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बदलते दौर के साथ बदल रहा चुनाव प्रचार का तरीका, नेता सोशल मीडिया को बना रहे माध्यम।

बदलते दौर के साथ बदल रहा चुनाव प्रचार का तरीका, नेता सोशल मीडिया को बना रहे माध्यम।

शफी मौहम्मद सैफी

ग्रेटर नोएडा। देश की राजनीति में चुनाव जीतना अहम है उतना ही अहम चुनाव जीतने के लिए प्रचार भी है लेकिन इस प्रचार में कुछ बाध्यता भी है. नेता और पार्टी अपना प्रभाव जनता पर छोड़ना चाहती है और उसके जरिए जीत हासिल करना चाहती हैं. देश के करोड़ों लोग सोशल मीडिया का प्रयोग करते हैं. जिसे अब नेता और प्रत्याशी अपने प्रचार से जोड़कर इस पर एक्टिव हो गए हैं।

क्या है हाईटेक प्रचार

दरअसल आधुनिक युग में अब चुनाव जहां अब बैलट पेपर के बजाय इलेक्ट्रॉनिक ईवीएम मशीन से कराए जा रहे हों तो चुनाव प्रचार भी हाइटेक ही होना चाहिए जिसके चलते अब नेता अपना आधिकारिक अकाउंट सोशल मीडिया पर बनाकर अपने मन की बात,अपने वादे और अपनी शक्ति जनता को दिखा रहे हैं. नेता को जनता से जुड़ने का इससे बेहतर तरीका दूसरा कोई नहीं है. अब घर बैठे ही मतदाता और उसके घर तक अपनी बात पहुंचाई जा रही है

सोशल मीडिया को बना रहें जरिया।

प्रत्याशी इस बार सबसे ज्यादा युवा वर्ग को टारगेट कर रहे हैं. इस युग में सबसे ज्यादा मोबाइल चलाने वाले युवा ही है और उनमें से भी वो युवा जो इस बार अपना पहला मताधिकार का प्रयोग करेंगे उन्हें खुद से जोड़ने और उत्तर पहुंचने का सबसे अच्छा माध्यम शोशल मीडिया बना हुआ है वहीं सोशल मीडिया पर कंटेंट बनाने वालों, उम्मीदवारों के लिए फेसबुक, ट्विटर हैंडल का काम देखने वालों और रील बनाने वालों का धंधा तेजी से चमका है। सोशल मीडिया एजेंसी चलाने वाले मनीष सिंह का कहना है कि उम्मीदवार सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और रील बनाने वालों की तलाश कर रहे हैं और अच्छा पैसा देने को तैयार है। सिंह का कहना है कि ज्यादातर उम्मीदवार सोशल मीडिया के लिए एक आदमी पूरे चुनाव भर के लिए मांग रहे हैं जबकि कुछ लोग अपने ट्विटर व फेसबुक और वाट्सअप चलाने का काम दे रहे हैं।

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