जुलाई तक पूरा होगा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, उड़ान संचालन को मिलेगी हरी झंडी
जुलाई तक पूरा होगा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, उड़ान संचालन को मिलेगी हरी झंडी
ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से पहली वाणिज्यिक उड़ान का इंतजार अब और लंबा हो गया है। निर्माण कार्य की रफ्तार धीमी होने और आवश्यक बुनियादी ढांचे की तैयारियां अधूरी होने के चलते 30 जुलाई 2025 से पहले उड़ान संचालन संभव नहीं है। मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने निर्माण कार्य की समीक्षा की और विकासकर्ता एजेंसी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL) को सख्त निर्देश दिए कि सभी लंबित कार्य तय समय सीमा के भीतर पूरे किए जाएं।
एयरपोर्ट से विमानों की उड़ान की अनुमति पाने के लिए अब 10 मई को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) की संयुक्त टीम सुरक्षा मानकों की जांच करेगी। रिपोर्ट संतोषजनक पाए जाने पर एयरपोर्ट को उड़ान संचालन की अनुमति मिल सकती है।एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण अंतिम चरण में है। एयर साइट और लैंड साइट के कार्य लगभग पूरे हो चुके हैं। टर्मिनल की पहली मंजिल पर छत की स्टील फ्रेमिंग और आंतरिक फिनिशिंग का कार्य चल रहा है, जबकि दूसरी मंजिल पर फार्वेरिंक लगाने के लिए इटली से मंगाई गई सामग्री की सिलाई मुंबई में कराई जा रही है। 15 जून तक छत के नीचे तकनीकी फाइबर लगाने का काम पूरा करने का निर्देश दिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 10 मार्च को एयरपोर्ट का निरीक्षण किया था और वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट (WTP) और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) के अधूरे काम पर नाराजगी जताई थी। अब मुख्य सचिव ने चेतावनी दी है कि यदि यह कार्य समय पर पूरा नहीं होता है, तो वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए
पिछले वर्ष बरसात के दौरान पथवाया नाले से जलभराव की समस्या सामने आई थी। सिंचाई विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि मानसून शुरू होने से पहले पानी निकासी की व्यवस्था पूरी कर लें। वहीं, एयरपोर्ट के मेन एक्सेस रोड को टर्मिनल से जोड़ने का काम भी अभी अधूरा है।अब तक एयरपोर्ट का 85 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। 10 एयरोब्रिज लग चुके हैं, बैगेज सिस्टम चालू है और रनवे तैयार हो चुका है। एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) बिल्डिंग में उपकरण लगाए जा चुके हैं, हालांकि छह कमरे में अभी कार्य बाकी है। परिसर में जलभराव रोकने के लिए दो तालाब बनाए गए हैं। टर्मिनल में एक मंजिल से दूसरी मंजिल तक जाने के लिए एक्सीलेटर भी चालू कर दिए गए हैं।फसल कटाई के चलते मजदूरों की संख्या में कमी आई है। फिलहाल 6,500 श्रमिक कार्यरत हैं, जिसे बढ़ाकर 8,000 करने की योजना है।पहले 30 सितंबर 2024 तक एयरपोर्ट से उड़ान शुरू होनी थी। बाद में समयसीमा 31 दिसंबर 2024 तक बढ़ाई गई और संचालन न होने पर 10 लाख रुपये प्रतिदिन जुर्माने का प्रावधान रखा गया। इसके बावजूद कार्य पूरा न होने पर अंतिम समयसीमा 17 अप्रैल 2025 तय की गई थी, जिसमें तीन अंतरराष्ट्रीय, 25 घरेलू और दो कार्गो विमानों का संचालन प्रस्तावित था।