प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो मार्ट में सेमीकॉन इंडिया 2024 का किया शुभारंभ। भारत के लिए चिप का मतलब सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं है, यह करोड़ों एस्पिरेशंस को पूरा करने का माध्यम है। नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो मार्ट में सेमीकॉन इंडिया 2024 का किया शुभारंभ।
भारत के लिए चिप का मतलब सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं है, यह करोड़ों एस्पिरेशंस को पूरा करने का माध्यम है। नरेन्द्र मोदी
भारत का फोकस स्टूडेंट्स और प्रोफेशनल्स को सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री रेडी बनाने पर
हमारा सपना दुनिया की हर डिवाइस में हो इंडियन मेड चिप, सेमीकंडक्टर पावर हाउस बनने के लिए जो भी जरूरी होगा भारत सब करेगा
आज का भारत दुनिया को भरोसा देता है, व्हेन द चिप्स आर डाउन, यू कैन बेट ऑन इंडिया
भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में स्पेशल डायोड लगे हुए हैं, यहां हमारी एनर्जी दोनों डायरेक्शन में जाती ह
हमारे इंजीनियर्स न सिर्फ अभी के लिए हाईटेक चिप बनाएं, बल्कि नेक्स्ट जेन चिप पर भी रिसर्च करें
इस दशक के अंत तक इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर को 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाएंगे, इससे 60 लाख जॉब्स क्रिएट होंगी
सेमीकंडक्टर में भारत को ग्लोबल लीडर के रूप में स्थापित करेगा सेमीकॉन इंडिया
ग्रेटर नोएडा।भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो मार्ट में सेमीकॉन इंडिया 2024 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हम सेमीकंडक्टर से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत फोकस कर रहे हैं। भारत के लिए चिप का मतलब सिर्फ टेक्नोलॉजी भर नहीं है, हमारे लिए यह करोड़ों एस्पिरेशंस को पूरा करने का माध्यम है। भारत का फोकस अपने स्टूडेंट्स और प्रोफेशनल्स को सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री रेडी बनाने पर है। उन्होंने कहा कि भारत की नीतियों के कारण ही बहुत कम समय में 1.5 ट्रिलियन रुपए से ज्यादा के इन्वेस्टमेंट इस क्षेत्र में भारत में हो चुके हैं। भारत इस क्षेत्र में 360 डिग्री एप्रोच के साथ काम कर रहा है। हमारी सरकार भारत में पूरे सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन इकोसिस्टम को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि इस साल लाल किले से कहा था कि हमारा सपना है कि दुनिया की हर डिवाइस में इंडियन मेड चिप हो। सेमीकंडक्टर पावर हाउस बनने के लिए जो भी जरूरी होगा भारत वो सब करने वाला है। भारत का सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम सिर्फ भारत के नहीं बल्कि ग्लोबल चैलेंजेस को भी सॉल्यूशंस प्रोवाइड करेगा। इससे पूर्व उन्होंने प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इस दौरान उन्हें विभिन्न सेमीकंडक्टर आधारित उपकरणों एवं इनोवेशंस के विषय में जानकारी दी गई।
अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया का 8वां देश है जहां ग्लोबल सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री से जुड़ा यह भव्य आयोजन हो रहा है। कह सकता हूं कि आप सही समय पर सही जगह पर हैं। 21वीं सेंचुरी के भारत में द चिप्स आर नेवर डाउन और सिर्फ इतना ही नहीं, आज का भारत दुनिया को भरोसा देता है, व्हेन द चिप्स आर डाउन, यू कैन बेट ऑन इंडिया। उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर की दुनिया से जुड़े आप लोगों का नाता डायोड्स से जरूर पड़ता है। डायोड में एनर्जी सिर्फ एक डायरेक्शन में जाती है, लेकिन भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में स्पेशल डायोड लगे हुए हैं। यहां हमारी एनर्जी दोनों डायरेक्शन में जाती है। यह भी बहुत रोचक है। आप इनवेस्ट करते हैं और वैल्यू क्रिएट करते हैं, वहीं सरकार आपको स्टेबल पॉलिसी और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस देती है। सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री इंटीग्रेटेड सर्किट से जुड़ी हुई है। भारत भी आपको एक इंटीग्रेटेड इकोसिस्टम देता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के डिजाइनर्स और उनके जबर्दस्त टैलेंट को तो आप भलीभांति जानते हैं। डिजाइनिंग की दुनिया में 20 प्रतिशत टैलेंट का योगदान भारत करता है और इसका निरंतर विस्तार हो रहा है। हम 85 हजार टेक्नीशियंस, इंजीनियर्स और आरएंडडी एक्सपर्ट्स की सेमीकंडक्टर वर्कफोर्स तैयार कर रहे हैं। भारत का फोकस अपने स्टूडेंट्स और प्रोफेशनल्स को सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री रेडी बनाने पर है। हाल ही में नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की पहली बैठक हुई है। इस फाउंडेशन से भारत के रिसर्च इकोसिस्टम को एक नई दिशा भी मिलेगी, नई ऊर्जा भी मिलेगी। इसके अलावा भारत में वन ट्रिलियन रुपए का स्पेशल रिसर्च फंड भी बनाया गया है। ऐसे इनीशिएटिव से सेमीकंडक्टर और साइंस सेक्टर में इनोवेशन का दायरा बहुत ज्यादा बढ़ने वाला है।
सेमीकंडक्टर को लेकर भारत सरकार की नीतियों और निवेशकों की सहूलियत पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आपके पास एक थ्री डायमेंशनल पावर भी है। पहली, भारत की आज की रिफॉर्मिस्ट गवर्नमेंट। दूसरा, भारत में ग्रोइंग मैन्युफैक्चरिंग बेस और तीसरा, भारत का एस्पिरेशनल मार्केट। एक ऐसा मार्केट जो टेक्नोलॉजी का टेस्ट जानता है। उन्होंने कहा कि भारत की एस्पिरेशनल और टेक ओरिएंटेड सोसायटी बहुत ही यूनीक है। भारत के लिए चिप का मतलब सिर्फ टेक्नोलॉजी भर नहीं है, हमारे लिए यह करोड़ों एस्पिरेशंस को पूरा करने का माध्यम है। आज भारत चिप का बहुत बड़ा कंज्यूमर है। इसी चिप पर हमने दुनिया का सबसे बेहतरीन डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर बिल्ड किया है। भारत में लास्ट माइल डिलीवरी सुनिश्चित करने में आज यह छोटी सी चिप बड़े काम आ रही है। कोरोना जैसे महासंकट में जब दुनिया के मजबूत से मजबूत बैंकिंग सिस्टम भी चरमरा गए तब भारत में बैंक बिना रुके चल रहे थे। भारत का यूपीआई हो, रूपे कार्ड हो, डिजिलॉकर से लेकर डिजीयात्रा तक अलग-अलग तरह के डिजिटल प्लेटफॉर्म भारत के लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गए हैं। आज भारत आत्मनिर्भर होने के लिए हर सेक्टर में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ा रहा है। आज भारत बड़े पैमाने पर ग्रीन ट्रांजिशन कर रहा है। आज भारत में डेटा सेंटर की डिमांड लगातार बढ़ रही है, यानि ग्लोबल सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को ड्राइव करने में भारत बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक पुरानी प्रचलित कहावत रही है ‘ले द चिप फॉल, व्हेयर दे में’ यानी जो चल रहा है उसे वैसे ही चलने दिया जाए। आज का यंग और एस्पिरेशनल भारत इस भावना पर नहीं चलता। आज के भारत का मंत्र है इंक्रीजिंग द नंबर्स ऑफ चिप्स प्रोड्यूस इन इंडिया और इसलिए हमने सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को आगे बढ़ाने के लिए बहुत सारे कदम उठाए हैं। भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी लगाने के लिए 50 परसेंट सपोर्ट भारत सरकार दे रही है। हमारी राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर और मदद कर रही हैं। भारत की नीतियों के कारण ही बहुत कम समय में 1.5 ट्रिलियन रुपए से ज्यादा के इन्वेस्टमेंट इस क्षेत्र में भारत में हो चुके हैं। आज कई प्रोजेक्ट्स पाइपलाइन में हैं। सेमीकॉन इंडिया प्रोग्राम भी एक अद्भुत योजना है। इसके तहत फ्रंट एंड फैब्स, डिस्प्ले फैब्स, सेमीकंडक्टर पैकेजिंग, कंपाउंड सेमीकंडक्टर्स, सेंसर्स और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग के लिए फाइनेंशियल सपोर्ट दिया जा रहा है। यानी भारत में 360 डिग्री एप्रोच के साथ काम हो रहा है। हमारी सरकार भारत में पूरे सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन इकोसिस्टम को आगे बढ़ा रही है। इस साल हमने लाल किले से कहा था कि हमारा सपना है कि दुनिया की हर डिवाइस में इंडियन मेड चिप हो। सेमीकंडक्टर पावर हाउस बनने के लिए जो भी जरूरी होगा भारत वो सब करने वाला है।
क्रिटिकल मिनरल्स को लेकर उन्होंने कहा कि क्रिटिकल मिनिरल्स के डॉमेस्टिक प्रोडक्शन और इसके ओवरसीज एक्विजिशन के लिए हमने कुछ दिन पहले क्रिटिकल मिनरल मिशन की घोषणा की है। क्रिटिकल मिनरल्स को कस्टम ड्यूटी से छूट देना हो, ब्लॉक्स की, माइनिंग की ऑक्शन हो, इन सब पर तेजी से काम हो रहा है। इतना ही नहीं, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस में एक सेमीकंडक्टर रिसर्च सेंटर बनाने में भी काम कर रहे हैं। हम आईआईटी के साथ पार्टनरशिप कर रहे हैं, ताकि हमारे इंजीनियर्स न सिर्फ अभी के लिए हाईटेक चिप बनाएं, बल्कि नेक्स्ट जेन चिप पर भी रिसर्च करें। हम इंटरनेशनल कोलाबरेशन को भी आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप लोगों ने ऑयल डिप्लोमेसी का नाम सुना है, आज का युग सिलिकॉन डिप्लोमेसी का युग है। इसी साल भारत इंडो पैसिफिक इकॉनमिक फ्रेमवर्क की सप्लाई चेन काउंसिल का वाइस चेयर चुना गया है। हम क्वॉड सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन इनीशिएटिव के भी बड़े पार्टनर हैं। हाल ही में हमने जापान और सिंगापुर समेत कई देशों के साथ एग्रीमेंट भी साइन किए हैं। इस सेक्टर में अमेरिका के साथ भी भारत अपना सहयोग लगातार बढ़ा रहा है।प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया मिशन का लक्ष्य देश को एक ट्रांसपेरेंट, इफेक्टिव और लीकेज फ्री गवर्नेंस देना था और आज हम इसके मल्टीप्लायर इफेक्ट को महसूस कर रहे हैं। एक दशक पहले हम मोबाइल फोन्स के बड़े इंपोर्टर्स में एक थे और आज हम दुनिया के नंबर 2 प्रोड्यूसर और एक्सपोर्टर हैं। अभी एक ताजा रिपोर्ट आई है कि आज भारत 5जी हैंडसेट्स का दूसरा सबसे बड़ा मार्केट बन चुका है। दो साल पहले ही हमने 5जी रोलआउट शुरू किया था और आज देखिए हम कहां से कहां पहुंच चुके हैं। आज भारत का इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर 150 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा का हो चुका है और अब तो हमारा लक्ष्य और भी बड़ा है। इस दशक के अंत तक हम अपने इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर को 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाना चाहते हैं। इससे भारत के युवाओं के लिए करीब 6 मिलिनयन यानी 60 लाख जॉब्स क्रिएट होंगी। भारत के सेमीकंडक्टर सेक्टर को भी इसका बहुत अधिक फायदा होगा। हमारा लक्ष्य है कि इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग का 100 प्रतिशत काम भारत में ही हो यानी भारत सेमीकंडक्टर चिप भी बनाएगा और उनके फिनिश गुड्स भी बनाएगा। मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हो, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हो या सेमीकंडक्टर हो, हमारा फोकस एकदम क्लियर है। हम एक ऐसी दुनिया बनाना चाहते हैं जो संकट के समय भी रुके नहीं, ठहरे नहीं, निरंतर चलती रहे। सेमीकोन इंडिया-2024 के उद्घाटन अवसर पर मा0 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सेमीकॉन इंडिया- 2024 प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप सेमीकंडक्टर के उत्पादन, डिजाइन व टेक्नोलॉजी डवलपमेंट में भारत को ग्लोबल लीडर के रूप में स्थापित करेगा। उत्तर प्रदेश आज देश-दुनिया में कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स के निर्यातक के रूप में उभरा है। पिछले कुछ वर्षों में हुए प्रयास का ही परिणाम है कि देश के मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग का 55 प्रतिशत और मोबाइल कंपोनेंट का 50 प्रतिशत उत्पादन उत्तर प्रदेश में हो रहा है। उन्होंने कहा कि सैमसंग इंडिया अपने डिस्प्ले यूनिट के प्लांट की स्थापना उत्तर प्रदेश में कर रहा है। साथ ही उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर का बड़ा हब बन रहा है। सेमीकंडक्टर को अनुकूल वातावरण प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश सेमीकंडक्टर नीति-2024 लागू की गई है। इस नीति में पूंजीगत सहायता, ब्याज उपादान, भूमि मूल्य, स्टांप, विद्युत शुल्क में छूट के आकर्षक प्रावधान किए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इंडिया एक्सपो मार्ट में सेमीकॉन इंडिया-2024 के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए। 11-13 सितंबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम की थीम “शेपिंग द सेमीकंडक्टर फ्यूचर” है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा यह तीन दिवसीय कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को धरातल पर उतारने वाला साबित होगा। सीएम योगी ने कहा कि वर्ष 2020 में वैश्विक महामारी कोरोना और भू-राजनीतिक वैश्विक तनाव से ग्लोबल सप्लाई चेन पर बुरा असर पड़ा था। इससे सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री भी प्रभावित हुई थी। उन्होंने कहा कि दुनिया जब कोरोना से पस्त थी, उस समय प्रधानमंत्री मोदी के विजनरी नेतृत्व में भारत ने कोरोना प्रबंधन के साथ ही सेमी कंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग ईको सिस्टम के विकास के लिए अपनी नोटिफिकेशन जारी किया था। यह आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में बढ़ाया गया महत्वपूर्ण कदम था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश ने आईटी सेक्टर, डाटा सेंटर, इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग और सेमीकंडक्टर पर विशेष ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश वैश्विक सेमीकंडक्टर डिजाइन के इंजीनियर्स के हब के रूप में स्थापित हो रहा है। मीडिया टेक, ईआरएम, क्वॉलकॉम,एनएचपी, सिनॉप्सिस कैंडेंस जैसी प्रमुख कंपनियां यहां स्थापित हैं, जो उत्तर प्रदेश में स्थानीय प्रतिभा को लाभ उठाने और सेमीकंडक्टर की डिजाइन में नवाचार को बढ़ावा देने में सहायक साबित हो रही हैं। इसी को देखते हुए उत्तर प्रदेश में आईटी इंडस्ट्री को उद्योग का दर्जा दिया गया है, जिससे प्राधिकरणों के अधीन उद्योग भूमि को सस्ते दरों पर आईटी कंपनियों को दिया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निवेश के अनुकूल वातावरण बनाने की दिशा में अनेक कदम उठाए गए हैं। इसी का परिणाम है कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तर प्रदेश ने अचीवर स्टेट का दर्जा हासिल किया है। वर्तमान में प्रदेश में अलग-अलग सेक्टर की 27 सेक्टोरियल पॉलिसी लागू की गई है। उत्तर प्रदेश एफडीआई फार्चून ग्लोबल-500 और फार्चून इंडिया-500 कंपनियों के लिए भी हमारी समर्पित नीति है। उद्यमियों की सुविधा के लिए टेक्नोलॉजी का अधिक से अधिक उपयोग करते हुए सिंगल विंडो पोर्टल ‘निवेश मित्र’ के माध्यम से 450 से अधिक ऑनलाइन सेवाएं संचालित की जा रही हैं। एमओयू मॉनिटरिंग हेतु ‘निवेश सारथी’ पोर्टल विकसित किया गया है। इंसेंटिव वितरण भी आज प्रदेश में ऑनलाइन किया जा रहा है। निवेशकों की सहायता के लिए 100 उद्यमी मित्र तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, इंफ्रास्ट्रक्चर कनेक्टिविटी और सुदृढ़ कानून व्यवस्था आज उत्तर प्रदेश की यूएसपी है। उत्तर प्रदेश में रेल और रोड का बड़ा नेटवर्क है। ईस्टर्न और वेस्टर्न फ्रेट डेडीकेटेड कॉरिडोर प्रदेश से होकर गुजरता है। वाराणसी से हल्दिया के मध्य देश का पहला इनलैंड वाटर-वे संचालित है। वाराणसी में मल्टी मॉडल टर्मिनल के साथ ही दादरी में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब और उड़ाकी में लॉजिस्टिक ट्रांसपोर्ट हब विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे राज्य का पहला मेडिकल डिवाइस पार्क, फिल्म सिटी, टॉय सिटी, अपैरल पार्क और हैंडीक्राफ्ट पार्क विकसित किया जा रहा है। ग्रेटर नोएडा में इंटीग्रेटेड टाउनशिप, बरेली में मेगा फूड पार्क और उन्नाव में ट्रांस गंगा सिटी आदि योजनाएं तेजी के साथ आगे बढ़ रही हैं।कार्यक्रम में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री जितिन प्रसाद, गौतमबुद्ध नगर के सांसद महेश शर्मा, जनप्रतिनिधि गण, शासन, प्रशासन एवं पुलिस के उच्च अधिकारियों समेत सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में कार्य कर रहे देश-दुनिया के ग्लोबल लीडर शामिल रहे।