पीयूष गोयल ने भारत के वैश्विक नेतृत्व को मजबूत करने और एक गंतव्य के रूप में स्थापित करने के लिए एकीकृत इलेक्ट्रिकल उद्योग प्रदर्शनी का किया आह्वान।
पीयूष गोयल ने भारत के वैश्विक नेतृत्व को मजबूत करने और एक गंतव्य के रूप में स्थापित करने के लिए एकीकृत इलेक्ट्रिकल उद्योग प्रदर्शनी का किया आह्वान।
कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री, भारत सरकार में संयुक्त सचिव विमल आनंद ने कहा कि भारत 2030 के लक्ष्य से पहले अगले साल तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और भारत के बिजली क्षेत्र में विस्तार के लिए आरबीएसएम में एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए
ईटेकनेक्स्ट (eTECHnxt) कॉन्फ्रेंस में कौशल सुधार पर जोर के साथ क्लीन एनर्जी, स्मार्ट ग्रिड और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर प्रकाश डाला गया।
भारत के आर्थिक उत्थान और सस्टेनेबल ऊर्जा नेतृत्व पर हुई चर्चाओं में जर्मन एम्बेसी में एम्बेस्डर एच. ई. डॉ. फिलिप एकरमैन ने भाग लिया
ग्रेटर नोएडा। इलेक्रामा 2025 के तीसरे दिन मिनिस्टर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, भारत सरकार श्री पीयूष गोयल ने मुख्य भाषण दिया और भारत के ऊर्जा रूपांतरण, नीतिगत दिशानिर्देश और तकनीकी प्रगति से जुड़ी महत्वपूर्ण चर्चाओं के लिए मंच तैयार किया। आईईईएमए के प्रेसिडेंट सुनील सिंघवी, इलेक्रामा के प्रेसेडिंट (इलेक्ट) एवं चेयरमैन विक्रम गंडोत्रा और आईईईएमए के वाइस प्रेसिडेंट एवं इलेक्रामा 2025 के वाइस चेयरमैन सिद्धार्थ भूटोरिया जैसे दिग्गजों के साथ, पीयूष गोयल ने डॉमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को मजबूती देने, क्लीन एनर्जी अपनाने को प्रोत्साहन, नवाचार और सहयोग के जरिये भविष्य के लिए तैयार बिजली क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने अपने संबोधन में सस्टेनेबल एनर्जी सॉल्युशंस में ग्लोबल लीडर बनने के भारत के विज़न पर जोर दिया और नीतिगत समर्थन, रणनीतिक उद्योग साझेदारी और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों में निवेश के महत्व के बारे में बताया।
मिनिस्टर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, भारत सरकार पीयूष गोयल ने भारत के इलेक्ट्रिकल उद्योग से एक एकीकृत विश्वस्तरीय प्रदर्शनी मंच (एक्सपोजिशन प्लेटफॉर्म) तैयार करने, भारत को इलेक्ट्रिकल और ऊर्जा समाधानों के लिए वैश्विक गंतव्य के रूप में स्थापित करने का आग्रह किया। इलेक्रामा में बोलते हुए, उन्होंने इलेक्रामा और अन्य उद्योग केंद्रित प्रदर्शनियों सहित प्रमुख प्रदर्शनियों को एक शोकेस में विलय करने की जरूरत पर जोर दिया, जिससे भारत वैश्विक कंपनियों के लिए वन-स्टॉप शॉप बन सके।पीयूष गोयल ने कहा, “भारत वैश्विक ऊर्जा रूपांतरण में सबसे आगे है और हमारा इलेक्ट्रिकल उद्योग इस बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कई अलग-अलग प्रदर्शनियों की मेजबानी करने के बजाय, हमें एक साथ मिलकर एक संयुक्त और बड़े स्तर का आयोजन करना चाहिए जो दुनिया के सामने हमारी पूरी क्षमताओं को प्रदर्शित करे। 1,500 से अधिक प्रदर्शकों, 100,000 से ज्यादा विजिटर्स और सबसे बड़े वैश्विक निवेशकों की भागीदारी वाली एक प्रदर्शनी की कल्पना कीजिए – यह भारत को वैश्विक इलेक्ट्रिकल उद्योग के केंद्र के रूप में मजबूती से स्थापित करेगा।”
उन्होंने इस विज़न को साकार करने में उद्योग संगठनों की अगुवाई की जरूरत पर जोर दिया, ताकि भारत के डॉमेस्टिक सेक्टर की मजबूती और निर्यात और वैश्विक साझेदारी का भी विस्तार सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा, “आइए हम दुनिया को भारत में लाएं। अगर हम बेहद व्यापक और प्रभावित करने वाला एक एकीकृत मंच बनाते हैं, तो अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को पता चलेगा कि भारत इलेक्ट्रिकल से जुड़े हर सामान के लिए वन-स्टॉप डेस्टिनेशन है। चाहे वह विद्युत अवसंरचना हो, स्वचालन हो या स्मार्ट ग्रिड समाधान हो – भारत के पास विशेषज्ञता, तकनीक और दूरदृष्टि हर चीज मौजूद है। दुनिया को कहना चाहिए, ‘भारत जाइए, और आपको वहां इलेक्ट्रिकल से संबंधी नवाचार का भविष्य देखने को मिलेगा।”भविष्य की बात करें तो, भारत अरबों डॉलर के निर्यात बाजार पर कब्जा करने के उद्देश्य से इलेक्ट्रिकल और बिजली क्षेत्र में अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को तेजी से बढ़ा रहा है। गोयल ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार, स्मार्ट ग्रिड में प्रगति और डिजिटल स्वचालन से व्यवसायों के लिए सहयोग, सह-निर्माण और भारत को इलेक्ट्रिकल समाधानों के लिए वैश्विक महाशक्ति के रूप में स्थापित करने के नए अवसर खुल रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमारे उद्योग को बड़ा सोचना चाहिए, तेजी से काम करना चाहिए और साथ मिलकर काम करना चाहिए। एक मंच के तहत एकजुट होकर, हम न केवल अपने डॉमेस्टिक सेक्टर को मजबूत करते हैं, बल्कि भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में अग्रणी ताकत के रूप में भी स्थापित करते हैं। अभी मौका है और हमें इसका लाभ उठाना चाहिए।”रिवर्स बायर सेलर मीट (आरबीएसएम) में मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, भारत सरकार में संयुक्त सचिव विमल आनंद के नेतृत्व में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर के साथ एक उपलब्धि भी हासिल हुई, जिससे मजबूत उद्योग सहयोग और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी का मार्ग प्रशस्त हुआ है। ये समझौते वैश्विक बाजार से जुड़े अवसरों का विस्तार करने, निवेश को बढ़ावा देने और भारत के बिजली क्षेत्र में प्रौद्योगिकी-आधारित विकास को गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।इस अवसर पर मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, भारत सरकार में संयुक्त सचिव विमल आनंद ने कहा, “भारत का विकास स्वाभाविक रूप से अपने बुनियादी ढांचे का विकास लेकर आता है और हम बुनियादी ढांचे के विकास के साथ, न केवल भवनों के निर्माण और विभिन्न अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के संदर्भ में, बल्कि लॉजिस्टिक्स, मोबिलिटी समाधान, यूटिलिटीज समाधानों के संदर्भ में भी, शीर्ष पर पहुंचने के लिए तैयार हैं और हम 2030 तक जीडीपी के संदर्भ में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के अनुमान की तुलना में काफी जल्दी, वास्तव में अगले साल तक उस स्थिति को हासिल कर लेंगे और हम संभवतः अगले वर्ष में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।”
इस गति को और बढ़ाते हुए, ईटेकनेक्स्ट (eTECHnxt) कॉन्फ्रेंस के पांचवें संस्करण का उद्घाटन किया गया, जिसमें क्लीन एनर्जी, कार्बन बाजार, ऊर्जा भंडारण और बिजली उत्पादन में डिजिटल बदलाव पर चर्चा करने के लिए विशेषज्ञ एक साथ आए। प्रौद्योगिकी से परे, कॉन्फ्रेंस ने डिजिटलीकरण, स्मार्ट ग्रिड और कार्यबल के कौशल विकास की जरूरत पर प्रकाश डाला और यह स्वीकार किया गया कि स्वच्छ, तकनीक आधारित ऊर्जा क्षेत्र में परिवर्तन के लिए एक अच्छी तरह से तैयार और कुशल कार्यबल की जरूरत होती है। समिट में एक व्यापक श्वेतपत्र – न्यू फ्रंटियर्स इन पावर जेनरेशन पेश किया गया, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा, लागत-दक्षता और ग्रिड आधुनिकीकरण में ऊर्जा भंडारण की भूमिका पर प्रकाश डाला गया।
भारत में जर्मन एम्बेसी में एम्बेस्डर एच. ई. डॉ. फिलिप एकरमैन की अगुआई में ‘भारत, द विश्वामित्र’ शीर्षक से एक ज्ञानवर्धक राउंडटेबल के साथ दिन का समापन हुआ। इस अवसर पर मुख्य रूप से ऊंची ग्रोथ को बनाए रखने और समावेशी विकास सुनिश्चित करने में संरचनात्मक सुधारों, डिजिटलीकरण और बुनियादी ढांचे की भूमिका पर जोर दिया गया। ऊर्जा और इलेक्ट्रिकल उद्योग के दृष्टिकोण से, चर्चाएं नवीकरणीय ऊर्जा, स्मार्ट ग्रिड और ऊर्जा भंडारण में निवेश द्वारा समर्थित क्लीन एनर्जी से जुड़े भविष्य की ओर भारत के रूपांतरण पर केंद्रित थीं।
वैश्विक नीति निर्माताओं, कारोबार जगत के दिग्गजों और टेक्नोलॉजी की खोज करने वालों के बीच भागीदारी के साथ, इलेक्रामा 2025 भारत के बिजली क्षेत्र के भविष्य को आकार देने वाली प्रभावशाली बातचीत को आगे बढ़ाता रहेगा। नीति, टेक्नोलॉजी और बाजार की तत्परता के बीच की खाई को पाटकर, यह आयोजन भारत के क्लीन एनर्जी परिवर्तन को गति देने और एक लचीला, भविष्य के लिए तैयार विद्युत अवसंरचना (पावर इंफ्रास्ट्रक्चर) की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा।