विकास भवन में ‘दावा न की गई वित्तीय संपत्तियों’ पर जागरूकता एवं वितरण शिविर का हुआ सफल आयोजन
विकास भवन में ‘दावा न की गई वित्तीय संपत्तियों’ पर जागरूकता एवं वितरण शिविर का हुआ सफल आयोजन

गौतमबुद्धनगर।मुख्य विकास अधिकारी डॉक्टर शिवाकांत द्विवेदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को विकास भवन सभागार में दावा न की गई वित्तीय संपत्तियों के वितरण एवं जनजागरूकता के लिए एक दिवसीय शिविर का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि माननीय विधान परिषद सदस्य श्रीचंद शर्मा, भारतीय रिज़र्व बैंक के लीड डेवलपमेंट ऑफिसर जसजीत सिंह कालरा तथा केनरा बैंक के सहायक प्रबंधक के.एन.एस.जी.वी. प्रसाद उपस्थित रहे।शिविर का शुभारंभ लीड बैंक मैनेजर राजेश सिंह कटारिया ने अतिथियों अध्यक्ष, मुख्य अतिथि, आरबीआई एलडीओ तथा सहभागी बैंकों एवं एलआईसी के प्रतिनिधियों के स्वागत के साथ किया। उन्होंने बताया कि जनता अपनी दावा न की गई राशि को सरल और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से प्राप्त कर सकती है, जिसमें ग्राहकों को अपने केवाईसी दस्तावेज़ और निर्धारित दावा फॉर्म जमा करने होते हैं। मुख्य अतिथि और अध्यक्ष ने संयुक्त रूप से कहा कि दावा न की गई राशि को सही दावेदार तक प्राथमिकता के आधार पर पहुँचाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बैंकों से इस प्रक्रिया की पारदर्शिता और समयबद्धता को लेकर अनेक प्रश्न पूछे, जिससे जनविश्वास और मजबूत हो सके।आरबीआई एलडीओ जसजीत सिंह कालरा ने विस्तार से बताया कि किन परिस्थितियों में कोई खाता दावा न की गई सूची में शामिल हो जाता है और उस राशि को प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया क्या है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शिविर का मुख्य उद्देश्य जनता में जागरूकता बढ़ाना, दावा राशि को सही व्यक्ति तक सुरक्षित रूप से लौटाना, वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहित करना, बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता बनाए रखना तथा आम जनता का विश्वास मजबूत करना है। उन्होंने यह भी बताया कि बैंक दावेदार को उसकी दावा न की गई राशि ब्याज सहित प्रदान करने के लिए बाध्य हैं। उन्होंने आरबीआई के उद्गम पोर्टल की विशेषताओं की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपने नाम, मोबाइल नंबर, आधार संख्या या पैन नंबर के आधार पर देश में कहीं से भी अपने नाम पर मौजूद किसी भी दावा न की गई संपत्ति या खाते की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकता है। यह पोर्टल आमजन के लिए एक सरल, पारदर्शी और विश्वसनीय माध्यम उपलब्ध कराता है। कार्यक्रम के समापन पर मुख्य अतिथि और सीडीओ द्वारा उन लाभार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए, जिनके दावों का निपटान विभिन्न बैंकों द्वारा सफलतापूर्वक कर दिया गया था। इस अवसर पर अधिकारियों ने कहा कि प्रशासन एवं वित्तीय संस्थान जनता की मेहनत की कमाई को सुरक्षित और सही हाथों तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अब तक विभिन्न बैंकों द्वारा 213 खातों में जमा लगभग 1.35 करोड़ रुपये की राशि उनके rightful वारिसों को लौटाई जा चुकी है।



