GautambudhnagarGreater Noida

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के वार्षिकोत्सव “पल्लवन 2024” में भारतीय ज्ञान परंपरा पर कार्यक्रमों का हुआ आयोजन

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के वार्षिकोत्सव “पल्लवन 2024” में भारतीय ज्ञान परंपरा पर कार्यक्रमों का हुआ आयोजन

शफी मौहम्मद सैफी

ग्रेटर नोएडा।गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय की राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग का वार्षिकोत्सव “पल्लवन 2024” का विधिवत शुभारंभ मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. के. सिन्हा एवं विशेष अतिथि के रूप में भारतीय शिक्षा बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. एन.पी. सिंह की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ। उक्त कार्यक्रम 29 फरवरी तक चलेगा। कार्यक्रम के शुभारंभ में विश्वविद्यालय के डीन आफ एकेडमिक्स प्रो. एन. पी. मलकानिया, कुलसचिव डॉ विश्वास त्रिपाठी, समाज विज्ञान एवं मानविकी संकाय की अधिष्ठाता प्रो. वंदना पांडे, राजनीति विज्ञान, अंतरराष्ट्रीय संबंध के विभागाध्यक्ष डॉ. अक्षय सिंह, विभिन्न संकायों के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण, एवं छात्र उपस्थिति रहे। मुख्य अतिथि प्रो. आर. के. सिन्हा एवं विशेष अतिथि डॉ. एन. पी. सिंह ने उक्त कार्यक्रम के आयाम-संरचना की प्रशंसा करते हुए छात्रों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में राजनीति शास्त्र को भारतीय परिवेश में संदर्भित करने के दिशा में छात्रों को सृजनात्मकता पूर्ण भागीदारी हेतु विभाग के पहल को सराहा। कुलपति प्रो0 आर. के. सिन्हा ने छात्रों की रचनात्मक सहभागिता जैसे की प्रदर्शनी, लोकनृत्य, डिबेट, क्विज, पोस्टर प्रदर्शन द्वारा विषय की समझ विकसित करानें के लिए विभाग के कार्य प्रणाली की भूरी भूरी प्रशंसा भी की। मुख्या वक्ता के रूप में डॉ. एन. पी. सिंह ने भारत में ज्ञान परंपरा के समृद्ध श्रोतों के अनछुए पहलुओं को उद्घाटित करने हुए उन्हें विश्व का अप्रतिम धरोहर बताया एवं भविष्य के सम्पोषित समाजार्थिक विकास की योजना का सारतत्व भी। उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा के विषय में सभागार में उपस्थित सभी श्रोताओं को अपने गहन ज्ञान से मंत्र मुक्त कर दिया । वेदों,पुराणों, रामायण, महाभारत, स्मृति ग्रन्थ एवं नीतिशास्त्रों में वर्णित राजनीति विज्ञान से संबंधित अवधारणाओं और वर्तमान में उनकी प्रासंगिकता से भी उन्होंने छात्रों को अवगत कराया। निसंदेह उनका यह ज्ञान वर्तमान भारत के लिए नितांत उपयोगी और अपरिहार्य है। संकाय अधिष्ठाता प्रो. वंदना पांडे ने अतिथियों का स्वागत करते हुए तीनदिवसीय कार्यक्रम के सफल आयोजन की शुभकामनाएं दिया। विषय प्रवर्तन करते हुए विभागाध्यक्ष डॉ. अक्षय सिंह ने विस्तार से यह बताया की क्यों हमें पश्चिम के तरफ देखने की हीन भावना से उबरना होगा, यद्यपि कि सच यह है की पश्चिम ने अपने विकास में भारत की प्राचीन ज्ञान निधि से सींचा है, जिसका श्रेय उन्होनें हमें नहीं दिया है। वास्तविकता यह है कि राजनीति शास्त्र कि मौलिक अवधारणाएं प्राचीन भारत के श्रेयष्कर ग्रंथों में प्रतिपादित हैं जिनसे छात्रों को अवगत कराना है। कार्यक्रम डॉ. सौम्या के समन्वय में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में विभाग के शिक्षक डॉ. विवेक मिश्र, डॉ. पंकजदीप, डॉ. जीतेन्द्र कुमार, डॉ. रचित श्रीवास्तव, डॉ. हामिद रसूल, शिवानी राय, डॉ. प्रियंवदा सिंह, राजेश कुमार, और विभाग के सैकड़ों छात्रों कि हर्षोल्लाष से भागीदारी रही।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button