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ग्रेटर नोएडा के जीएल बजाज में गुणवत्ता का महाकुंभ: NCQC-2025 में जुटेंगे 12 हजार से अधिक प्रतिनिधि

ग्रेटर नोएडा के जीएल बजाज में गुणवत्ता का महाकुंभ: NCQC-2025 में जुटेंगे 12 हजार से अधिक प्रतिनिधि

ग्रेटर नोएडा।देश में गुणवत्ता, नवाचार और निरंतर सुधार को समर्पित सबसे बड़े राष्ट्रीय आयोजनों में शामिल 39वें राष्ट्रीय गुणवत्ता अवधारणा सम्मेलन (NCQC-2025) का भव्य आयोजन 19 से 21 दिसंबर, 2025 तक ग्रेटर नोएडा स्थित जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट में होने जा रहा है। इस तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन क्वालिटी सर्कल फोरम ऑफ इंडिया (QCFI) द्वारा किया जा रहा है।

सम्मेलन की थीम “आत्मनिर्भर विकसित भारत” रखी गई है, जो भारत को आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में गुणवत्ता की केंद्रीय भूमिका को दर्शाती है।

12,000 से अधिक प्रतिनिधियों की भागीदारी

NCQC-2025 में देशभर से 12,000+ प्रतिनिधियों के शामिल होने की उम्मीद है, जो 650–700 संगठनों का प्रतिनिधित्व करेंगे। मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस सेक्टर, शिक्षा, स्वास्थ्य, एमएसएमई और सार्वजनिक क्षेत्र से जुड़ी गुणवत्ता टीमें सम्मेलन में अपने नवाचार और श्रेष्ठ अनुभव साझा करेंगी।

उद्घाटन से समापन तक गुणवत्ता का उत्सव

सम्मेलन का उद्घाटन 19 दिसंबर को दोपहर 3 बजे होगा, जबकि समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह 21 दिसंबर को दोपहर 3:30 बजे आयोजित किया जाएगा। सम्मेलन से पहले 16 दिसंबर को जूरी डेवलपमेंट प्रोग्राम आयोजित कर मूल्यांकन मानकों पर विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।

चार दशकों की गुणवत्ता यात्रा

1982 में स्थापित QCFI देशभर में 35 सक्रिय चैप्टर्स के माध्यम से क्वालिटी सर्कल, TQM और निरंतर सुधार पद्धतियों को बढ़ावा दे रहा है। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए QCFI ने देश की गुणवत्ता क्षमताओं को वैश्विक पहचान दिलाई है।

उद्योग–शिक्षा सहयोग को नई दिशा

जीएल बजाज एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस के नेतृत्व ने कहा कि NCQC-2025 की मेजबानी शिक्षा और उद्योग के बीच सेतु का कार्य करेगी। इससे छात्रों, शिक्षकों और उद्योग विशेषज्ञों को एक साझा मंच मिलेगा, जहां वैश्विक श्रेष्ठ प्रथाओं पर संवाद और सीख संभव होगा।

आत्मनिर्भर भारत की ओर मजबूत कदम

NCQC-2025 न केवल संगठनों में उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि युवाओं और कर्मचारियों में समस्या-समाधान, नेतृत्व और विश्लेषणात्मक सोच विकसित कर “आत्मनिर्भर विकसित भारत” के लक्ष्य को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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