श्री धार्मिक रामलीला ग्रेटर नोएडा। रावण के दरबार में अंगद ने पैर उठाने के प्राण से प्रभु श्री राम की शक्तियों से रावण को कराया परिचित।
श्री धार्मिक रामलीला ग्रेटर नोएडा।
रावण के दरबार में अंगद ने पैर उठाने के प्राण से प्रभु श्री राम की शक्तियों से रावण को कराया परिचित।
शफी मौहम्मद सैफी
ग्रेटर नोएडा। श्री धार्मिक रामलीला कमेटी के तत्वाधान में गोस्वामी सुशील जी महाराज के दिशा निर्देशन में रामलीला का मंचन राजस्थान के सर्वश्रेष्ठ कलाकारों द्वारा किया जा रहा है । रामलीला मैदान ऐच्छर पाई सेक्टर में क मंचन में मुख्य अतिथि… सतेन्द्र शिशोदिया क्षेत्रीय अध्यक्ष भाजपा प०उ० प्रदेश व जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह रहे मंचन का प्रारंभ गणेश पूजन के साथ शुरू हुआ। मुख्य आकर्षण में जब हनुमान जी ने पूरी अशोक वाटिका को तहस-नहस करना शुरू किया तब उनको पकड़ने के लिए राक्षसों की सेना आई रावण का पुत्र अक्षय कुमार का हनुमान जी ने वध कर दिया तब मेघनाथ युद्ध के लिए आया हनुमान जी की अनंत शक्तियों को देखकर मेघनाथ ने ब्रह्मास्त्र चलाया बजरंगबली को ब्रह्मा जी का भी वरदान था हर प्रकार के ब्रह्म डंडों से वे अवध्य रहेंगे इसलिए ब्रह्मास्त्र का सम्मान रखने के लिए वह सिर्फ उसमें बंध गए।
रावण के सामने उपस्थित होने पर विभीषण के सुझाव पर रावण ने बजरंगबली की पूछ में आग लगाने की आज्ञा दी आग लगने पर बजरंगबली सिर्फ विभीषण का भवन छोड़कर पूरी लंका को जलाकर भस्म कर दिए और माता की चूड़ामणि निशानी के रूप में लेकर वापस प्रभु श्री राम के पास आ गए समुद्र पर सेतु बनाने के लिए प्रभु श्री राम ने शिव आराधना हेतु रामेश्वरम की स्थापना करके समुद्र से मार्ग मांगा तब समुद्र ने बताया कि नल नील नामक दो वानर हैं जो सेतु बनाने में सक्षम हैं उनके हाथ से जो पत्थर जल में डाले जाएंगे वह डूबेंगे नहीं सेतु का निर्माण हुआ और प्रभु श्री राम की सेना लंका पहुंची अंगद को दूत बनाकर भेजा गया की रावण को एक मौका और देना चाहिए। रावण के दरबार में अंगद ने पैर उठाने के प्राण से प्रभु श्री राम की शक्तियों से रावण को परिचित कराया फिर भी रावण समझ नहीं पाया और दोनों सेनाओं में युद्ध सुनिश्चित हो गया देखते-देखते ही बड़ा भयंकर युद्ध होने लगा मेघनाथ और भैया लक्ष्मण के बीच युद्ध में मेघनाथ ने भैया लक्ष्मण पर शक्ति चला दी जिससे मूर्छित होकर भैया लक्ष्मण पृथ्वी पर गिर गए। बजरंगबली लंका से सुषेण वैद्य को ले आये वैद्य ने बताया कि कल सुबह होने से पहले हिमालय से संजीवनी लानी पड़ेगी बजरंगबली को पहचान देकर भेजा गया लेकिन रावण के षड्यंत्र से वहां कालनेमी नामक राक्षस ने बजरंगबली को भ्रमित करने का प्रयास किया हनुमान जी ने उसका वध किया और यह न समझ पाने पर की संजीवनी कौन सी है हनुमान जी ने पूरा पर्वत ही लाकर सुषेण वैद्य के सामने रख दिया भैया लक्ष्मण की मुर्छा समाप्त हुई। प्रभु श्री राम के साथ ही पूरी सेवा में खुशियां छा गई। अध्यक्ष आनंद भाटी ने बताया कि आज की लीलाओं ने सभी दर्शकों का मनमोहन लिया इन अद्भुत और पावन लीलाओं का सभी क्षेत्रवासियों ने आनंद लिया और भगवान श्री राम की जयकारा से पूरे परिसर को राम मय कर दिया।
इस अवसर पर संस्था के संस्थापक गोश्वामी सुशील जी महाराज, राजकुमार नागर,पंडित प्रदीप शर्मा, शेर सिंह भाटी, संरक्षक हरवीर मावी,नरेश गुप्ता,सुशीलप नागर, बालकिशन सफीपुर,सतीश भाटी, यशपाल भाटी,अध्यक्ष आनन्द भाटी,महासचिव ममता तिवारी,कोषाध्यक्ष अजय नागर, मिडिया प्रभारी धीरेंद्र भाटी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेश शर्मा बदौली, सुभाष भाटी, उमेश गोतम, पवन नागर, विजय अग्रवाल, रोशनी सिंह, चेनपाल प्रधान, मनोज गुप्ता प्रवीण भाटी, सत्यवीर सिंह मुखिया, सुनील बंसल जितेंद्र भाटी, फिरे प्रधान, पी पी शर्मा, रकम सिंह, योगेंद्र नगर, अतुल आनंद, जयदीप सिंह, वीरपाल मावी, दिनेश गुप्ता, विमलेश रावल, मयंक चंदेल, यशपाल नगर, गीता सागर, ज्योति सिंह आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।