सेबी, ऐन एस ई व लॉयड के समग्र प्रयास से विश्व निवेशक सप्ताह 2024 के अवसर पर ‘विकसित भारत 2047 – प्रतिभूति बाजार की भूमिका’ विषय पर कार्यक्रम हुआ आयोजित।
सेबी, ऐन एस ई व लॉयड के समग्र प्रयास से विश्व निवेशक सप्ताह 2024 के अवसर पर ‘विकसित भारत 2047 – प्रतिभूति बाजार की भूमिका’ विषय पर कार्यक्रम हुआ आयोजित।
शफी मौहम्मद सैफी
ग्रेटर नोएडा। लॉयड ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशन्स द्वारा आज विश्व निवेशक सप्ताह 2024 के अवसर पर ‘विकसित भारत 2047 – प्रतिभूति बाजार की भूमिका’ विषय पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने मिलकर सहयोग किया।
लॉयड ग्रुप की समूह निदेशिका डॉ. वंदना अरोड़ा सेठी ने स्वागत भाषण मै बताया कि आज का यह आयोजन SEBI, NSE और लॉयड ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशन्स के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है, और मैं इस अवसर पर इन सभी संस्थानों को धन्यवाद देती हूँ। इस मंच के माध्यम से हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारे छात्र, निवेशक, और देश के नागरिक एक सूचित और जागरूक निवेशक बनें। एक मजबूत प्रतिभूति बाजार ही भारत को विकसित राष्ट्र 2047 के सपने को साकार करने में मदद करेगा, और इसमें निवेशकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री अश्वनी भाटिया, जो वर्तमान में SEBI के पूर्णकालिक सदस्य हैं, ने अपने विशेष संबोधन में प्रतिभूति बाजार की भविष्य की संभावनाओं और 2047 तक भारत के विकसित राष्ट्र बनने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने निवेशकों के अधिकारों, सुरक्षा और वित्तीय साक्षरता पर भी जोर दिया, साथ ही यह बताया कि कैसे निवेशक जागरूकता बढ़ाकर भारत को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा सकता है।
मुख्या अतिथि श्री अश्वनी बहतिया ने कहा कि निवेशक के रूप में आपकी जिम्मेदारी यह है कि आप अपने निवेश से जुड़े हर पहलू को अच्छी तरह समझें। चाहे वो कंपनी का इतिहास हो, उसका वित्तीय प्रदर्शन हो, या बाजार के मौजूदा रुझान—आपको हर जानकारी से अवगत रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि एक अच्छे निवेशक को में अक्सर एक किसान के काम से तुलना करता हूँ। जैसे किसान फसल बोने के पहले बीज, मिट्टी और मौसम की पूरी समझ रखते हैं, वैसे ही एक निवेशक को भी अपने निवेश से पहले पूरी जानकारी लेनी चाहिए। किसान फसल के लिए सही समय का इंतजार करते हैं, और निवेशकों को भी बाजार के उतार-चढ़ाव को समझते हुए सही अवसर की प्रतीक्षा करनी चाहिए।
इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई, जिसमें भारतीय प्रतिभूति बाजार की वैश्विक प्रतिस्पर्धा, निवेशकों की भागीदारी और वित्तीय नियामकों की भूमिका जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल थे। कार्यक्रम में प्रमुख उद्योग विशेषज्ञ, शिक्षाविद्, छात्र और विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
लॉयड ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशन्स के अध्यक्ष मनोहर थेरानी ने इस अवसर पर कहा, “हमें गर्व है कि हमने SEBI और NSE के सहयोग से इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करने का अवसर प्रदान किया। ‘विकसित भारत 2047’ के दृष्टिकोण के साथ, यह आवश्यक है कि हमारे प्रतिभूति बाजार को और मजबूत किया जाए और निवेशकों को सशक्त बनाया जाए।”कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि अश्वनी भाटिया ने छात्रों और प्रतिभागियों के प्रश्नों के उत्तर दिए और उन्हें वित्तीय साक्षरता बढ़ाने के महत्व पर प्रेरित किया।यह कार्यक्रम लॉयड कैंपस में आयोजित किया गया था, जहाँ छात्रों और अन्य प्रतिभागियों ने सक्रिय भागीदारी दिखाई और भारत के भविष्य के विकास में प्रतिभूति बाजार की भूमिका को समझा।
इस कार्यकर्म में लॉयड लॉ कॉलेज के निदेशक डॉ. सलीम, डॉ. अखिलेश, डीन, प्रबंधन संकाय डॉ. रिपुदमन गौड़ , डीन एकेडेमिक्स डॉ कृति, हेड प्रोफ राजुल व प्रोफ सलोनी आदि शामिल रहे