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गलगोटियास यूनिवर्सिटी में आईएएस जी सी मुर्मू एथिकल ऑडिट पर एक विशेषज्ञ व्याख्यान के समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पहुँचे। नैतिकता हर सुख-दुख में आपकी मदद करेगी। इसलिए नैतिकता की अनदेखी न करें। जी. सी. मुर्मू

नैतिकता हर सुख-दुख में आपकी मदद करेगी। इसलिए नैतिकता की अनदेखी न करें। जी. सी. मुर्मू

गलगोटियास यूनिवर्सिटी में आईएएस जी सी मुर्मू एथिकल ऑडिट पर एक विशेषज्ञ व्याख्यान के समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पहुँचे। 

शफी मौहम्मद सैफी

ग्रेटर नोएडा।हमारे जीवन में नैतिकता का क्या महत्व है इस विषय पर बोलते हुए मुख्य अतिथि जी. सी. मुर्मू ( भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक) ने कहा कि नैतिक रूप से, कानूनी रूप से हमारी बहुत जिम्‍मेदारी है। और हमें इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि हमारे नैतिक कर्तव्य क्या हैं और हमें सदैव अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।उन्होंने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि यहां आप छात्र होने के नाते, विभिन्न पाठ्यक्रमों का अध्ययन करके डिग्रियां हासिल कर रहे हैं। आपकी शिक्षा में भी, आपकी पढ़ाई में भी, एक नैतिकता होनी चाहिए, क्योंकि नैतिकता के लिए नेतृत्व की आवश्यकता होती है।इसके लिए मूल्यों की जरूरत है। ऐसा नहीं है कि ये ऊपर से दिया जायेगा. नैतिकता पारिवारिक मूल्यों, संस्थागत नेतृत्व में सामाजिक मूल्यों से सीखी जा सकती है। उन्होंने आगे कहा कि चाहे निजी क्षेत्र हो या सार्वजनिक क्षेत्र, लेकिन नैतिकता हर जगह है जो महत्वपूर्ण है। नैतिकता आपकी हर सुख-दुख में आपकी मदद करेगी। इसलिए नैतिकता की अनदेखी नहीं की जा सकती। इसकी कुछ निश्चित व्याख्याएँ, कुछ प्रकार के मूल्य हो सकते हैं। इसीलिए शुरू में मैंने कहा था कि यह एक सभ्यतागत पहचान है।किसी भी समाज, किसी भी समुदाय, किसी भी राज्य, किसी भी राष्ट्र। सभी के लिये नैतिकता बहुत ही महत्वपूर्ण है। चाहे आप सार्वजनिक पदाधिकारी हों, या निजी पदाधिकारी हों, या आप निजी व्यक्ति हों, आप निजी उद्यमी हों, नैतिकता के बिना आप जीवन आगे नहीं बढ़ पाएंगे। इसलिए आप अपने जीवन में नैतिकता को अवश्य अपनायें। इन्हीं शब्दों के साथ, मैं आपको शुभकामनाएं देता हूं। गलगोटियास विश्वविद्यालय के सीईओ डा० ध्रुव गलगोटिया ने कार्यक्रम की सफलता के सभी को बँधायी देते हुए कहा कि हम सभी के जीवन में नैतिकता का होना परम आवश्यक है। विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ़ बिज़नेस की डीन डा० सीमा गुप्ता ने कार्यक्रम के समापन पर बोलते हुए कहा कि क्या हम जो कुछ भी कर रहे हैं, उसे उसकी सच्ची भावना से कर रहे हैं। और क्या सच्चा उद्देश्य पूरा हो रहा है, इस बात का हमें विशेष ध्यान रखना होगा। औपचारिक चर्चा समारोह का समापन हार्दिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। प्रमुख वक्ता ने मुख्य अतिथि, कुलाधिपति/कुलपति, प्रतिभागियों और आयोजन समिति को इस आयोजन को सफल बनाने में उनके सहयोगात्मक प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया।कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान की प्रस्तुति के साथ हुआ।

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