शारदा में नॉर्थ ईस्ट कल्चरल फेस्ट का हुआ आयोजन।
शारदा में नॉर्थ ईस्ट कल्चरल फेस्ट का हुआ आयोजन।
शफी मौहम्मद सैफी
ग्रेटर नोएडा। ग्रेनो के नॉलेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय में सोमवार देर शाम सातवें नॉर्थ ईस्ट कल्चरल फेस्ट बेलियेटस का आयोजन किया गया। इसमें एक मंच पर पूरे पूर्वोत्तर भारत की सांस्कृतिक छटा के रंग दिखे। आठ राज्यों के छात्रों ने पारंपरिक नृत्यों और पोशाकों से समां बांध दिया। विवि के आनंद स्वरूप ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम नॉर्थ ईस्ट कल्चरल फेस्टिवल के छठे संस्करण में असम, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम मेघालय,त्रिपुरा, सिक्किम और नागालैंड के छात्रों ने शानदार अभिनय और कलाकारी से दर्शकों का मन मोह लिया। अरुणाचल प्रदेश के छात्रों ने पारंपरिक नृत्य कर दर नृत्य कर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। असम के छात्र और छात्राओं ने बीहू की प्रस्तुति देकर समां बांध दिया असम के कलाकारों ने जब परंपरागत पोशाक पहनकर पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन पर खूबसूरत बिहू नृत्य पेश किया तो पूरा सदन तालियों से गूंज उठा।इसके अलावा मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड और सिक्किम के बच्चों ने भी लोकनृत्यों के जरिए परंपरा के रंग झलकाए। अरुणाचल के छात्र ने पारंपरिक कोरस डांस कर दर्शकों का दिल जीत लिया। चेरो नृत्य से मिजोरम के कलाकारों ने दर्शकों को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया। इसमें 6 से 8 लोग साथ मिलकर बांस की सहायता से प्रस्तुति दी। इसके अलावा कश्मीर की छात्राओं ने भी पारंपरिक और बॉलीवुड के गानों पर डांस कर दर्शकों का मन मोह लिया।यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर डॉ सिबाराम खारा ने कहा कि शारदा विवि में पूर्वोत्तर के इंद्रधनुषी रंग से बच्चों ने वहां की लोक कलाओं और संस्कृति को दर्शाया, हमें खुशी है कि हमारा कैंपस ऐसे आयोजनों से बच्चों की हौसला अफजाई करता है। नॉर्थ ईस्ट पहाड़, हरियाली और परंपराओं के लिए जाना जाता है। यहां के बच्चे न केवल देश में बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी परंपरा के बल पर लोगों का दिल जीतते आए हैं। पढाई के अलावा ऐसे कार्यक्रमों से छात्रों का सर्वांगीण विकास होता है। इस मौके पर सीनियर जॉर्नलिस्ट देबांग ने कहां की में यहां आकर बहुत खुश हूं। हमें नॉर्थ ईस्ट पर गर्व है। आप भारत का भविष्य है, नार्थ ईस्ट बहुत ही मुश्किल जगह से आते है। जहां सुविधा की कमी है। आप देश की सबसे अच्छी यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे है।ने कहा कि मै इस कार्यक्रम का हिस्सा बन के खुश हूं। यह एक इंटरसेटिंग प्रोग्राम है। हमे नॉर्थ ईस्ट के लिए गर्व होना चाहिए और इस के कल्चर को बनाए रखना चाहिए। नॉर्थ ईस्ट के स्टूडेंट बेहद अलग और मेहनती होते है। यही नहीं हमे कभी कभी अन्य प्रकार की समस्याओं जैसे भाषा आदि फेस करना पढ़ता है।इस मौके पर किरन रिजिजू के ओएसडी कोमजूम रिबा पत्रकार इंदरजीत राय, यूनिवर्सिटी के प्रो वाईस चांसलर परमानंद, डायरेक्टर पीआर डॉ अजीत कुमार आदि लोग मौजूद रहे।