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आनवार: शब्दों की चेतना व अंतर्मन की वेदना अपर मुख्य अधिकारी धर्मजीत त्रिपाठी द्वारा लिखित एक कविता संग्रह,अमेज़न और फ्लिपकार्ट पर भी उपलब्ध

आनवार: शब्दों की चेतना व अंतर्मन की वेदना अपर मुख्य अधिकारी धर्मजीत त्रिपाठी द्वारा लिखित एक कविता संग्रह,अमेज़न और फ्लिपकार्ट पर भी उपलब्ध

शफी मौहम्मद सैफी
ग्रेटर नोएडा/बुलंदशहर। आनवार: शब्दों की चेतना व अंतर्मन की वेदना धर्मजीत त्रिपाठी द्वारा लिखित एक कविता संग्रह है।
इस बारे में गौतमबुद्धनगर के अपर मुख्य अधिकारी व बुलंदशहर के वर्तमान में अपर मुख्य अधिकारी धर्मजीत त्रिपाठी कहते हैं  कि इस संग्रह में हम मानवीय भावनाओं और अनुभवों के विभिन्न आयामों की खोज करते हैं, पंक्तियों की एक टेपेस्ट्री बनाते हैं जो जीवन की जटिलताओं को उजागर करते हैं। कविताएं आधुनिक भाषाओं में हैं जो प्रेम, संघर्ष,दुख,सुख , अलगाव,जीवन और मृत्यु के चक्र जैसे विषयों पर भावनाओं और विचारों को व्यक्त करती हैं। भाषा का कुशल उपयोग, व्यक्तिगत और सामाजिक दृष्टिकोण के मिश्रण के साथ “आनवार”को एक सम्मोहक पाठ बनाता है।यह काव्य संग्रह न केवल पाठक की भावनाओं को प्रतिबिंबित करता है बल्कि अस्तित्व के विभिन्न पहलुओं पर चिंतन को भी प्रोत्साहित करता है।
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पुस्तक की विशेषताएं
I. यह पुस्तक मानवीय संवेदनाओं की एक व्यापक श्रृंखला को कवर करती है।
2. कविताएं सरल और सुगम भाषा में लिखी गई हैं।
3. कविताएं पाठकों को अपने जीवन के संघर्षों और अनुभवों से जोड़ने में सक्षम हैं।
 यह पुस्तक प्रमुख बुकस्टोर्स और आनलाइन प्लेटफार्म जैसे अमेज़न और फ्लिपकार्ट में उपलब्ध हैं।।

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