GIMS के सर्जरी विभाग द्वारा एंडो-स्टिचिंग और नॉटिंग तकनीकों पर दो दिवसीय सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम और व्यावहारिक कार्यशाला का आयोजन
GIMS के सर्जरी विभाग द्वारा एंडो-स्टिचिंग और नॉटिंग तकनीकों पर दो दिवसीय सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम और व्यावहारिक कार्यशाला का आयोजन
ग्रेटर नोएडा। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जीआईएमएस), ग्रेटर नोएडा के सर्जरी विभाग द्वारा दिनांक 21-22 अप्रैल को एंडो-स्टिचिंग और नॉटिंग तकनीकों पर दो दिवसीय सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम और व्यावहारिक कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस शैक्षणिक कार्यक्रम का उद्देश्य पोस्टग्रेजुएट छात्रों और इंटर्न की सर्जिकल क्षमताओं को बढ़ाना है, ताकि उन्हें उन्नत लैप्रोस्कोपिक तकनीकों का अनुभव मिल सके। प्रतिभागियो के मार्गदर्शन और प्रशिक्षण के लिए संस्थान द्वारा प्रसिद्ध सर्जिकल फैकल्टी को आमंत्रित किया गया है। सर्जिकल शिक्षा में एक प्रमुख नाम व मुख्य वक्ता डॉ. (प्रो.) चिंतामणि स्यूट्रिंग तकनीकों और लैप्रोस्कोपिक सर्जरी में ऊर्जा स्रोतों के उपयोग पर व्याख्यान देंगे। वह कार्यशाला के दौरान व्यावहारिक प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित करेंगे। शारदा मेडिकल कॉलेज के डॉ. (प्रो.) विक्रम चैहान भी प्रतिभागियों को संबोधित करेंगे, जो एंडो-स्टिचिंग प्रथाओं पर अपने अनुभव साझा करेंगे। इस समृद्ध कार्यक्रम में क्षेत्र के विभिन्न चिकित्सा कॉलेजों के पोस्टग्रेजुएट सर्जरी निवासी भाग ले रहे हैं।
जिम्स के सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. (प्रो.) सतेन्द्र कुमार ने यह बताया कि यह कार्यशाला सर्जिकल निवासियों और इंटर्न के लिए अपने करियर की शुरुआत में आवश्यक कौशल विकसित करने का एक मूल्यवान सीखने का अवसर प्रदान करेगी। डॉ. ब्रिग. राकेश गुप्ता ने ऐसे पहल के महत्व पर जोर दिया, नियमित सीएमई कार्यक्रमों और कार्यशालाओं के आयोजन की वकालत की ताकि सर्जिकल प्रशिक्षण को निरंतर बढ़ाया जा सके। यह सीएमई और कार्यशाला जॉनसन एंड जॉनसन के शैक्षिक संवर्धन कार्यक्रम के तहत शैक्षणिक क्रियाओं के साथ आयोजित की जा रही है। उद्घाटन समारोह में सर्जिकल विशेषताओं के विभागों के प्रमुखों ने अपनी उपस्थिति दी। इस कार्यक्रम का आयोजन जीआईएमएस के सर्जिकल संकाय की एक समर्पित टीम द्वारा किया गया है, जिसमें डॉ. अतुल कुमार गुप्ता, डॉ. मोहित कुमार माथुर, डॉ. मनबेंद्र बैद, डॉ. पूनम, डॉ. अनुराग, डॉ. समक्ष, डॉ. सुनील, डॉ. सपना, डॉ. कुलदीप, डॉ. अमित, और अन्य शामिल हैं जिन्होंने योजना और क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण योगदान दिया।