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यथार्थ हॉस्पिटल ने 3 किलोमीटर लंबे महिला विशेष वॉकथॉन का किया आयोजन, चेतन शर्मा ने महिला केंद्रित वॉकथॉन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
यथार्थ हॉस्पिटल ने 3 किलोमीटर लंबे महिला विशेष वॉकथॉन का किया आयोजन, चेतन शर्मा ने महिला केंद्रित वॉकथॉन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
शफी मौहम्मद सैफी
ग्रेटर नोएडा। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं की उपलब्धियों, बलिदानों, और समाज में उनके योगदान के महत्व को उजागर करने के लिए यथार्थ सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, सेक्टर-110, नोएडा ने आज 3 किमी लंबे वॉकथॉन का आयोजन किया।कार्यक्रम को लोकप्रिय भारतीय पूर्व क्रिकेटर और मुख्य अतिथि चेतन शर्मा द्वारा सुबह 6:30 बजे अस्पताल से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण थे जुम्बा डांस वार्म अप सेशन और महिलाओं के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य जांच कैम्प जहां महिलाओं को अपने स्वास्थ्य की नियमित जांच कराने के लिए प्रेरित किया गया। वॉकथॉन के सभी प्रतिभागियों को टी-शर्ट और भागीदारी प्रमाण पत्र प्रदान किए गए । इस मौके पर वक्ताओं ने महिला स्वास्थ्य और महिला कल्याण के साथ-साथ समाज के हित के लिए महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया।यथार्थ सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल्स की निदेशक डा. मंजू त्यागी ने कहा, “देश की महिलाओं के खराब स्वास्थ्य से जो कारण सीधे तौर पर जुड़े हैं उनमें से एक प्रमुख कारण देश में महिलाओं के साथ लगातार होने वाला भेदभाव और महिलाओं की तथाकथित निम्न स्थिति है। दुनिया भर में मातृत्व मृत्यु के जितने मामले होते हैं उनमें से 20 प्रतिशत मामले भारत में होते हैं। भारत में हर साल 56 हजार मौतें मातृत्व से संबंधित है और यह गंभीर चिंता का विषय है। नवीनतम आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि मातृत्व मृत्यु के मामलों में करीब 22 प्रतिशत मौतें पोस्ट पार्टम हेमोरेज (पीपीएच) के कारण होती है। महिलाओं में होने वाली अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं में गाइनेकोलॉजिक कैंसर, बांझपन, हृदय संबंधी बीमारियां, रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में होने वाली ऑस्टियोपोरोसिस और अनियमित मासिक धर्म शामिल हैं।स्तन कैंसर से होने वाली मौतें दुनिया भर में किसी भी तरह के कैंसर से होने वाली मौतों में अग्रणी है। ग्लोबाकैन 2018 की ओर से उपलब्ध कराए गए हालिया आंकड़ों के अनुसार, भारतीय महिलाओं में स्तन कैंसर दुनिया भर में सबसे ज्यादा है। नए कैंसर रोगियों की संख्या में वृद्धि हुई है, और प्रतिवर्ष कैंसर के जो नए मामले सामने आते हैं उससे पता चलता है कि अब कम उम्र में ही महिलाएं कैंसर की शिकार हो रही हैं और पहले जहां महिलाएं 55 साल में स्तन कैंसर की शिकार बनती थी लेकिन आज वह 45 साल में ही स्तन कैंसर की शिकार बन रही है। आईसीएमआर, 2018 में दर्ज आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल भारत में स्तन कैंसर की 1.5 लाख से अधिक नई मरीजों का पता चला।हृदय संबंधी बीमारियों, विशेष रूप से रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में होने वाली हृदय संबंधी बीमारियां एक और चिंता का कारण है और इन्हें रोका जाना चाहिए ताकि महिलाओं में मृत्यु दर में कमी आ सके। हालांकि भारत में ज्यादातर लोग आज भी किसी भी बीमारी के आरंभिक लक्षणों से अनजान है और इस तरह के जन जागरूकता कार्यक्रम महिलाओं को अपनी सम्पूर्ण बेहतरी को कायम रखने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।महिलाओं के कल्याण के लिए अस्पताल द्वारा उठाया गया यह एक और कदम है। महिलाएं समाज के लिए एक प्रमुख योगदानकर्ता हैं लेकिन उनका स्वास्थ्य देश के लिए चिंता का एक प्रमुख विषय है। महिलाओं की सुरक्षा एक और महत्वपूर्ण पहलु है जिसपर महत्वपूर्ण तरीके से चर्चा होनी चाहिए। यथार्थ हास्पीटल महिलाओं की भलाई के लिए काम करने के लिए हमेशा तत्पर है और वह । विभिन्न इंटरैक्टिव सत्रों, सेमिनारों, जन जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं के स्वास्थ्य के कल्याण की दिशा में काम करता रहता है