आईआईए ग्रेटर नोएडा चैप्टर के उद्यमियों ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा औद्योगिक भूखंड आवंटन में फिर से ई नीलामी प्रक्रिया अपनाने का किया पुरजोर विरोध
आईआईए ग्रेटर नोएडा चैप्टर के उद्यमियों ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा औद्योगिक भूखंड आवंटन में फिर से ई नीलामी प्रक्रिया अपनाने का किया पुरजोर विरोध
शफी मौहम्मद सैफी
ग्रेटर नोएडा। आईआईए ग्रेटर नोएडा चैप्टर के उद्यमियों ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा औद्योगिक भूखंड आवंटन में फिर से ई नीलामी प्रक्रिया अपनाने का पुरजोर विरोध किया है विशेष सिलसिले में ग्रेटर नोएडा के रॉयल हैबिटेट सेंटर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया जिसमें इंडस्ट्रियल अलॉटमेंट पॉलिसी नीलामी योजना का विरोध किया गया इस मौके पर एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष विपिन महाना ने कहा कि ये पॉलिसी न तो उद्यमरत एम एस एम ई के हित में है और न ही पारदर्शी, इसमें केवल भूमाफियाओं का ही भला होगा, अनाप नाप कीमतें बढ़ेंगी जो किसी भी स्टार्ट अप, विस्तार योजना की वायबिलिटी को बुरी तरह से प्रभावित कर देंगी । अधिकारीगण, भूमाफियाओं को लाभ पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री को गुमराह कर रहे हैं। इस मौके पर अध्यक्ष औद्योगिक पार्क समिति बाबूराम भाटी ने कहा कि उद्यमी उद्यम लगाने हेतु कितना कर्ज अपने सिर पर लेगा ? नव युवा शक्ति को रोजगार देने की जिम्मेदारी कैसे पूरी होगी ? कैसे उत्तरप्रदेश 1 ट्रिलियन डॉलर आर्थिक शक्ति बनेगा ? इस मौके पर तकनीकी विकास समिति के चेयरमैन जेड रहमान ने कहा कि यह राज्य सरकार का दायित्व है कि एमएसएमई उद्यमियों को सब्सिडी रेट पर भूमि आवंटित करे और उसी के अनुरूप पालिसी तैयार करे, न कि बाजार के खिलाड़ियों और प्राधिकरण अधिकारियों को खेलने दे ।एमएसएमई को छोटे भूखंड की आवश्कता होती है जो 400, 500, 800, 1000, 1500 से 2000 मीटर तक के होते हैं, जो प्राथमिकता के आधार पर वास्तविक उद्यमी एवम यथार्थ सर्कल रेट पर आसानी से मिल सकें, तभी कोई एमएसएमई उद्यमी उद्योग लगाने की हिम्मत करेगा, अन्यथा इस क्षेत्र से पलायन को विवश होगा। इस मौके पर सोमेश गुप्ता ने कहा कि
शासन का यह कदम एम एस एम ई के लिए घातक साबित होगा ।हमारा अनुरोध है कि आर्थिक रूप से तंगहाल एमएसएमई को और अधिक कर्जदार न किया जाय, सरकार एमएसएमई को वास्तविक कीमतों पर भूखंड प्रदान करे । भूखंड चाहने वाले एमएसएमई उद्यमी की वास्तिवकता की परख करने के लिए सरकार जीएसटी व आय कर, LIU विभाग से जानकारी जुटा कर, साक्षात्कार करके उद्यमी को 8000 वर्ग मीटर से कम के भूखंड प्रदान कर सकती है ।
इस मौके पर प्रमोद गुप्ता ने कहा कि 8000 वर्गमीटर से अधिक के भूखंडों को ही ई- नीलामी और साक्षात्कार विधि से देना चाहिए । बड़े उद्यम घराने ये कीमत आसानी से अदा कर सकते हैं इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में इंडस्ट्री इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रमोद गुप्ता, मनोज सिराधना,शिशुपम त्यागी, महेश त्यागी, अमित शर्मा, अमित शर्मा मित्राम, हिमांशु पांडे, गौरव भिंडा व आशीष कक्कड़ ने भी इस कानून पर चिंताजताई और सभी ने एक सुर में कहा कि इस फैसले के विरुद्ध वह अधिकारियों को ज्ञापन भी देंगे और सड़कों पर भी उतरेंगे