सुभारती विश्वविद्यालय की मासिक पत्रिका NABZZ में बिलासपुर की बेटी डॉo रफत खानम की आवाज एक कविता “समान संपत्ति अधिकार” के रूप में हुई प्रकाशित।
सुभारती विश्वविद्यालय की मासिक पत्रिका NABZZ में बिलासपुर की बेटी डॉo रफत खानम की आवाज एक कविता “समान संपत्ति अधिकार” के रूप में हुई प्रकाशित।
शफी मौहम्मद सैफी
ग्रेटर नोएडा ।सुभारती विश्वविद्यालय की मासिक पत्रिका NABZZ में बिलासपुर की बेटी डॉo रफत खानम की आवाज एक कविता “समान संपत्ति अधिकार” के रूप में प्रकाशित इस कविता के माध्यम से उन्होंने एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त किए हैं और उन्हें विश्वास है कि बेटे और बेटी को संपत्ति मे समान अधिकार का प्रावधान होना चाहिए। संपत्ति चाहे खेती की जमीन हो चाहे रहने की संपत्ति।और अगर कोई माता पिता अपनी बेटी को उसकी शादी के बाद भी संपत्ति का भागी बनाना चाहें तो कोई भी बेटा उन पर कोई दबाव न बनाए अकेला मालिक होने के लिए।मुझे यकीन है कि एक दिन बेटियों को अपना सम्मान और न्याय वापिस मिलेगा। और तब भाई बहन, बेटा और बेटी मिलकर तन मन और धन से एक साथ परिवार , और देश को एक महान देश बना पाएंगे।