल के रिसर्च पेपर की बात माने तो यह तकनीक यह टेक्नोलॉजी नए प्रोसेसर की टेक्निक क्वांटम बिट्स या क्यूबिट्स की सहायता से कार्य करती है, जो आधुनिक कंप्यूटिंग भाषा के रूप में शून्य और एक वैल्यू में डेटा मूल्य को रजिस्टर्ज करते हैं। वर्तमान की बात करें तो दुनिया की सबसे बड़ी टेक्नॉलॉजी कंपनियां गूगल, इंटेल, माइक्रोसॉफ्ट और आईबीएम इस तकनीकी पर आजकल काम कर रही है।

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