अवार्ड ऑफ़ एक्सीलेंस फॉर साइबर फॉरेंसिक रिसर्च से आईआईएमटी सम्मानित। आईआईएमटी कॉलेज को नवाजा अवार्ड ऑफ़ एक्सीलेंस फॉर साइबर फॉरेंसिक रिसर्च से।
अवार्ड ऑफ़ एक्सीलेंस फॉर साइबर फॉरेंसिक रिसर्च से आईआईएमटी सम्मानित।
आईआईएमटी कॉलेज को नवाजा अवार्ड ऑफ़ एक्सीलेंस फॉर साइबर फॉरेंसिक रिसर्च से।
शफी मौहम्मद सैफी
ग्रेटर नोएडा। आईआईएमटी कॉलेज समूह को अवार्ड ऑफ़ एक्सीलेंस फॉर साइबर फॉरेंसिक रिसर्च इन फ्यूचर क्राइम से सम्मानित किया गया। यह अवार्ड आईआईएमटी को साइबर फॉरेंसिक एरिया में बेस्ट रिसर्च के लिए दिया गया है। इस शिखर सम्मेलन का आयोजन दिल्ली में किया गया। जिसमें कॉलेज समूह के प्रबंध निदेशक डॉ. मयंक अग्रवाल ने आरपीएफ के पूर्व डीजी अरुण कुमार से पुरस्कार स्वीकार किया। सम्मेलन में डिजिटल अपराध, साइबर सुरक्षा, डिजिटल फोरेंसिक और वित्तीय अपराध की रोकथाम के लिए विशेषज्ञों द्वारा चर्चा की गई। समिट का आयोजन फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन (एफसीआरएफ) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के एआईआईडीई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) के सहयोग से किया गया। फ्यूचर क्राइम समिट में पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी व देश-विदेश के अलग-अलग हिस्सों से आए साइबर एक्पर्ट, एथिकल हैकर्स ने अपने विचार रखे। इस दौरान आईआईएमटी कॉलेज समूह के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. मयंक अग्रवाल ने कहा कि यह कॉलेज समूह के हर व्यक्ति के लिए गर्व की बात है कि इस सम्मान से आईआईएमटी को नवाजा गया है। उन्होंने बताया कि कॉलेज साइबर सिंघम नाम से मशहूर डॉ. त्रिवेणी सिंह के मार्गदर्शन में कई प्रकार की टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है। कुछ ही दिनों में उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन साइबर सिक्योरिटी एण्ड साइबर फॉरेंसिक भी आईआईएमटी में शुरू होने वाला है। डॉ. मयंक अग्रवाल ने आगे कहा कि साइबर अपराध में अपराधी आपके सामने नहीं होता बल्कि वह आप से कोसों दूर बैठकर आपको निशाना बना लेता है। टेक्नोलॉजी की दुनिया में साइबर अपराध भविष्य के लिहाज से बड़ी चुनौती बन गया है। अभी तक देश में इस तरह के अपराधों से निपटने के लिए विदेश संसाधनों पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन मेक इन इंडिया के तहत देश में साइबर लैब पर काम शूरू हो चुका है।