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दनकौर रेलवे स्टेशन की आखिर क्यों हो रही है उपेक्षा, बुलंदशहर और नोएडा से कनेक्ट है दनकौर रेलवे स्टेशन। एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव के लिए काफी समय से मांग कर रहे हैं लोग

दनकौर रेलवे स्टेशन की आखिर क्यों हो रही है उपेक्षा, बुलंदशहर और नोएडा से कनेक्ट है दनकौर रेलवे स्टेशन। एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव के लिए काफी समय से मांग कर रहे हैं लोग

शफी मौहम्मद सैफी

बिलासपुर । मारीपत रेलवे स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेन के स्टॉपेज बनाने के लिए दनकौर सिकंदराबाद क्षेत्र के सामाजिक संगठनों  ने तीव्र विरोध किया विभिन्न संगठनों के लोगों का कहना कि मारीपत स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेन न रोककर दनकौर पर रुकनी चाहिए इसके लिए उन्होंने कई तर्क भी दिए हैं । इनका कहना है कि दनकौर रेलवे स्टेशन खुर्जा तथा गाजियाबाद के बीच में पड़ता है जबकि मारीपत गाजियाबाद के नजदीक का स्टेशन है दोनों बराबर के स्टेशनों पर एक्सप्रेस ट्रेने रोकने का कोई औचित् नहीं है । मारीपत छोटा स्टेशन है , सार्वजनिक बस का कोई सीधा रूट नहीं है, लोगों की सीधी कनेक्टिविटी भी नहीं है जबकि दनकौर बड़ा रेलवे स्टेशन है यह दो जिलों बुलंदशहर व गौतमबुद्धनगर  का प्रतिनिधित्व करता है यहां से जेवर एयरपोर्ट की भी सीधी कनेक्टिविटी बनती है दनकौर रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन 10 से 15 हजार यात्री अप डाउन करते हैं , दनकौर में ऐतिहासिक मेला लगता है जिसकी सार्वजनिक छुट्टी भी होती है यहां ग्रेटर नोएडा से बुलंदशहर तक की सीधी सार्वजनिक बस सेवा 24 घंटे उपलब्ध होती है। कोरोना काल के दौरान दनकौर रेलवे स्टेशन खूब चर्चा मे रहा । उस दौरान दनकौर रेलवे स्टेशन से विभिन्न राज्यों के कामगार जो दिल्ली नोएडा आदि शहरों मे काम करते थे उनको ले जाने की स्पेशल ट्रेने चलाई गई थी । विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोग नगर पंचायत अध्यक्ष लता संजय सिंह , दनकौर नगर पंचायत अध्यक्ष राजवती देवी, सिकंदराबाद नगर पालिका अध्यक्ष डॉक्टर प्रदीप दीक्षित, भाजपा नेता अनिल गोयल,मास्टर महकार नागर, प्रताप सिंह भाटी , कुलदीप शर्मा , संदीप जैन , जितेंद्र सिंघल एडवोकेट, रवि एडवोकेट, राकेश शर्मा , महेश भाटी आदि का कहना है कि वह एक दशक से दनकौर स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों के स्टॉपेज की मांग करते चले आ रहे हैं

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