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ईशान लॉ कॉलेज, ग्रेटर नोएडा के ऑडिटोरियम में कलस्टर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम (संवर्धन) के अंतर्गत प्राविधिक स्वयं सेवकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ सम्पन्न

ईशान लॉ कॉलेज, ग्रेटर नोएडा के ऑडिटोरियम में कलस्टर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम (संवर्धन) के अंतर्गत प्राविधिक स्वयं सेवकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ सम्पन्न

गौतमबुद्धनगर। जनपद में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा कलस्टर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम (संवर्धन) के अंतर्गत प्राविधिक स्वयं सेवकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन आज ईशान लॉ कॉलेज, ग्रेटर नोएडा के ऑडिटोरियम में किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य पीएलवी को विधिक साक्षरता, सरकारी कल्याणकारी योजनाओं, दस्तावेजीकरण, महिला एवं बाल सुरक्षा कानूनों तथा फील्ड में प्रभावी कार्यप्रणाली संबंधी व्यवहारिक जानकारी प्रदान करना रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय जनपद न्यायाधीश गौतमबुद्धनगर अतुल श्रीवास्तव द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस अवसर पर चेयरमेन ईशान लॉ कॉलेज डी के गर्ग, सचिव डीएलएसएस/अपर जिला जज बागपत शबिस्ता आकिल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गौतमबुद्धनगर चन्द्र मोहन श्रीवास्तव, सचिव डीएलएसएस/अपर जिला जज गाजियाबाद कुमार मिताक्षर, सचिव डीएलएसएस/अपर जिला जज बुलंदशहर शहजाद अली, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हापुड़ ब्रह्मपाल सिंह तथा ईशान लॉ कॉलेज के विधि विभागाध्यक्ष एम खेरूवाला सहित वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी, विभागीय विशेषज्ञ, पैनल अधिवक्ता तथा बड़ी संख्या में पीएलवी उपस्थित रहे। उद्घाटन समारोह के अवसर पर माननीय जनपद न्यायाधीश अतुल श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रशिक्षित पीएलवी समाज के वंचित, कमजोर वर्गों तक न्याय की रोशनी पहुंचाने में सेतु की महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि पीएलवी केवल सूचना देने वाला माध्यम भर नहीं है, बल्कि वह एक ऐसे जागरूक नागरिक हैं जो विधिक जानकारी और सरकारी योजनाओं को सही पात्र तक पहुंचाने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। माननीय न्यायाधीश ने यह भी उल्लेख किया कि जनपद स्तर पर कार्यरत पीएलवी न्याय तक पहुंच को सरल और प्रभावी बनाने में अग्रसर हैं, सभी ईमानदारी, संवेदनशीलता तथा निष्ठा के साथ कार्य करें तो समाज में विधिक जागरूकता की एक मजबूत संरचना खड़ी की जा सकती है। उन्होंने सभी पीएलवी से अपेक्षा की कि वे प्रशिक्षण में प्राप्त ज्ञान का उपयोग फील्ड में पूरी गंभीरता से करें तथा हर पीड़ित, वंचित या जरूरतमंद व्यक्ति तक न्याय की पहुंच सुनिश्चित करने में सक्रिय भूमिका निभाएँ। इस अवसर पर माननीय जनपद न्यायाधीश अतुल श्रीवास्तव द्वारा विभिन्न जनपदों से चयनित उत्कृष्ट पीएलवी को प्रशस्ति पत्र एवं डायरी भेंट कर सम्मानित किया गया। सम्मानित पीएलवी में गौतमबुद्धनगर से विमलेश शर्मा एवं बालचंद नागर, बागपत से गोपीचंद सैनी एवं साजिदा परवीन, गाजियाबाद से अंकित त्यागी एवं नीलम वर्मा, बुलंदशहर से सोहनपाल सिंह एवं पुष्पेंद्र सिंह तथा हापुड़ से गौरव सहगल एवं तरु त्यागी शामिल रहे। प्रथम तकनीकी सत्र में नालसा योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गई। सचिव डीएलएसए/अपर जिला जज बागपत शबिस्ता आकिल ने विधिक सहायता आवेदन की प्रक्रिया, लाभार्थियों की पहचान तथा दस्तावेजीकरण पर प्रकाश डाला। इसके पश्चात नालसा आशा (स्टूडेंट अप्रोचिंग प्रोसीजर, चाइल्ड मेरिज उन्मूलन हेतु) योजना 2025 के प्रमुख प्रावधानों पर चर्चा की गई। पैनल अधिवक्ता हेमंत गोयल ने नालसा मानसिक बीमारी एवं बौद्धिक विकलांगता वाले व्यक्तियों हेतु कानूनी सेवाएं योजना की विस्तृत जानकारी प्रदान की। द्वितीय सत्र में तहसीलदार दादरी अजय कुमार, जिला कार्यक्रम अधिकारी तरुण कुमार, सहायक विकास अधिकारी नित्या, सहायक विकास अधिकारी रामेंद्र तथा समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं, लाभार्थी चयन, शिकायत निवारण तथा पीएलवी की भूमिका पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। तृतीय सत्र में बाल एवं महिला संबंधी कानूनों पर विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। पैनल अधिवक्ता सुरेंद्र यादव ने किशोर न्याय अधिनियम तथा पीड़ितों की भूमिका से संबंधित प्रक्रियाओं का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। ईशान लाॅ कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर आकांक्षा ओझा एवं दिवाॅशी रोहतगी ने पॉक्सो अधिनियम और पीड़ितों की सुरक्षा संबंधी प्रावधानों पर प्रकाश डाला। डायरेक्टर लीगल एंड लॉयर्स हैंड्स वेलफेयर एसोसिएशन (एनजीओ) आदित्य भाटी (अधिवक्ता) ने बाल श्रम कानून, पीड़ितों की पहचान, रिपोर्टिंग व रेस्क्यू प्रक्रिया पर जानकारी दी। पैनल अधिवक्ता नीलम चन्द ने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध एवं निवारण) अधिनियम, 2013 के महत्वपूर्ण प्रावधानों से प्रतिभागियों को अवगत कराया। चतुर्थ तकनीकी सत्र में सचिव डीएलएसए/अपर जिला जज बुलंदशहर शहजाद अली तथा सचिव डीएलएसए/अपर जिला जज गाजियाबाद कुमार मिताक्षर ने संयुक्त रूप से व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया। इसमें फील्ड दस्तावेजीकरण, पीड़ितवृत्ती डायरी, डीएलएसए को रिपोर्टिंग, केस पहचान पत्र, विभिन्न फॉर्म एवं योजना आवेदन भरने की प्रक्रिया तथा पीड़ितवृत्ती समन्वय कार्यप्रणाली पर विस्तृत जानकारी शामिल रही। समापन सत्र में सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गौतमबुद्धनगर चन्द्र मोहन श्रीवास्तव ने पीएलवी की भूमिका को समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। जनपद में कलस्टर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम (संवर्धन) के अंतर्गत प्राविधिक स्वयं सेवकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम अत्यंत सफल रहा। आयोजित कार्यक्रम में माननीय जनपद न्यायाधीश गौतमबुद्धनगर अतुल श्रीवास्तव, चेयरमेन ईशान लॉ कॉलेज डी के गर्ग, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गौतमबुद्धनगर चन्द्र मोहन श्रीवास्तव, सचिव डीएलएसएस/अपर जिला जज बागपत शबिस्ता आकिल, सचिव डीएलएसएस/अपर जिला जज गाजियाबाद कुमार मिताक्षर, सचिव डीएलएसएस/अपर जिला जज बुलंदशहर शहजाद अली, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हापुड़ ब्रह्मपाल सिंह तथा ईशान लॉ कॉलेज के विधि विभागाध्यक्ष एम खेरूवाला सहित 05 जनपदों (गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, बागपत, बुलंदशहर, हापुड़) के डीएलएसएस सचिव/प्रभारी अपर जिला जज, अधिवक्तागण पीएलवी उपस्थित रहे।

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