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शिक्षक समाज के निर्माता,बाहरी दुनिया के होते हैं मार्गदर्शक

शिक्षक समाज के निर्माता,बाहरी दुनिया के होते हैं मार्गदर्शक

शफी मौहम्मद सैफी

ग्रेटर नोएडा।अक्सर कहा जाता है “एक शिक्षक एक कलम से व एक किताब से दुनिया बदल देते हैं “पर मेरे मतानुसार यह मेल एक समय या यूं कहें एक युग बदल देते हैं। इस बारे में अर्सलाइन कॉन्वेंट स्कूल के युवराज सिंह कहते हैं कि
शिक्षक वास्तव में एक युग परिवर्तनकारी होते हैं। जिनकी डांट को अक्सर बच्चे नकारात्मक ले लेते हैं, और उनके बारे में दुर्भावनाएं पाल लेते हैं ,वास्तव में वही बाहरी दुनिया के मार्गदर्शक होते हैं ।एक चार दिवारी कमरे में किताबी ज्ञान रटाना आसान है पर मूल्यों का संचार एक सच्चा गुरु ही कर सकता है।
वर्तमान समय में जब बच्चे मानसिक तौर पर जल्दी बड़े हो जाते हैं , अच्छी और बुरी आदतों को सीख जाते हैं अच्छी बातें तो अच्छी है परंतु वह गलत आदतें जिनका प्रदर्शन वे आमतौर पर अपने विद्यालयों में करते हैं जो कि सिर्फ एक नादानी होती है। तब ये शिक्षक ही होते हैं जो उन्हें सही राह दिखाते हैं। सही राह दिखाने के उनके तरीके अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन मकसद सभी का एक ही होता है और वह है ,हमारे अंदर सुधार करना।शिक्षक सिर्फ डिग्री हासिल करके नहीं बना जाता है बल्कि अनुभव से ही एक सच्चे गुरु बनते हैं। वैसे हम भारतीय सदा ही भाग्यशाली रहे हैं जहां गुरुओं को श्रेष्ठ स्थान दिया गया है चाहे सतयुग हो चाहे द्वापर हम यह कह सकते हैं कि हमारी सभ्यता और संस्कृति के विकास में हमारे गुरुओं का योगदान अतुलनीय है। बच्चे हमेशा अपने उन गुरुओं (शिक्षक गणों) को याद रखते हैं जिनसे उन्हें किसी न किसी प्रकार की आत्मीयता थी । और क्योंकि शिक्षक स्कूल में हमारे माता-पिता हैं, इसी कारण किसी एक खास शिक्षक से हमारी आत्मीयता इतनी गहरी हो जाती है कि वह हमें जीवन भर याद रहते हैं।हमारे शिक्षक बिना किसी भेदभाव के हमें समान रूप से प्रेम करते हैं और हमारा कर्तव्य है सदा उनका सम्मान करते रहना और उनके नैतिक मूल्यों को अपने जीवन में ढालना।
लिखने को तो विषय शिक्षक पर एक उपन्यास लिखा जा सकता है परंतु मैं अपनी कलम को यही विराम देता हूं।हमारे शिक्षक गण हम पर सदा ही अपना आशीष बनाए रखें एवं हमारा मार्गदर्शन करते रहे।

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