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19वां आईएफजेएएस – इंडियन फैशन जूलरी ऐंड एक्सेसरीज शो 04 से 06 जुलाई तक इंडिया एक्सपो सेंटर, ग्रेटर नोएडा में। भारत के सबसे बड़े फैशन जूलरी एवं एक्सेसरीज बीटूबी आयोजन (आईएफजेएएस 2025) ने वैश्विक खरीदारों के लिए खोले अवसरों के द्वार

19वां आईएफजेएएस – इंडियन फैशन जूलरी ऐंड एक्सेसरीज शो 04 से 06 जुलाई तक इंडिया एक्सपो सेंटर, ग्रेटर नोएडा में।

भारत के सबसे बड़े फैशन जूलरी एवं एक्सेसरीज बीटूबी आयोजन (आईएफजेएएस 2025) ने वैश्विक खरीदारों के लिए खोले अवसरों के द्वार

फैशन सोर्सिंग की नई परिभाषा — आईएफजेएएस 2025 में खास कलेक्शंस, शिल्पकारों के नए अंदाज और प्रीमियम गिफ्टिंग पर विशेष ध्यान

ग्रेटर नोएडा। हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) द्वारा आयोजित आईएफजेएएस- इंडिया फैशन जूलरी ऐंड एक्सेसरीज शो जल्द ही शुरू होने जा रहा है, इसके 19वें संस्करण का आयोजन 4 से 6 जुलाई 2025 तक ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर में किया जाएगा। इस शो में अनेकों प्रदर्शक भाग लेंगे, इनमें छोटे-मझोले निर्यातक, शिल्पकार, कारीगर, उद्यमी और भारत के जानेमाने उत्पादक-निर्यातक शामिल हैं। स्थायी शोरूम समेत करीब 200 प्रदर्शकों के इस जमावड़े में आगरा, अजमेर, भोपाल, दिल्ली एनसीआर, जयपुर, कोलकाता, मेरठ, मुरादाबाद, मुंबई, पुणे, पुष्कर, संभल, वाराणसी जैसे विभिन्न शहरों के प्रतिभागियों के साथ ही पूरे देश से कारीगर/उद्यमी यहां पहुंचेंगे।पांच अलग-अलग भागों में फैले, आईएफजेएएस 2025 में उत्पादों की कैटेगरी प्रभावशाली रूप से इतनी व्यापक हैं कि इनमें टियारा से लेकर पैर की अंगूठियों तक की पेशकश की जा रही है। फैशन जूलरी कलेक्शन में कीमती धातुओं और रत्नों के इस्तेमाल के बगैर अन्य सामग्रियों के उपयोग से बनाए गए बोल्ड फैशन स्टेटमेंट, पायल, कफलिंग, ब्रोच और बहुत कुछ शामिल हैं। फुटवियर और परिधानों को भी अच्छी तरह से प्रदर्शित किया जा रहा है, इनमें स्लिप-ऑन्स, स्कर्ट और ड्रेसेस शामिल हैं, जो हर तरह के फैशन की पसंद और शैली को ध्यान में रखकर तैयार की गई हैं। टेक्सटाइल एक्सेसरीज में स्कार्फ, शॉल और रूमाल आदि के विस्तृत रेंज फैशन जरूरत को पूरा करने वाले विकल्पों के रूप में यहां मौजूद हैं। बैग्स और लेदर गुड्स के सेक्शन में टोट्स, क्लच, वॉलेट, बेल्ट और ग्लव्स की आकर्षक और लंबी रेंज पेश की गई है। ब्यूटी और ग्रूमिंग सेगमेंट में परफ्यूम्स, स्पा एसेंशियल्स जैसे उत्पाद शामिल हैं। हेयर एक्सेसरीज में पिन्स और एक्सटेंशन के साथ-साथ बीड्स, स्टोन्स, टैसल और जरी जैसे फैशन कंपोनेंट्स प्रदर्शित किए गए हैं। यह शो लाइफस्टाइल और लग्जरी सेगमेंट को भी ध्यान में रखता है, जहां महंगे खरीदारों के लिए खासतौर पर चुनिंदा प्रीमियम प्रोडक्ट्स पेश किए गए हैं।इस बीटूबी इवेंट की अहमियत के बारे में ईपीसीएच के अध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना ने कहा, “वैश्विक निर्यात परिदृश्य को देखें तो भारतीय फैशन ज्वैलरी और एक्सेसरीज सेक्टर में अपार संभावनाएं मौजूद हैं। इस उद्योग की सबसे खास ताकत इसकी उल्लेखनीय अनुकूलनशीलता यानी जरूरत के मुताबिक खुद को बदलने की क्षमता है, जो दिए गए ऑर्डर के डिजाइन के जरिए रचनात्मकता, नवाचार और शिल्प कौशल के प्रदर्शन में पूरी आजादी देती है। इस रचनात्मक प्रक्रिया के केंद्र में कुशल शिल्पकार हैं जो समकालीन ट्रेंड को सहजता से इसमें शामिल करते हुए सदियों पुरानी हाथ से गढ़ने की परंपराओं को बनाए रखते हैं। एक विशेष तरह के सोर्सिंग गंतव्य के रूप में, आईएफजेएएस खरीदारों को ऐसे उत्पादों की खोज और खरीद के लिए एक क्यूरेटेड वातावरण प्रदान करता है जो उनकी खास जरूरतों को पूरा करते हैं, जिसमें ट्रेंड के मुताबिक कलेक्शन से लेकर दीर्घकालिक फैशन एक्सेसरीज शामिल हैं।”

ईपीसीएच के महानिदेशक की भूमिका में मुख्य संरक्षक और आईईएमएल के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने जोर दिया, “आईएफजेएएस आपको भारत के जानेमाने उत्पादकों से सीधे जुड़ने और फैशन जूलरी एवं एक्सेसरीज की खास रेंज सोर्स करने का एक विशेष अवसर देता है। यह शो भारतीय शिल्पकला की गहराई का प्रदर्शन है जहां पारंपरिक कला के साथ आधुनिक डिजाइन के मेल को खूबसूरती से प्रस्तुत किया गया है, जो देश की जीवंत सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है। सूक्ष्म नक्काशी वाले आभूषणों से लेकर बारीक कढ़ाई और अलंकरणों तक, यहां पेश किया गया हर एक टुकड़ा पीढ़ियों से चली आ रही कहानियों को बयां करता है। इस समृद्ध विरासत ने नए दीर्घकालिक फैशन और उत्कृष्ट कारीगरी के साथ मिलकर भारतीय फैशन जूलरी को वैश्विक बाजारों में एक बेहद पसंदीदा विकल्प बना दिया है।”

आईएफजेएएस 2025 के मेला अध्यक्ष जे. पी. सिंह ने कहा, “सेक्टर पर केंद्रित प्रदर्शनियां जैसे आईएफजेएएस, उभरते और स्थापित दोनों तरह के निर्यातकों को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाती हैं। ये अंतरराष्ट्रीय खरीदारों तक सीधी पहुंच, बाजार की मांगों की गहरी समझ और विकास के नए अवसर उपलब्ध कराते हैं। कारीगर उद्यमियों, जानेमाने निर्यातकों और वैश्विक खरीदारों को एक छत के नीचे लाने की ईपीसीएच की यह पहल सार्थक औऱ दीर्घकालिक व्यावसायिक साझेदारियों को बढ़ावा देने के इसके मजबूत संकल्पों को दर्शाते हैं। हॉल में प्रदर्शकों के बूथों के अलावा, आगंतुकों को इंडिया एक्सपो सेंटर की अलग-अलग फ्लोर पर मौजूद प्रमुख फैशन जूलरी एवं एक्सेसरीज निर्यातकों के मार्ट्स/स्थायी शोरूम में भी जाने की सुविधा हासिल होगी।” ईपीसीएच के उपाध्यक्ष सागर मेहता ने कहा, “आईएफजेएएस को मिल रही अंतरराष्ट्रीय सराहना भारतीय उत्पादकों की क्षमता और उनकी बहुआयामी प्रतिभा का सशक्त प्रमाण है। ईपीसीएच के समर्थन से डिजाइन विकास एवं वैश्विक बाजारों के ट्रेंड पर आधारित प्रशिक्षण जैसी पहलों के जरिए प्रदर्शकों को नए और ट्रेंड के मुताबिक कलेक्शंस पेश करने के लिए सशक्त बनाया गया है। इससे न केवल नवाचार को बढ़ावा मिलता है बल्कि व्यापार के विस्तार, निर्यात में बढ़ोतरी और दीर्घकालिक साझेदारियों के लिए बहुमूल्य अवसर भी पैदा होते हैं।”आईएफजेएएस 2025 के मेला उपाध्यक्ष मोहम्मद रईस ने कहा, “आईएफजेएएस 2025 फैशन डिजाइनरों, रिटेल चेन, बुटीक मालिकों, फैशन ब्रांड्स, थोक विक्रेताओं, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स और उद्योग से जुड़े पेशेवरों समेत दुनिया के चुनिंदा खास लोगों के साथ-साथ भारतीय खुदरा क्षेत्र के प्रमुख खिलाड़ियों को आकर्षित करने के लिए तैयार है। एक बहुत बड़े क्षेत्र को कवर करती खरीद सेवाओं को यहां इस तरह डिजाइन किया गया है जिससे खरीदारों की सोर्सिंग प्रक्रिया सहज हो और उन्हें एक समृद्ध अनुभव भी मिले।ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने बताया, “आईएफजेएएस 2025 के प्रमुख आकर्षणों में से एक इसकी विशेष रूप से तैयार की गई थीम पर आधारित प्रदर्शनी है, जिसे ‘डिजाइन फॉर बिजनेस’ का नाम दिया गया है, यहां उभरते हुए और स्थापित दोनों तरह के डिजाइनरों की अभिनव कृतियां प्रदर्शित की जाएंगी। इस शो की भव्यता को और भी बढ़ाने के लिए इसमें हस्तशिल्प विकास आयुक्त कार्यालय और क्षेत्रीय राज्य सरकारों द्वारा समर्थित कुशल कारीगरों की भागीदारी भी शामिल की गई है।” मेले के इस संस्करण में अल्जीरिया, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, कनाडा, कोलंबिया, साइप्रस, इजिप्ट, फ्रांस, जॉर्जिया, जर्मनी, ग्रीस, इटली, जापान, केन्या, नीदरलैंड, पोलैंड, पुर्तगाल, रूस, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, सेनेगल, स्पेन, ताइवान, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, अमेरिका, वियतनाम आदि समेत लगभग 40 देशों के खरीदारों के आने की संभावना है। ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने बताया कि जिन कंपनियों/डिपार्टमेंटल स्टोर्स के खरीदारों ने पहले ही इस शो में आने की पुष्टि कर दी है, उनमें ऑर गैलरी, अनन्नासा लाइफस्टाइल, ऑस्ट्रेलिया; गैलेरिया जार्डिन, कोलंबिया; एमआई तारा, मिस्र; बिजौक्स फैक्टरी, वाल्सा, फ्रांस; फिंक कंपनी आईएसएस वास, जर्मनी; 4क्वींस ईई, ग्रीस; बोहेमे यूरोप एएस, नॉर्वे; बोम्बान्जा एलएलसी, रूस; द फौरा, सऊदी अरब; इरीआर्टे इरीआर्टे, एस्टियोस्टे, स्पेन; कॉरिन स्मिथ डिजाइन लिमिटेड, ब्रिटेन; नोएर जूलरी, जेडऐंडएल यूरोप, अमेरिका और कई अन्य शामिल हैं। वर्मा ने यह भी जानकारी दी कि यह शो अब देश के वॉल्यूम रिटेल खरीदारों के लिए अपने द्वार खोल चुका है। भारत में बदलते खरीद के तरीके में अंतरराष्ट्रीय डिजाइनों एवं प्रीमियम उत्पादों की बढ़ती मांग शामिल है, इस तेजी से बदलते खुदरा बाजार के परिदृश्य का स्वागत करते और इससे प्रेरित होकर इसे सुविधा प्रदान करते हुए, आईएफजेएएस’25 कई प्रमुख भारतीय खुदरा/ऑनलाइन ब्रांडों के आगंतुकों की मेजबानी भी कर रहा है जिसमें अरविंद ग्रुप, आर्चीज, बाटा, फर्न्स एन पेटल्स रिटेल प्राइवेट लिमिटेड, जेपोर, लुलु ग्रुप इंटरनेशनल, मिनिसो लाइफस्टाइल प्राइवेट लिमिटेड, रिलायंस रिटेल, शॉपर्स स्टॉप, द बॉम्बे स्वदेशी स्टोर्स और कई अन्य जाने माने नाम शामिल हैं।ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने बताया कि हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद देश भर के हस्तशिल्पों के निर्यात को बढ़ावा देने वाली एक नोडल एजेंसी है और यह देश के विभिन्न शिल्प समूहों में होम, लाइफस्टाइल, टेक्स्टाइल, फर्नीचर और फैशन ज्वेलरी एवं एक्सेसरीज़ को बनाने में जुटे लाखों कारीगरों और शिल्पकारों के जादुई हाथों के शिल्पों की ब्रांड इमेज बनाती है। वर्ष 2024-25 के दौरान हस्तशिल्पों का कुल निर्यात 33,123 करोड़ रुपये (3,918 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का रहा, जबकि फैशन जूलरी और एक्सेसरीज का निर्यात 6,252 करोड़ रुपये (739 मिलियन अमेरिकी डॉलर) रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में रुपये के संदर्भ में 7.92% जबकि डॉलर में संदर्भ में 5.64% की वृद्धि को दर्शाता है।

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