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स्व. पवन दीक्षित ने दनकौर का नाम अपनी शायरी से पूरी दुनिया में किया रोशन, विदेशों में भी मशहूर थे दनकौर के पवन दीक्षित 

स्व. पवन दीक्षित ने दनकौर का नाम अपनी शायरी से पूरी दुनिया में किया रोशन, विदेशों में भी मशहूर थे दनकौर के पवन दीक्षित

शफी मौहम्मद सैफी

ग्रेटर नोएडा। हिंदुस्तान के मशहूर कवि पवन दीक्षित जिनका 25 दिसंबर 2022 को देहांत हो गया था उनका मंगलवार को 61 वाँ जन्मदिन है गौरतलब है कि पवन दीक्षित अपने चार भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके सबसे बड़े भाई योगेश दीक्षित, उनसे छोटे भूवनेश्वर दीक्षित उर्फ दीक्षित दनकौरी तथा तीसरे नंबर नरेश दीक्षित हैं । उनकी दो बेटी और एक बेटा है। वह बिहारी लाल इंटर कालेज में सहायक लिपिक के पद पर तैनात थे और इसी साल 31 दिसंबर 2022 को सेवानिवृत्त होने वाले थे। लेकिन कुदरत का निजाम देखिए कि वह न तो बेटी की रिसेप्शन पार्टी में ही शिरकत कर सके। पवन दीक्षित जो एक ऐसा नाम है जिसे लोग भूल नहीं सकते उनकी शायरी की लोग दाद देते थे देश के बड़े-बड़े कवि सम्मेलन में लोग उनकी शायरी सुनने को बेताब रहते थे। बड़े-बड़े देश के प्रतिष्ठ लोगों से उनके संबंध थे आमिर खान की शादी में वह शामिल हुए थे इसके अलावा हिंदुस्तान के मशहूर शायरों से उनकी दोस्ती थी उनके करीबी दनकौर निवासी नासिर हुसैन अब्बासी बताते हैं कि उन्होंने दनकौर का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया क्योंकि जहां भी वह है कार्यक्रम में जाते थे तो सब लोग कहते थे कि पवन दीक्षित दनकौरी कार्यक्रम में शरीक होने आए हैं वह अपने काव्य पाठ में दनकौर का नाम जरूर लेते थे उन्होंने विदेश में अमेरिका इंग्लैंड ओमान सिंगापुर थाईलैंड के अलावा देश में प्रमुख शहरों में काव्यपाठ किया इसके अलावा भारत में डीसीएम व लाल किला में भी काव्यपाठ भी किया इसके अलावा मशहूर नाम कथावाचक मुरारी बापू के कवि सम्मेलन में भी उन्होंने भाग लिया इसके अलावा टेलीविजन पर दूरदर्शन ज़ी टीवी सब टीवी बिग मैजिक में उन्होंने काव्य पाठ किया उसके अलावा अशोक चक्रधर द्वारा निर्देशित फिल्म बिटिया में अभिनय भी किया और इसके अलावा पंजाबी फिल्म एकनूर में गीत लेखन भी किया वह कहीं भी कवि सम्मेलन में जाते थे तो उनका एक शेर लोगों की कानों में आज भी पूछता है

लिखने का हुनर तो मुझे इस दौर से मिला

दुख से मिला सुख से मगर बड़े गौर से मिला।

क्या आप समझते हो कहीं और से मिला

जो कुछ मुझे मिला मेरे दनकौर से मिला।

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दनकौर भी ऐतिहासिक नगरी है श्री द्रोणाचार्य से जुड़ी नगरी है यहां पर भी कवि सम्मेलन लगातार होते रहे हैं जब भी वह मंच पर आते थे तो उनसे एक ही शेर की डिमांड होती थी जो उनका बहुत प्रसिद्ध शेर था

मां रोज जेब देखे बेरोजगार की

बेटे की जेब में कहीं सल्फाज तो नहीं

दनकौर में पवन दीक्षित के घनिष्ठ मित्र अतुल अग्रवाल कहते हैं कि मेरी उनसे बड़ी गहरी दोस्ती थी हालांकि मेरे हम उम्र नहीं थे लेकिन उनका स्वभाव बहुत सरल था इतनी लोकप्रियता के बावजूद उनमें कोई घमंड वाली बात नहीं थी बिल्कुल सरल स्वभाव के व्यक्ति थे उन्होंने बताया कि वह उनके साथ एक कार्यक्रम में कथा वाचक मुरारी बापू के कार्यक्रम में जब पहुंचे तो उन्होंने देखा कि उनकी कितनी बड़ी पहचान थी उन्होंने बताया कि देश के बड़े स्टार सचिन तेंदुलकर फिल्म स्टार आमिर खान सहित बड़े राजनेताओं से उनके संबंध थे लेकिन उन्होंने बिल्कुल भी घमंड वाली बात नहीं थी

 

 

 

 

 

 

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