आने वाला समय डिजिटल भारत के लिए रचेगा नया कीर्तिमान- सुनील गलगोटिया
आने वाला समय डिजिटल भारत के लिए रचेगा नया कीर्तिमान- सुनील गलगोटिया
शफी मौहम्मद सैफी
ग्रेटर नोएडा। गलगोटिया विश्वविद्यालय में आईईई तथा आईआईसी के संयुक्त तत्वाधान में गलगोटिया विश्वविद्यालय में संचार, सुरक्षा और ए आई (आईसीसीएसएआई-2023) विषय पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. (डॉ.) दीपक वाइकर, मैनेजिंग पार्टनर, एडुएनर्जी, सिंगापुर, प्रो. (डॉ.) एस. एन. सिंह, निदेशक, ABVIITM ग्वालियर, प्रो. (डॉ.) आशीष के. सिंह, प्रोफेसर ईई विभाग, एमएनएनआईटी, इलाहाबाद, गलगोटिया विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सुनील गलगोटिया, सीईओ ध्रुव गलगोटिया, कुलपति प्रो. के. मल्लिकार्जुन बाबू, एडवाइजर टू चांसलर प्रो. रेनू लूथरा, प्रतिकुलपति प्रो. अवधेश कुमार, कुलसचिव डॉ. नितिन गौड़, प्रो. प्रशांत जौहरी, तथा वर्चुअल मोड से प्रो. (डॉ.) मारियो जे. दीवान, डेटा साइंस रिसर्च के हेड प्रो. (डॉ.) आनंद नैय्यर, स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस-ड्यू टैन विश्वविद्यालय, दा नांग, वियतनाम, वैज्ञानिक, उपाध्यक्ष (अनुसंधान और निदेशक, डॉ. मयूर कुमार छीपा, ओडीएल कार्यक्रम प्रमुख, प्रो (डॉ.) अक्षय राठौड़, प्रोफेसर और कार्यक्रम निदेशक(इलेक्ट्रिकल पावर इंजीनियरिंग) सिंगापुर आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरूआत अतिथिगणों द्वारा दीप प्रज्जवलित करके की गई। अतिथि गणों का स्वागत करते हुए गलगोटिया विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. नितिन गौड़ ने कहा कि एआई के जनक जॉन मैकार्थी हैं उन्होंने बुद्धिमान मशीनों, विशेष रूप से बुद्धिमान कंप्यूटर प्रोग्राम को बनाने का विज्ञान और अभियांत्रिकी हमें प्रदान किया है ताकि हम मनुष्य की तरह सोचने वाला सॉफ्टवेयर बना सके। गलगोटिया विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. अवधेश कुमार द्वारा सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाला समय कंप्यूटिंग युग का है। ए आई देश के विकास व उद्योग जगत में अहम भूमिका का निर्वाहन करेगा। हम इसको नजरअंदाज नहीं कर सकते।प्रो. (डॉ.) दीपक वाइकर, मैनेजिंग पार्टनर एडुएनर्जी, सिगापुर ने संचार, सुरक्षा और ए आई पर कहा कि 2045 तक मशीनें स्वयं सीखने और स्वयं को सुधारने में सक्षम हो जाएंगी और इतनी तेज़ गति से सोचने समझने और काम करने लगेंगी कि मानव विकास का पथ हमेशा के लिये बदल जाएगा। प्रो. (डॉ.) एस. एन. सिंह, निदेशक, ABVIIITM ग्वालियर ने ए आई पर बात करते हुए संचार सुरक्षा पर जोर दिया। और कहा कि हमें इसके सकारात्मक पक्ष और नकारात्मक पक्ष दोनों के बारे में विचार करने की आवश्यकता है। वहीं प्रो. (डॉ.) आशीष के. सिंह, प्रोफेसर ईई विभाग, एमएनएनआईटी, इलाहाबाद ने संचार सुरक्षा और ए आई की विकास यात्रा के और संभावनाओं पर बात की।गलगोटिया विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सुनील गलगोटिया ने ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि सब लोग के पास डिजिटल क्षेत्रों में ढेरों मौके हैं। आजकल के समय में डिजिटल दुनिया में सभी को कंप्यूटर व इंटरनेट की जानकारी होना आवश्यक है। चाहे इंजीनियरिंग, मीडिया, मैनेजमेंट की पढाई, सेवा क्षेत्र, कृषि आदि सभी क्षेत्र में डिजिटल होना जरूरी है। आगे उन्होंने कहा कि आने वाले समय 2047 तक भारत डिजिटल इंडिया के क्षेत्र में परचम लहराकर विश्व में अपना पताका लहराएगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने मेक इन इंडिया के सपने को आईसीसीएसएआई नामक संस्था द्वारा पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि गलगोटिया विश्वविद्यालय आईसीसीएसएआई रैंकिंग में पूरे भारत में दूसरे नंबर पर कायम है। गलगोटिया विश्वविद्यालय के सीइओ ध्रुव गलगोटिया ने कहा कि ए आई के क्षेत्र में भारत में अच्छा कार्य हो रहा है और देश में कई ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें इसे लेकर प्रयोग किये जा रहे हैं। इसका इस्तेमाल देश के विकास में लाभकारी साबित हो सकता है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के मल्लिकार्जुन बाबू ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय में भारत एवं अमेरिका व्यापारिक साझेदारी में पूरे विश्व में एकता की भावना रच रहे हैं। भारत व अमेरिका आईटी कंपनी में भारतीयों का दबदबा कायम है। इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में विश्व में कीर्तिमान स्थापित करना है। कार्यक्रम के अंत में आए हुए अतिथिगणों स्मृति चिहन व शाल देकर सम्मानित किया गया। प्रो. संजय गोयल डीन अकादमिक और डीन कंप्यूटर साईस द्वारा अतिथिगणों व प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में देश-विदेश से आए शोधकर्ता व विभिन्न विभाग के शिक्षकगण व छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।