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गलगोटियास यूनिवर्सिटी में विश्व फिजियोथेरेपी दिवस 2024 का किया आयोजन

गलगोटियास यूनिवर्सिटी में विश्व फिजियोथेरेपी दिवस 2024 का किया आयोजन

शफी मौहम्मद सैफी

ग्रेटर नोएडा। गलगोटियास यूनिवर्सिटी में विश्व फिजियोथेरेपी दिवस 2024 का किया आयोजन
इस कार्यक्रम में छात्रों, संकाय सदस्यों और क्षेत्र के प्रतिष्ठित पेशेवरों ने भाग लिया। इसका उद्देश्य फिजियोथेरेपी के क्षेत्र में स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देना था, जिसमें इसकी वर्तमान प्रगति और भविष्य की संभावनाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया।
इस आयोजन में आठ अति विशिष्ट प्रमुख वक्ताओ डॉ. रमेश,डॉ. धरम पांडे,डॉ. जयप्रकाश,डॉ. बंटी,डॉ. गगन,डॉ. तरुण लाला,डॉ. दिनेश,डॉ. रुचि वार्ष्णेय
इन विशेषज्ञों ने फिजियोथेरेपी में हालिया रुझानों और इसके भविष्य के संभावित विकास पर अपने विचार साझा किए।उनके मूल्यवान ज्ञान और विशेषज्ञता को छात्रों और संकाय सदस्यों द्वारा काफी सराहा गया। इस कार्यक्रम ने फिजियोथेरेपी की भूमिका पर एक जीवंत और जानकारीपूर्ण चर्चा को प्रोत्साहित किया।प्रख्यात वक्ताओं की अंतर्दृष्टिपूर्ण प्रस्तुतियों के अलावा, दिन भर में कई प्रतियोगिताएं और गतिविधियाँ भी आयोजित की गईं, जिनमें छात्रों और संकायों ने भाग लिया। छात्रों ने अपनी रचनात्मकता और ज्ञान का प्रदर्शन करते हुए नवाचारी पोस्टर और वर्किंग मॉडल प्रस्तुत किए, जो फिजियोथेरेपी तकनीकों, उपकरणों और प्रगति को उजागर करते थे। फिजियोथेरेपी पर आधारित एक रोचक क्विज प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य छात्रों के ज्ञान की परीक्षा लेना और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और सीखने को प्रोत्साहित करना था। प्रतिभागियों ने फिजियोथेरेपी से संबंधित विभिन्न विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत किए, जिससे नई अंतर्दृष्टियाँ और अकादमिक विकास को प्रोत्साहन मिला। छात्रों ने साँस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में अपनी प्रतिभा का बहुत ही शानदार प्रदर्शन किया। इस मौके पर गलगोटियास विश्वविद्यालय के सीईओ डा० ध्रुव गलगोटिया ने कहा कि इस कार्यक्रम ने शैक्षणिक और व्यावसायिक समुदाय को सफलतापूर्वक एक मंच पर लाकर फिजियोथेरेपी के महत्व को मजबूत किया है, जो जीवन की गुणवत्ता में सुधार और भविष्य के फिजियोथेरेपिस्टों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गलगोटियास यूनिवर्सिटी में विश्व फिजियोथेरेपी दिवस एक ऐसा मंच साबित हुआ, जहाँ सीखने, विकास और स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में फिजियोथेरेपिस्टों की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता मिली।

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