शारदा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक विभिन्न शोध क्षेत्रों में करेंगे काम,विकसित भारत व बेहतर कल होगा लक्ष्य।
शारदा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक विभिन्न शोध क्षेत्रों में करेंगे काम,विकसित भारत व बेहतर कल होगा लक्ष्य।
शफी मौहम्मद सैफी
ग्रेटर नोएडा। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा जारी दुनिया भर की शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में शारदा विश्वविद्यालय के 11 वैज्ञानिको ने जगह बनाई। वैज्ञानिक विभिन्न शौध जैसे बाइंडिंग मैटेरियल्स और नैनोमैटेरियल्स, पादप बायोमास (द्वितीयक कृषि) जैव प्रौद्योगिकी, जैव ईंधन, स्तन कैंसर, जैव ऊर्जा संचयन, जीवाणु बायोफिल्म और जैव प्रदूषण अध्ययन, बायोहाइथेन उत्पादन, प्रोग्रामिंग भाषाओं, गोपनीयता और सुरक्षा आदि क्षेत्रों में काम करेंगे ।
इस उपलब्धि को लेकर विश्वविद्यालय में उनके लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया। इस दौरान विश्वविद्यालय के चांसलर पीके गुप्ता और प्रो चांसलर वाईके गुप्ता ने उन्हें प्रतीक चिन्ह और शॉल उठाकर स्वागत किया। सूची में इस वर्ष दुनिया भर के 2,23,153 वैज्ञानिकों को शामिल किया गया था।
शारदा विश्वविद्यालय के चांसलर पीके गुप्ता ने कहा यह उल्लेखनीय उपलब्धि विभिन्न विषयों में शारदा विश्वविद्यालय के शोध के वैश्विक प्रभाव को उजागर करती है, जो वैज्ञानिक उत्कृष्टता और नवाचार के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया है।
विश्वविद्यालय प्रो चांसलर वाईके गुप्ता ने कहा कि यह बेहद गर्व और खुशी के साथ है कि मैं शारदा विश्वविद्यालय के सम्मानित वैज्ञानिकों को हार्दिक बधाई देता हूं, जिन्हें स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की विश्व वैज्ञानिकों की सूची में शीर्ष 2% में मान्यता मिली है। उनकी अथक मेहनत और लगन ने न केवल उन्हें पहचान दिलाई है बल्कि वैश्विक मंच पर हमारे विश्वविद्यालय का कद भी ऊंचा किया है।वाइस चांसलर डॉ सिबाराम खारा ने कहा कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक ने विभिन्न क्षेत्रों में शोध करके समाज और देश के हित में कार्य करेंगे। सभी बधाई के पात्र है जिन्होंने विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया। हम हमेशा इस पर कार्य करते रहेंगे और बेहतर करने की कोशिश करेंगे।
डीन रिसर्च डॉ भुवनेश कुमार ने कहा कि शारदा विश्वविद्यालय उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा देती है। संकाय सदस्य जो अपने शोध में सबसे आगे हैं, दुनिया की दबावपूर्ण चुनौतियों के लिए अत्याधुनिक समाधान प्रदान करने के विश्वविद्यालय के मिशन को दर्शाते हैं। उनके योगदान का न केवल शिक्षा जगत में बल्कि उद्योगों, नीति-निर्माण और सामाजिक उन्नति में भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।
इस दौरान विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर डॉ परमानंद,डीन रिसर्च डॉ भुवनेश कुमार,रजिस्ट्रार विवेक गुप्ता,डायरेक्टर पीआर डॉ अजीत कुमार,शारदा स्कूल ऑफ बेसिक साइंस के केमिस्ट्री प्रोफेसर डॉ एनबी सिंह ,डॉ पीके सिंह,डॉ आरसी कुहड़,डॉ सौम्या पंडित,डॉ संजय कुमार,डॉ पियुष कुमार गुप्ता, डॉ सुष्मिता बनर्जी,डॉ अश्वनी कुमार,डॉ भरत भूषण,डॉ कृष्ण कुमार,डॉ अर्पिता रॉय मौजूद रहे।