चलती मेट्रो, बंद होते दरवाज़े और फंसा पैर… तभी सामने आईं मसीहा महिलाएं!
चलती मेट्रो, बंद होते दरवाज़े और फंसा पैर… तभी सामने आईं मसीहा महिलाएं!
दिल्ली। दिल्ली मेट्रो के यमुना बैंक स्टेशन पर शुक्रवार को एक बड़ा हादसा टल गया, जब भाजपा ग्रेटर नोएडा के पूर्व मीडिया एग्जीक्यूटिव भगवत प्रसाद शर्मा का एक पैर चलती मेट्रो के दरवाजे में फंस गया। हालांकि समय रहते तीन महिलाओं की तत्परता ने बड़ा अनर्थ होने से रोक दिया।घटना के अनुसार भगवत प्रसाद शर्मा बाराखंबा से नोएडा बॉटानिकल गार्डन जाने के लिए मेट्रो में सवार हुए थे, लेकिन भूलवश वह वैशाली जाने वाली मेट्रो में चढ़ गए। ग़लती का एहसास होने पर वह यमुना बैंक स्टेशन पर उतरने लगे, तभी दरवाज़े अचानक बंद हो गए। भगवत प्रसाद बाहर तो निकल आए, लेकिन उनका एक पैर दरवाज़े में फंस गया और वह ज़ोर से प्लेटफॉर्म पर गिर पड़े। उनके घुटने, कोहनी और कूल्हे में गंभीर चोटें आईं।
इस संकट की घड़ी में प्लेटफॉर्म पर मौजूद एक महिला अपनी दो बेटियों के साथ तुरंत उनकी मदद के लिए दौड़ी। उन्होंने न केवल मेट्रो के दरवाज़े खुलवाकर उनका फंसा हुआ पैर निकाला, बल्कि उन्हें सहारा देकर सुरक्षित स्थान पर बैठाया, पानी पिलाया और मेडिकल टीम आने तक राहत पहुंचाती रहीं।शर्मा ने इन महिला सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, “उनके कारण ही मेरा जीवन बचा। मैं उनका नाम नहीं जानता, लेकिन यदि वह मेरी फेसबुक पोस्ट देख रही हों तो मैं उनके चरण स्पर्श करना चाहता हूं। दिल्ली ने फिर से साबित कर दिया कि इंसानियत अब भी जिंदा है।”दिल्ली मेट्रो की मेडिकल टीम और अन्य यात्रियों ने भी समय पर सहायता प्रदान कर इंसानियत की मिसाल पेश की। भगवत प्रसाद शर्मा ने सभी मददगारों को हृदय से धन्यवाद ज्ञापित किया।