फिल्म सिटी से सीधा जुड़ेगा यमुना एक्सप्रेसवे, यमुना प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में 33 प्रस्तावों पर लगी मुहर
फिल्म सिटी से सीधा जुड़ेगा यमुना एक्सप्रेसवे, यमुना प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में 33 प्रस्तावों पर लगी मुहर
शफी मौहम्मद सैफी
ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की 81 वीं बोर्ड बैठक में आज कई अहम फैसले लिए गए। इस बोर्ड बैठक में प्राधिकरण के चेयरमैन, सीईओ, एसीईओ और तमाम अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में आवासीय भूखंड वालों के लिए राहत भरी खबर रही। दरअसल अब प्राधिकरण ने आवासीय भूखंडों के मालिको को राहत देते हुए कॉम्पलीशन या फिर निर्माण करने की और मोहलत देती है। 31 दिसंबर 2024 तक अब आप बिना किसी पेनाल्टी के कॉम्पलीशन ले सकेंगे। इतना ही नहीं फ़िल्म सिटी को अच्छे से डेवलप किया जाए, इसलिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। यमुना एक्सप्रेस वे से इंटरचेंज बनाया जा रहा है, जो सीधे फ़िल्म सिटी पहुंचेगा। इसकी चौड़ाई 75 मीटर की है।सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने बताया कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि फ़िल्म सिटी में आने वाला सामान बड़े बड़े ट्रकों में आता है। इसलिए उन्हें किसी औद्योगिक सेक्टर से गुजरना पड़ता और वहाँ परेशानी होती। भविष्य को देखते हुए इंटरचेंज बनाने का निर्णय लिया गया और बोर्ड ने उसे पास कर दिया। इसके अलावा यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में प्रॉपर्टी खरीदने वालों को भी बड़ी राहत दी गई है। यदि कोई व्यक्ति वन टाइम लीज रेंट जमा कराना चाहता है मगर उस पर एक साथ पूरा पैसा नहीं है तो भी वो चार इन्सटॉलमेंट में जमा करा सकेगा। उस व्यक्ति को 2 साल का समय दिया जाएगा। इतना ही नहीं जो व्यक्ति अपने भूखंड को सरेंडर करना चाहता है। उसे भी पूरा पैसा रिफंड मिलेगा, पहले सरेंडर करते वक्त 15.20 प्रतिशत आवंटी का पैसा काटा जाता था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। यमुना प्राधिकरण को और आगे बढ़ाने के लिए 40 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इस सबके बीच सबसे बड़ा फैसला ये लिया गया है कि जमीन अधिग्रहण से पहले गांवों की आबादी को चिन्हितकर 2011 की नियमावली के तहत गांवों की बाउंड्री की जाएगी। अब तक देखने में आया है आबादी की जमीन को लेकर काफी विवाद रहा है। नोएडा हो या ग्रेटर नोएडा सभी स्थानों पर जटिल समस्या देखी गई। अब ऐसी समस्या उत्पन्न नही होगी।ठेकेदारों और प्राधिकरण की मिलीभगत पर लगेगा अकुश बोर्ड बैठक में सेक्टरों को विकसित करने से संबधित निर्णय लिया गया है। अच्छा विकास हो इसलिए अब छोटे ठेकेदारों को निर्माण कार्य देने की बजाय बड़ी कंपनियों को एक साथ टेडर दिया जाएंगा। इसमें सेक्टर को पूर्ण रूप से विकसित करना होगा। जैसे की यही कंपनी सीवर, सड़क और पानी जैसे व्यवस्थाओं को एक साथ विकसित करेगी।