साहित्यकार समाज के पहरेदार है ।प्रो. विकास शर्मा
साहित्यकार समाज के पहरेदार है ।प्रो. विकास शर्मा
शफी मौहम्मद सैफी
ग्रेटर नोएडा। साहित्यकारों व पत्रकारों को समय-समय पर समाज की समस्याओं व विसंगतियों पर लिखते रहना चाहिए। ब्यूरोकेटस सरकारों की हर बात को अपने निहित स्वार्थों के कारण स्वीकार करते हैं व सता बदलने पर अपनी निष्ठा भी बदल लेते हैं । इसलिए समाज को जागरूक करना व सच कहने का दायित्व साहित्यकारों कलमकारों को ही निभाना होगा ।” ये विचार अंग्रेजी के प्रख्यात उपन्यासकार प्रो० विकास शर्मा ने परसन्दी देवी कॉलेज ऑफ़ मैनेजमेंट एण्ड टेक्नोलॉजी, बिलासपुर, ग्रेटर नॉएडा, गौतम बुद्ध नगर उत्तर प्रदेश, के अंग्रेजी विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए। प्रो० विकास शर्मा “ मीट द ऑथर” कार्यक्रम में बोल रहे थे, प्रो० विकास शर्मा जी ने कहा कि उन्हें इस बात का दुःख होता है कि प्रत्येक स्तर पर मनमानी व तानाशाही का विरोध करने वाले लोग कम रह गए हैं। छात्र-छात्राओं द्वारा पूछे गए प्रश्नोतरी – कार्यक्रम में प्रो. विकास शर्मा ने कहा कि उन्हें अपने उपन्यासो के लिए काल्पनिक पात्र नहीं बनाने पड़ते बल्कि अपने अनुभव- संसार से वे वास्तविक किरदारों की रचना करके समाज का प्रतिबिम्ब दिखाते हैं ।
उल्लेखनीय है कि सी सी एस विश्वविद्यालय, मेरठ में अंग्रेजी के प्रोफेसर सात वर्ष में अब तक एक दर्जन से अधिक अंग्रेजी उपन्यास लिख चुके हैं। उनके उपन्यास देशभर के विश्वविद्यालयों पठाया जा रहें व पचास से अधिक शोधार्थी उनके उपन्यास पर पी. एच. डी. कर रहें हैं । परख्यात कवि कुमार विश्वास के भाई प्रो० विकास शर्मा ने कहा कि वर्तमान केन्द्र व प्रदेश सरकार अच्छा रही है। लेकिन लोकतंत्र में सरकारों को जगाते रहने की भूमिका कलमकारों को ही निभानी होगा । कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ विनोद कुमार, निर्देशिका डॉ विनीता कौशिक एवं प्रो. पवन कुमार ने भी अपने विचार प्रकट किये ।