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हेलमेटमैन राघवेंद्र कुमार की बेहतरीन पहल, कार्यक्रम कर भाइयों को उपहार में देने के लिए बहनों को बांटे सैंकड़ों हेलमेट

हेलमेटमैन राघवेंद्र कुमार की बेहतरीन पहल, कार्यक्रम कर भाइयों को उपहार में देने के लिए बहनों को बांटे सैंकड़ों हेलमेट

शफी मौहम्मद सैफी

ग्रेटर नोएडा।”हेलमेट मैन ऑफ इंडिया” राघवेंद्र कुमार ने अंतर्राष्ट्रीय-ख्यात “विश्व निशाने पर है” जलवायु संकट जागरूकता अभियान के साथ एडब्ल्यूएचओ गुरजिंदर विहार सेंट्रल पार्क, ग्रेटर नोएडा में एक यादगार रक्षा बंधन के उत्सव के एक अद्वितीय कार्यक्रम के लिए भागीदारी की। जलवायु के प्रति जागरूक बच्चे, जो साइकिलों पर आए थे, ने इस प्रतीकात्मक समारोह में भाग लिया जहां उन्होंने पेड़ों पर राखी बांधी और फिर पेड़ों ने उन्हें हेलमेट “उपहार” दिया। इस कार्यक्रम ने न सिर्फ सड़क सुरक्षा और जलवायु संरक्षण के बीच महत्वपूर्ण संबंध को रेखांकित किया बल्कि जीवन और धरती दोनों की रक्षा के लिए व्यक्तिगत व् साझा जिम्मेदारी पर जोर दिया और इन्हें जलवायु संकट से बचाने की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डाला।”हेलमेट मैन ऑफ इंडिया” राघवेंद्र कुमार ने कार्यक्रम को मिले जबरदस्त समर्थन के लिए ह्रदय से सराहना व्यक्त की और कहा, ” “विश्व निशाने पर है” अभियान, जो जलवायु अभ्यासी और कवि डॉ. निखिल कांत के नेतृत्व और डॉ. के. अंजलि के संयोजन में बढ़ता रहा है, के साथ यह सहयोग वास्तव में विशेष रहा है। इस संयुक्त प्रयास से हमने यह दिखाया है कि खुद को सुरक्षित रखना, चाहे वह हेलमेट पहनने के माध्यम से हो या जलवायु की रक्षा करने से, हमारे बड़े दायित्व से गहराई से जुड़ा है, जिसमें हमारे प्यारे ग्रह व् सभी ग्रहवासियों का देखभाल शामिल है।”2004 में “विश्व निशाने पर है” अभियान की स्थापना करने वाले जलवायु अभ्यासी डॉ. निखिल कांत ने जलवायु संकट से निपटने में हममें से प्रत्येक की सक्रिय भूमिका के बारे में बात की। “आज बांधी गई राखियां ग्रह की देखभाल के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक हैं, और बच्चों की भागीदारी भविष्य की पीढ़ियों के लिए पर्यावरणीय प्रबंधन मूल्यों को निभाने के हमारे कर्तव्य की याद दिलाती है।” उन्होंने अपनी प्रसिद्ध कविता ” बदल रही है जलवायु विश्व निशाने पर है” जो जलवायु संकट के बारे में जबरदस्त जागरूकता बढ़ाता रहा है, का पाठ करके दर्शकों को भावविभोर कर दिया।कार्यक्रम का विशेष आकर्षण नन्हे जलवायु एक्टिविस्ट मेहरांश मृदुल के द्वारा “नींद ना अब आएगी लोरी सुनकर नानी” कविता का हार्दिक गायन था जिसे जलवायु संकट के बारे में विशेषकर बच्चों की जागरूकता बढ़ाने के लिए “विश्व निशाने पर है” हिंदी काव्य श्रृंखला में डॉ. निखिल कांत ने लिखा है ।
“विश्व निशाने पर है” अभियान की संयोजक और वीएनपीएच फाउंडेशन की निदेशक डॉ. के. अंजलि ने जलवायु संकट से निपटने में व्यक्तिगत सक्रिय कार्यों के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा, “राखी एक ऐसा त्योहार है जो सुरक्षा के बंधन का प्रतीक है और केवल भाइयों और बहनों के बीच ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के प्रत्येक सदस्य के बीच होता है । आज बांधी गई राखियां हमारी प्यारी प्रकृति को सतत व् टिकाऊ बनाये रखने के लिए हमारी व्यक्तिगत व् सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करती हैं।” उन्होंने एक कविता ”हम जागे हैं जग को आज जगाने पर हैं” भी सुनाई जो डॉ. निखिल कांत की “विश्व निशाने पर है” हिंदी काव्य श्रृंखला में बच्चों में आशा को प्रेरित करने के लिए लिखी गयी है ।
यह आयोजन सभी उपस्थित लोगों द्वारा सड़क सुरक्षा और जलवायु कार्रवाई की वकालत करने और सतत व् टिकाऊ जीवन पर जोर देने की प्रतिज्ञा के साथ समाप्त हुआ। “हेलमेट मैन ऑफ इंडिया” और “विश्व निशाने पर है” अभियान के बीच सहयोग ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे व्यक्तिगत प्रयास एक सार्थक सामाजिक प्रभाव पैदा कर सकते हैं। इस रक्षा बंधन पर संदेश स्पष्ट था: एक-दूसरे और पर्यावरण की रक्षा करके, हम सभी के लिए एक
सुरक्षित और अधिक सतत टिकाऊ भविष्य को बढ़ावा दे सकते हैं।

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