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दूरदर्शी बजट 2025-26: भारत में शिक्षा के लिए एक बड़ा कदम।डॉ. ध्रुव गलगोटिया

दूरदर्शी बजट 2025-26: भारत में शिक्षा के लिए एक बड़ा कदम।डॉ. ध्रुव गलगोटिया

ग्रेटर नोएडा। भारत के शिक्षा जगत और युवाओं की ओर से, मैं बजट 2025-26 की प्रगतिशील और दूरदर्शी नीतियों के लिए हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।
डॉ. ध्रुव गलगोटिया, सीईओ, गलगोटियास विश्वविद्यालय का कहना है कि यह बजट न केवल भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है, बल्कि शिक्षा को राष्ट्र निर्माण और आर्थिक विकास का महत्वपूर्ण आधार बनाने की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। इस साल शिक्षा मंत्रालय को ₹1,28,650 करोड़ का बजट मिला है, जो पिछले वर्ष की तुलना में उल्लेखनीय रूप से अधिक है। यह दिखाता है कि सरकार स्कूल और उच्च शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, जिससे सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले।बजट में
विद्यालयी शिक्षा और साक्षरता (₹78,572 करोड़)

स्कूल शिक्षा के बजट में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को अधिक सुलभ बनाया जा सकेगा। समग्र शिक्षा (₹41,250 करोड़), पीएम पोषण (₹12,500 करोड़) और पीएम स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया (₹7,500 करोड़) जैसी योजनाएँ स्कूलों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेंगी और छात्रों के सीखने के स्तर को बेहतर बनाएंगी। अगले पाँच वर्षों में 50,000 अटल टिंकरिंग लैब्स की स्थापना से बच्चों में नवाचार और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा मिलेगा।उच्च शिक्षा के बजट में 7.74 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जिससे आईआईटी, आईआईएससी और केंद्रीय विश्वविद्यालयों को अधिक संसाधन मिलेंगे। 10,000 नई मेडिकल सीटें और पाँच आईआईटी में बुनियादी ढांचे का विस्तार उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाएगा। पीएम रिसर्च फेलोशिप योजना के तहत 10,000 नई स्कालरशिप मिलने से देश में अनुसंधान और नवाचार को और गति मिलेगी।शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए ₹500 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है। यह एक क्रांतिकारी कदम है, जो शिक्षण और सीखने की प्रक्रिया को अधिक संवादात्मक और व्यक्तिगत बनाएगा। इसी दिशा में गलगोटियास विश्वविद्यालय ने भी एआई और मशीन लर्निंग पर केंद्रित अपने नए भवन में ₹200 करोड़ का निवेश किया है। साथ ही, भारतीय भाषा पुस्तक योजना के तहत डिजिटल भारतीय भाषा पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएँगी, जिससे शिक्षा अधिक समावेशी बनेगी।
इस बजट में वैश्विक भागीदारी के साथ पाँच राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना की गई है। मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड दृष्टिकोण के साथ यह पहल हमारे युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगी और उनके रोजगार के अवसरों को बढ़ाएगी।
उदारीकृत प्रेषण योजना (एलआरएस) के तहत स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) की सीमा ₹7 लाख से बढ़ाकर ₹10 लाख कर दी गई है और शिक्षा ऋण पर टीसीएस हटा दिया गया है। इससे विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्रों को आर्थिक राहत मिलेगी और वे अपनी शिक्षा बिना किसी बाधा के जारी रख सकेंगे।
बजट 2025-26, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनइपी 2020) के अनुरूप है, जो समग्र विकास, नवाचार और समावेशन पर केंद्रित है। उच्च गुणवत्ता वाले संस्थानों का निर्माण, अनुसंधान को प्रोत्साहित करना और छात्रों में जिज्ञासा व सृजनात्मकता को बढ़ावा देना, भारत के युवाओं को वैश्विक नेतृत्व के लिए तैयार करेगा।
सरकार की भारतनेट परियोजना के तहत सभी सरकारी माध्यमिक स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने की योजना है, जिससे डिजिटल विभाजन समाप्त होगा और ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को भी समान अवसर मिलेंगे।बजट 2025-26 केवल एक वित्तीय दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक ठोस योजना है। यह सरकार की शिक्षित, कुशल और सशक्त भारत की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक मजबूत कदम है।एक शिक्षाविद् के रूप में, मैं इस बजट की दूरदर्शी सोच और हमारे युवाओं के उज्ज्वल भविष्य को संवारने के प्रयासों से बेहद प्रेरित हूँ।मैं प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को उनके दूरदर्शी नेतृत्व और शिक्षा क्षेत्र के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के लिए हार्दिक धन्यवाद देता हूँ। यह बजट आत्मनिर्भर भारत और विश्वगुरु बनने के हमारे स्वप्न को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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