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आईएचजीएफ दिल्ली मेला,16 हॉल और 900 स्थायी शोरूम सहित 3000 से अधिक प्रतिभागी अपने उत्पाद करेंगे प्रदर्शित। 100 से अधिक देशों के क्रेता होंगे शामिल; ज्ञान सत्र और रैंप शो प्रतिभागियों के अनुभव को बनाएंगे बेहतर 

आईएचजीएफ दिल्ली मेला,16 हॉल और 900 स्थायी शोरूम सहित 3000 से अधिक प्रतिभागी अपने उत्पाद करेंगे प्रदर्शित।

100 से अधिक देशों के क्रेता होंगे शामिल; ज्ञान सत्र और रैंप शो प्रतिभागियों के अनुभव को बनाएंगे बेहतर

शफी मौहम्मद सैफी

ग्रेटर नोएडा। हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) द्वारा आयोजित आईएचजीएफ दिल्ली मेले का आगामी 57वां संस्करण 6 से 10 फरवरी 2024 तक इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे में आयोजित किया जाएगा। इस संस्करण में भव्य व्यवस्थित देखने को मिलेगा। इस मेले मे 16 विशाल हॉल हैं, जिनमें से प्रत्येक को होम, फैशन, लाइफस्टाइल, फर्निशिंग और फर्नीचर सहित 14 प्रमुख प्रदर्शन खंडों को समर्पित किया गया है। उत्पादों की विविध श्रृंखला में घरेलू सामान, घरेलू साज-सज्जा, फर्नीचर, उपहार और सजा-सज्जा उत्पाद, लैंप और प्रकाश व्यवस्था, क्रिसमस और उत्सव की साज-सज्जा, फैशन आभूषण और एसेसरीज, स्पा और बेलबीइंग उत्पाद, कालीन और गलीचे, बाथरूम सहायक उपकरण, उद्यान सहायक उपकरण, शैक्षिक खेल -खिलौने, हस्तनिर्मित कागज उत्पाद और स्टेशनरी, साथ ही चमड़े के बैग शामिल हैं। ईपीसीएच के अध्यक्ष, दिलीप बैद ने इस अवसर पर कहा, “दुनिया भर से खरीदारों की एक महत्वपूर्ण आमद के साथ, इस मेले में हमारे प्रदर्शक आगामी स्प्रिंग संस्करण को भारतीय हस्तशिल्प क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह हमारे लक्ष्य-तीन गुना तीस तक- के अनुरूप है।’ हस्तशिल्प और उपहार उत्पादों की एक नई श्रृंखला के साथ, सामूहिक रूप से ये उत्पाद और हमारे प्रदर्शक एक ही मंच पर विचारपूर्वक तैयार की गई अवधारणाओं और उत्पादों का एक पूरा स्पेक्ट्रम पेश करते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि मेले का उद्घाटन दर्शना विक्रम जरदोश, कपड़ा और रेलवे राज्य मंत्री, भारत सरकार द्वारा किया जाएगा।आईईएमएल के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने कहा, “एक ही छत के नीचे हस्तशिल्प निर्यातकों के दुनिया के सबसे बड़े जमावड़े के रूप में लोकप्रिय आईएचजीएफ दिल्ली मेला हमारे जीवंत हस्तशिल्प क्षेत्र की क्षमता, ताकत, पैमाने और क्षमता को प्रदर्शित करता है। इसे सबसे विस्तृत और लोकप्रिय सोर्सिंग आयोजन बनाने के लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। हमारा मिशन विनिर्माण और निर्यात के विभिन्न पहलुओं को शामिल करना है, जिसमें उत्पादन क्षमता को बढ़ाना, गुणवत्ता बढ़ाना, डिजाइनों में नवीनता लाना, नए उत्पाद विविधताएं पेश करना और खरीदारों की बढ़ती संख्या से जुड़ने के लिए आउटरीच का विस्तार करना और उनकी विविध आवश्यकताओं को पूरा करना शामिल है। आईएचजीएफ दिल्ली फेयर-स्प्रिंग 2024, रिसेप्शन कमेटी की अध्यक्ष प्रिया अग्रवाल ने इस अवसर पर बताया, “वर्षों से, मेले ने अपनी अंतरराष्ट्रीय पहुंच के माध्यम से उद्यमियों, निर्माताओं, निर्यातकों और कारीगरों के लिए बाजार संबंध बनाए हैं, साथ ही इस कार्य के लिए अपनी एक सशक्त पहचान भी हासिल की है। आयोजक के रूप में, स्प्रिंग 2024 की ओर, हम वैश्विक खरीदारों को एक ही छत के नीचे भारतीय प्रदर्शकों के सबसे बड़े समूह से मिलने और मजबूत, खुशनुमा और पारस्परिक रूप से लाभदायक संबंधों की शुरुआत करने के लिए एक अनुकूल व्यापार मंच प्रदान करने का प्रयास करते हैं।अपनी बात को विस्तार देते हुए उन्होंने कहा,“ हस्तशिल्प समूहों, उत्पादन केंद्रों और कारीगर गांवों के मजबूत प्रतिनिधित्व के साथ पूरे भारत से कुल मिलाकर 3000 से अधिक प्रदर्शक शामिल होंगे।”ईपीसीएच के वाइस चेयरमैन, नीरज खन्ना ने बताया, “आईएचजीएफ दिल्ली मेला वैश्विक स्तर पर घर, जीवनशैली, फैशन, फर्निशिंग और फर्नीचर बाजारों की मांग को पूरा करने की क्षमता, काबलियत के साथ सांस्कृतिक और शिल्प समृद्ध भारत को प्रस्तुत करने का प्रयास करता है। यही चीज़ पूरी दुनिया को नवीनतम भारतीय हस्तशिल्प उत्पादों के लिए प्रमुख ‘वन-स्टॉप सोर्सिंग प्लेटफॉर्म’ से स्रोत तक लाती है। इसलिए, मौजूदा खरीदारों को पूरा करने और नए खरीदारों को आकर्षित करने के लिए, छोटे और मध्यम निर्यातकों, कारीगर उद्यमियों और डिजाइनरों से लेकर भारत के अग्रणी निर्माता निर्यातकों तक प्रदर्शकों की भागीदारी शामिल रही है।ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक, आर. के वर्मा ने बताया कि मेले को विस्तृत प्रचार प्रसार देने के लिए ने हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद ने व्यापक प्रचार अभियान चलाया है इसमें मेले को अंतरराष्ट्रीय मैगजीन, उनके डिजिटल प्रकाशनों, ऑनलाइन पोर्टल्स, बेब बैनर और सोशल मीडिया में व्यापक रूप से कवर किया गया है। इसके अलावा भारतीय दूतावासों ने अपने-अपने देशों में खरीदारों और आयातकों को निमंत्रण दिया। मेले को डिजिटल प्रकाशनों और सोशल मीडिया में व्यापक रूप से कवर किया गया है। शो में आने वाले आगंतुकों की प्रोफाइल में दुनिया भर से विदेशी खरीदार शामिल हैं, जिनमें थोक विक्रेता, वितरक, चेन स्टोर, डिपार्टमेंटल स्टोर, खुदरा विक्रेता, मेल-ऑर्डर कंपनियां, ब्रांड मालिक, खरीद घर और डिजाइनर और ट्रेंड फोरकास्टर्स के अलावा खरीद प्रतिनिधि और घरेलू वॉल्यूम खरीदार शामिल हैं।100 से अधिक देशों से विदेशी खरीदार ने आने के लिए रजिस्ट्रेशन करा लिए हैं इनमें अल्बानिया, अल्जीरिया, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, अजरबैजान, बहरीन, बेल्जियम, बोलीविया, ब्राजील, कनाडा, चिली, चीन, कोलंबिया, साइप्रस, डेनमार्क, मिस्र, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हांगकांग, हंगरी, इंडोनेशिया, ईरान, इस्लामिक गणराज्य इराक, आयरलैंड, इज़राइल, इटली, जापान, जॉर्डन, कजाकिस्तान, केन्या, कोरिया गणराज्य, कुवैत, लेबनान, मलेशिया, मॉरीशस, मैक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, ओमान, पैराग्वे, पेरू, फिलीपींस, पोलैंड, पुर्तगाल, कतर, रोमानिया, रूस, सऊदी अरब, सिंगापुर, स्लोवाकिया, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, ताइवान, ताजिकिस्तान, तंजानिया, थाईलैंड, तुर्की, यूक्रेन, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, वेनेज़ुएला, वियतनाम और कई अन्य देशों के लोगों, खरीददारों ने मेले में आने के लिए पहले से पंजीकरण करा लिया है।अपनी बात को विस्तार देते हुए वर्मा ने बताया कि इसके अलावा, शो ने अपने पिछले कुछ संस्करणों से प्रसिद्ध घरेलू कंपनियों के लिए भी बड़ी मात्रा में खुदरा खरीदारी के लिए एक विकल्प उपलब्ध करा दिए हैं। उन्होंने आगे कहा प्रमुख स्टोर्स का प्रतिनिधित्व करने वाले बाइंग कंसल्टेंट्स जैसे एल्डी, ऑस्ट्रेलिया बीएचपी, ऑस्ट्रिया; बडेमेयर, ब्राज़ील; वानस्पतिक, फ़्रांस; आइचोल्ट्ज़ बी.वी., नीदरलैंड्स; होमला, पोलैंड; ग्रुपो एरिक, स्पेन; कोच हाउस, कासा कलेक्टिव लिमिटेड यूनाइटेड किंगडम; अमेज़ॅन, बिग लॉट्स, वॉलमार्ट, यूएसए और कई अन्य ने शो में अपनी प्रतिभाग की पुष्टि की है।हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद के कार्यकारी निदेशक आर. के वर्मा ने बताया कि ईपीसीएच दुनिया भर के विभिन्न देशों में भारतीय हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने और उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प उत्पादों और सेवाओं के एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में विदेशों में भारत की छवि और होम,जीवनशैली,कपड़ा, फर्नीचर और फैशन आभूषण और सहायक उपकरण के उत्पादन में लगे क्राफ्ट क्लस्टर के लाखों कारीगरों और शिल्पकारों के प्रतिभाशाली हाथों के जादू की ब्रांड इमेज बनाने के लिए जिम्मेदार एक नोडल संस्थान है। इस अवसर पर ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर के वर्मा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान हस्तशिल्प निर्यात 30019.24 करोड़ रुपये (3728.47 मिलियन डॉलर) रहा।

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