स्व.वेदराम नागर जी की पुण्यतिथि पर विशेष। एक छोटे से दूधिया के रूप में सफ़र शुरू करने वाले वेदराम नागर बने मिल्क इंडस्ट्री के बादशाह,आज खड़ा है देश में दूध का साम्राज्य
स्व.वेदराम नागर जी की पुण्यतिथि पर विशेष।
एक छोटे से दूधिया के रूप में सफ़र शुरू करने वाले वेदराम नागर बने मिल्क इंडस्ट्री के बादशाह,आज खड़ा है देश में दूध का साम्राज्य

शफी मोहम्मद सैफी
ग्रेटर नोएडा। हम आपको एक ऐसे दूधिए (दूध बेचने वाला) के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसने डेली मात्र 60 लीटर दूध बिक्री से अपने कारोबार की शुरुआत की थी। अब उनकी कम्पनी हर दिन लाखों लीटर दूध बेचती है। मिल्क इंडस्ट्री की बड़ी-बड़ी कम्पनियों को टक्कर दे रही है। हम बात कर रहे हैं पारस मिल्क की। जिसके संस्थापक वेदराम नागर ने अपने काम से देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में अनोखी मिसाल कायम की। काम के प्रति मेहनत व प्रोडक्ट की क्वालिटी ऐसी थी कि उन्हें ‘मिल्क किंग’ कहा जाने लगा। हालांकि साल 2005 में उनका देहांत हो गया। अब उनके बेटे कारोबार संभाल रहे हैं।
कौन थे मिल्ककिंग वेदराम नागर?
पारस उद्योग समूह के संस्थापक वेद राम नागर का जन्म 20 अप्रैल 1933 को यूपी के बागपत जिले के खेकड़ा में हुआ था। साल 1960 में 27 वर्ष की उम्र में उन्होंने दूध बेचने का काम शुरु किया। शुरुआती दिनों में डेली करीबन 60 लीटर दूध की बिक्री होती थी। उनके दूध की क्वालिटी अच्छी थी तो उसका स्वाद लोगों की जुबान पर चढ़ गया। मार्केट का रिस्पांस देखते हुए उन्होंने साल 1980 में एक फर्म खोली और साल 1984 में बुलंदशहर के गुलावठी में मिल्क प्रोडक्ट बनाने वाली एक यूनिट की स्थापना की। साल 1986 में वीआरएस फूड की नींव रखी।वेदराम नागर यहीं नहीं रूकें। साल 1987 में गाजियाबाद के साहिबाबाद इलाके में एक बड़ा मिल्क प्लांट स्थापित किया और साल 1992 में दूसरा प्लांट लगाकर कम्पनी को ऊंचाइयों तक ले गए। साल 2004 तक कम्पनी का प्रसार देश के दूसरे राज्यों तक हो गया। कम्पनी दिल्ली-एनसीआर से बाहर निकली और मध्य प्रदेश के ग्वालियार में मिल्क प्लांट की नींव रखी गई। पर साल 2005 में वेदराम नागर का देहांत हो गया।वेदराम नागर का देहांत होने के बाद साल 2008 में कम्पनी का नाम बदलकर वेदराम एंड संस प्राइवेट लिमिटेड हो गया। नये मिल्क प्लांट लगाने के साथ कम्पनी ने पुराने मिल्क प्लांट की उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दिया। देश के अलग अलग शहरों में कम्पनी का विस्तार हुआ। वर्तमान में कम्पनी डेली लाखों लीटर दूध की बिक्री करती है। देश की टॉप टेन मिल्क कम्पनियों में गिनी जाती है।
जाने-माने राजनेता तथा राज्यसभा सांसद सुरेन्द्र सिंह नागर स्वर्गीय चौधरी वेदराम नागर के पुत्र हैं। अपने बड़े भाई राजेन्द्र सिंह नागर, छोटे भाई गजेन्द्र सिंह नागर, डॉ. धर्मेद्र सिंह नागर, नरेन्द्र सिंह नागर तथा हरेन्द्र सिंह नागर के साथ मिलकर उन्होंने अपने पिता के द्वारा स्थापित पारस उद्योग समूह को नई बुलंदियां प्रदान की हैं। अब पारस उद्योग समूह केवल दूध का व्यापार ही नहीं करता है बल्कि हेल्थ केयर, रीयल स्टेट, शिक्षा व दवा उत्पादन समेत अनेक क्षेत्रों में पारस उद्योग समूह में अपनी पहचान बनाई है। सांसद सुरेन्द्र सिंह नागर व उनके भाईयों ने गुलावठी में अपने पिता स्व. चौ. वेदराम नागर की प्रतिमा भी स्थापित की है। उनकी प्रतिमा स्थल पर प्रत्येक वर्ष उनका जन्मदिन व पुण्यतिथि मनाई जाती है।सांसद सुरेन्द्र सिंह नागर की देखरेख में गठित किया गया चौ. वेदराम चैरिटेबल ट्रस्ट समाजसेवा के क्षेत्र में भी अनेक कार्य कर रहा है। इस प्रकार एक छोटे से दूधिया से अपनी यात्रा शुरू करने वाले चौ. वेदराम नागर दुनिया से जाने के बाद भी मिल्क किंग के नाम से प्रसिद्ध हैं। ग्रामीण क्षेत्र के किसानों व मजदूरों खासतौर से गुर्जर समाज में उनका नाम बेहद श्रद्धा व सम्मान के साथ लिया जाता है। भाजपा नेता व सांसद सुरेन्द्र सिंह नागर अपने पिता स्व. चौ. वेदराम नागर को याद करते हुए कहते हैं कि उनके पिता हमेशा अपनी उन्नति से पहले देश व समाज की उन्नति की चिंता करते थे। उनका प्रयास है कि वे अपने पिता द्वारा स्थापित आदर्शों को आगे बढ़ाते रहें।



